रांची – मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राजधानी रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के 1,76,977 किसानों के दो लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ किए। यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और उन्हें कृषि के क्षेत्र में एक नई शुरुआत का मौका देने की दिशा में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम किसानों के सम्मान और उनके सशक्तिकरण के लिए है।
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास:
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लगातार किसानों की समस्याओं को समझते हुए ठोस निर्णय ले रही है। किसानों की मदद के लिए राज्य सरकार ने करीब 400.66 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किए हैं, ताकि किसान अपने खेतों को अपनी ताकत समझ सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है और किसानों का खेत उनका बैंक और खलिहान उनका एटीएम है।
वैकल्पिक कृषि और सरकारी योजनाओं का लाभ:
मुख्यमंत्री ने किसानों को परंपरागत खेती के साथ-साथ वैकल्पिक कृषि की ओर भी बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना जैसी कई सरकारी योजनाओं का उल्लेख किया, जो किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती हैं। इसके अलावा, कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति कर किसानों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी जा रही है।
डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एमओयू:
कार्यक्रम के दौरान डेयरी उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए झारखंड सरकार और एनडीडीबी, आनंद, गुजरात के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए। इस समझौते के तहत लगभग 68 हजार दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा जाएगा और उन्हें उचित मूल्य के साथ-साथ प्रति लीटर 5 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
किसानों की खुशहाली से होगा राज्य का विकास:
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के किसानों की आर्थिक सुदृढ़ता ही राज्य को मजबूत बनाएगी। उनकी सरकार हर वर्ग के विकास और कल्याण के लिए काम कर रही है, चाहे वह बुजुर्गों की पेंशन हो, महिलाओं को सम्मान राशि, या युवाओं के लिए रोजगार के अवसर।
इस कार्यक्रम में मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह, राज्य सभा सांसद श्रीमती महुआ माजी, विधायक राजेश कच्छप, केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, विकास आयुक्त अविनाश कुमार, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीक, निदेशक कृषि ताराचंद, निदेशक उद्यान फैज अक अहमद , निदेशक पशुपालन श्रीमती किरण पासी एवं एनडीडीबी, आनंद, गुजरात के एक्सक्यूटिव डायरेक्टर रघुपति उपस्थित थे।