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रीवा में कश्मीर और शिमला के ग्रीन एप्पल की खेती: 45 डिग्री तापमान में भी फलों से लदे पेड़, 200 से 250 रुपए किलो तक कीमत – Rewa News


दैनिक भास्कर की ‘स्मार्ट किसान’ सीरीज में इस बार रीवा के किसान दिलीप नामदेव से मिलवाते हैं। इन्होंने कश्मीर और शिमला की पहचान रहे ग्रीन एप्पल की खेती अब मध्यप्रदेश के रीवा में शुरू कर दी है। किसान दिलीप नामदेव ने बताया कि मनाली से 10 पौधे लाकर उन्हों

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सामान्य सेब की तुलना में ग्रीन एप्पल 200-250 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहे हैं। यह सफलता अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन रही है। कृषि वैज्ञानिकों ने भी इस सफलता को देखकर शोध शुरू कर दिया है। विशेष रूप से बलुई मिट्टी और नियमित देखभाल से यह संभव हुआ है।

लीची, चीकू, पपीता के साथ ग्रीन एप्पल के पौधे लगाए

किसान दिलीप नामदेव बताते हैं कि पिताजी बद्री प्रसाद नामदेव खेती-किसानी करते थे। आम तौर पर विंध्य क्षेत्र और रीवा में गेहूं, चावल, सरसों, तिल और दाल की खेती करने की परंपरा है। फलों की खेती के नाम पर केवल अमरूद और पपीता ही लगाया जाता है। फिलहाल 4 एकड़ के खेत में लीची, चीकू, आम, नींबू,केले, पपीता और नारियल लगा रखा है। इनके साथ ही मैने ग्रीन एप्पल के पौधे लगाए, जिसमें मैं कामयाब रहा। ग्रीन एप्पल ने मुझे नई पहचान दी है।

किसान दिलीप नामदेव ने बताया कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि वे रीवा में कभी सेब की खेती भी कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में यहां का तापमान 40 से 45 डिग्री के बीच रहता है,जबकि सेब की फसल के लिए कम से कम तापमान की जरूरत होती है।

रीवा के किसान दिलीप नामदेव ग्रीन एप्पल की खेती कर रहे हैं।

सामान्य सेब से दोगुनी कीमत में बिकता है ग्रीन एप्पल

किसान दिलीप नामदेव ने बताया कि सामान्य सेब की मार्केट में कीमत कभी 80 रुपए किलो तो कभी 100 से 150 रुपए के बीच होती है। लेकिन ग्रीन एप्पल की कीमत सामान्य सेब से दोगुनी रहती है। इसकी शुरुआती कीमत ही 200 रुपए किलो है। मार्केट में 200 से 250 रुपए किलो की दर से बेच सकते हैं। मैं इसे कम कीमत में भी बेचकर अच्छा फायदा कमा लेता हूं, क्योंकि रीवा में ही फसल होने से बाहर से एक्सपोर्ट का खर्च बच जाता है। साथ ही फल व्यापारियों को आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

पेड़ों में लगे ग्रीन एप्पल को दिखाते हुए किसान दिलीप नामदेव।

ग्रीन एप्पल–कैलोरी कम, फाइबर ज्यादा

  1. वजन घटाने में मदद करता है। हरे सेब में कैलोरी कम होती है और फाइबर ज्यादा होता है, जो आपको लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराता है।
  2. पाचन को बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
  3. इम्युनिटी को मजबूत बनाता है। विटामिन सी की उच्च मात्रा आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
  4. दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखता है। हरे सेब को चबाने से मुंह की सफाई होती है और दांतों की सेहत बेहतर होती है।
  5. त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को जवान बनाए रखने में मदद करते हैं।
  6. डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो सब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
  7. हृदय को स्वस्थ रखता है। इसमें मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।

ग्रीन एप्पल के एक-एक पेड़ में 40-50 किलो फल लग रहे हैं।

खेती के लिए बलुई मिट्‌टी

  1. सेब की खेती के लिए मिट्टी और देखभाल: रीवा में सेब की खेती के लिए हल्की बलुई मिट्टी चाहिए। किसान दिलीप नामदेव ने ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल किया और पौधों में नमी बनाए रखी, जिससे पेड़ों के सूखने की संभावना कम हो गई।
  2. कृषि वैज्ञानिकों से नियम सलाह लें: कृषि अनुसंधान केंद्र कुठुलिया फार्म से नियमित सलाह लेने के बाद, आज उनके बगीचे में ग्रीन एप्पल अच्छी तरह से फल रहे हैं। लोग दूर-दूर से इन्हें देखने आ रहे हैं।
  3. हरमन 99 प्रजाति लगाएं: उत्तर भारत के लिए विशेष रूप से विकसित हरमन 99 नामक प्रजाति को इस क्षेत्र में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।



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