21 मिनट पहले
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फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी के डायरेक्टर अनिल भारद्वाज ने कहा- यह हमारे ग्रुप का सबसे यूनीक काम था।
एक इंडियन रिसर्च में पता चला है कि कोविड लॉकडाउन के बाद से चांद के तापमान में 8 से 10 डिग्री की गिरावट आई है।
फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) के के. दुर्गा प्रसाद और जी एंबिली ने 2017 से 2023 के बीच नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर से छह अलग-अलग जगहों के डेटा का विश्लेषण किया।
रिसर्च से पता चला कि पृथ्वी पर लॉकडाउन के चलते ह्यूमन एक्टिविटीज लगभग बंद हो गई थी, जिससे रेडिएशन में गिरावट आई। इसी की वजह से चांद के तापमान में भी कमी दर्ज की गई।
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार यह रिसर्च पीयर-रिव्यू मंथली नोटिस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी: लेटर्स में छपी है। इससे पता चला कि चांद के तापमान में विशेष गिरावट अप्रैल और मई के महीने में देखी गई, जब लॉकडाउन सबसे सख्त था।
2020 में सबसे कम तापमान देखा गया 2020 में चांद पर एक जगह 96.2 डिग्री टेम्परेचर दर्ज किया गया था। जो अब तक के चांद के टेम्परेचर में सबसे कम माना गया। 2022 में एक जगह पर टेम्परेचर 143.8 डिग्री दर्ज किया गया। आम तौर पर 2020 में चांद के ज्यादातर जगहों पर कम तापमान देखा गया। इसके बाद फिर से तापमान बढ़ते हुए देखा गया क्योंकि पृथ्वी पर ह्यूमन एक्टीविटीज फिर से शुरू हो गई थी।
चंद्रमा एक तरह से धरती के रेडिएशन सिग्नेचर के एम्प्लीफायर की तरह काम करता है। रिसर्च के बाद पता चला कि चांद के तापमान पर नेचुरल एक्टिविटी के साथ-साथ ह्यूमन एक्टिविटीज का भी प्रभाव पड़ता है।
के. दुर्गा प्रसाद ने बताया कि इस रिसर्च से हमें यह पता चला कि पृथ्वी पर ह्यूमन एक्टीविटीज में परिवर्तन होने का प्रभाव चांद पर पड़ता है।