देश भर में 29 दिसंबर को नेशनल पीडियाट्रिक सर्जरी डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाए कि बच्चों की सर्जरी से संबंधित अलग विशेषज्ञ चिकित्सक होते हैं। सर्जरी के लिए उन्हें शिशु शल्य चिक
.
डॉ. अभिषेक ने बताया कि कई बार अभिभावकों को पता ही नहीं होता कि शिशुओं के ऑपरेशन के लिए अलग विभाग होता है, अलग विशेषज्ञ होते हैं। ऐसे में कई बार उनको काफी परेशान होने के बाद जनरल सर्जन से होते हुए हमारे विभाग तक पहुंचते हैं। जन्म के समय होने वाली परेशानियों का तत्काल इलाज कर देने से परेशानी काफी हद तक दूर हो जाती है और बच्चे समान्य जीवन जी पाते हैं।
आंत और पेट की समस्या के सबसे अधिक परेशानी : पीडियाट्रिक सर्जरी में अमूमन वैसे बच्चे पहुंचते हैं जिनके पेट में और आंत में परेशानी होती है। डॉ. अभिषेक ने बताया कि मलाशय का रास्ता तैयार नहीं हो पाता है, उनकी सर्जरी की जाती है। आंत खुलने, आंत छाती में चले जाने, पेशाब का रास्ते में परेशानी होने की समस्या के साथ बच्चे ऑपरेशन के लिए पहुंचते हैं, जिनकी सफल सर्जरी की जाती है।
नेशनल पीडियाट्रिक सर्जरी डे