राजगढ़ और खिलचीपुर में रंगों के महापर्व होली से पहले गुरुवार की शाम को पारंपरिक होलिका पूजन किया गया। अलग-अलग मोहल्लों में महिलाओं ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर विधिवत पूजा-अर्चना की और परिवार की खुशहाली एवं उन्नति की कामना की। होली दहन समितियों द्वा
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400 साल पुरानी होली की परंपरा, राजपरिवार ने की पहली पूजा
खिलचीपुर के मेवाड़े मोहल्ले में स्थित 400 वर्ष पुरानी रियासत कालीन होली की पूजा का विशेष महत्व रहा। राजपरिवार ने पहली पूजा की। इसके बाद बड़ी संख्या में महिलाएं पूजा के लिए पहुंचीं। इसी तरह सराफा बाजार और खेड़ा पति हनुमान मंदिर के समीप भी परंपरागत रूप से होली की पूजा की गई, जहां हर साल की तरह इस बार भी महिलाओं की सबसे अधिक उपस्थिति रही।
मेवाड़े मोहल्ले में रियासत कालीन होली को विशेष रूप से सजाया गया।
नगर की सबसे बड़ी होली की हुई पूजा
खिलचीपुर के बस स्टैंड पर स्थित मालाकार समाज की होलिका, जो नगर की सबसे बड़ी होली मानी जाती है, की पूजा देर रात मालाकार समाज के पटेल परिवार द्वारा की गई। इस होली के दहन के लिए करीब 5 क्विंटल से अधिक लकड़ियां लगाई गई हैं। यह होली दहन के बाद करीब पांच दिनों तक जलती है
सुरक्षा के मद्देनजर प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
राजगढ़ में 25, खिलचीपुरी में 20 स्थानों पर होलिका दहन
इस साल राजगढ़ में 25 और खिलचीपुर में 20 स्थानों पर होलिका दहन हो रहा है। प्रमुख स्थानों पर होली की पूजा पहले ही हो चुकी है, बाकी जगह विधिवत रूप से दहन किया जा रहा है। सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस बल तैनात रहेगा। प्रशासन ने आमजन से शांतिपूर्ण और सुरक्षित होली मनाने की अपील की है।