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राजस्थान के अलवर में ESIC अस्पताल के ICU में रेप का ऐसा घिनौना मामला सामने आया है, जिसने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ICU में तैनात नर्सिंग ऑफिसर सुभाष गठाला ने महिला मरीज के साथ रेप किया।
पीड़िता ने दैनिक भास्कर के साथ आपबीती साझा की। पढ़िए पीड़िता की जुबानी…
मेरी उम्र 32 साल है। मैं 2 जून को एक सामान्य ऑपरेशन के लिए भर्ती हुई थीं। 4 जून को ऑपरेशन हुआ और उसके बाद मुझे ICU में शिफ्ट कर दिया गया। ऑपरेशन के दौरान मुझे इंजेक्शन दिया गया था। रात करीब 11 बजे मेरे पति को बाहर भेज दिया गया। गार्ड ने सभी अटेंडेंट्स को भी बाहर भेज दिया।
मैं धीरे-धीरे होश में आ रही थी। रात 1 से 2 बजे के बीच मुझे महसूस हुआ कि किसी ने मुझे फिर से इंजेक्शन दिया। असर होते ही शरीर सुन्न हो गया, लेकिन मुझे सब महसूस हो रहा था। एक आदमी मेरे पास खड़ा था। उसने मेरे कपड़े हटा दिए। मेरे शरीर को गलत तरीके से छूने लगा।
मैंने कहा- क्या कर रहे हो? तो बोला- ‘मैं डॉक्टर हूं, ऑपरेशन कर रहा हूं।’ मैं रोती रही, चिल्लाती रही, कहती रही मेरे पति को बुलाओ, पर उसने एक नहीं सुनी। मेरे पास कोई ताकत नहीं थी, मैं बस जगी थी, पर बेबस थी।
4 जून को महिला का ऑपरेशन हुआ। उसके बाद उन्हें ICU में शिफ्ट कर दिया गया।
डॉक्टर और स्टाफ ने कहा- ‘माफ कर दो, औरों की नौकरी चली जाएगी’
सुबह होश आने पर मैंने पूरी बात अपने पति को बताई। पति ने तत्काल अस्पताल प्रशासन से शिकायत की। अस्पताल की एक डॉक्टर ने आरोपी को बुलाया। पूछा तो उसने कबूल किया कि उससे गलती हुई है। वो मेरे पति के पैरों में गिर गया, माफी मांगने लगा। अस्पताल स्टाफ ने कहा- इसे माफ कर दो, वरना औरों की नौकरी जाएगी। लेकिन हमने कहा- हम सीधे पुलिस में जाएंगे।
ICU में नहीं था CCTV कैमरा, स्टाफ ने मानी लापरवाही
दैनिक भास्कर की टीम जब ESIC अस्पताल के ICU पहुंची तो वहां सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। यहां ICU जैसे संवेदनशील हिस्से में एक भी CCTV कैमरा नहीं था। गार्ड ने बताया- यहां शिफ्ट चेंज होती रहती है, पूरा स्टाफ होता है, लेकिन CCTV नहीं है।
आरोपी सीकर का, डायवर्जन के चलते अलवर में पोस्टिंग
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी नर्सिंग ऑफिसर सुभाष गठाला सीकर का निवासी है। उसकी पोस्टिंग मूलतः कहीं और थी, लेकिन डायवर्जन के चलते फिलहाल अलवर में पोस्टेड है।
पुलिस के अनुसार, मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है अस्पताल प्रशासन से भी बात की गई है और पीड़िता का भी पक्ष सुना जा रहा है।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि पति ने शिकायत की तो अस्पताल प्रशासन ने नौकरी जाने की दुहाई देकर माफ कर देने की बात कही।
क्या होता है डिजिटल रेप?
हाईकोर्ट की एडवोकेट बिस्माद कौर के मुताबिक, डिजिटल रेप वह होता है जब कोई व्यक्ति किसी महिला की सहमति के बिना उसके प्राइवेट पार्ट या मुंह में अपनी उंगली या कोई और वस्तु डालता है।
यह भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के तहत रेप की परिभाषा में आता है, हालांकि कुछ मामलों में इसे अलग सेक्शन में भी दर्ज किया जाता है।
डिजिटल रेप, रेप जितना ही संगीन अपराध है। साल 2013 के निर्भया कांड के बाद इसमें संशोधन कर इस प्रकार के अपराध को भी कानूनी रूप से ‘रेप’ माना गया है।
हॉस्पिटल प्रशासन की सफाई– कमेटी बनाई, सावधानी बरत रहे हैं
भास्कर ने मामले में ESIC अस्पताल के डीन असीम दास से बात कर उनका पक्ष जाना। असीम दास ने कहा- जैसे ही हमें शिकायत मिली, हमने तत्काल एक आंतरिक जांच कमेटी बना दी है।
शिकायत गलत तरीके से टच करने की थी, जिसे गंभीरता से लिया गया। हमने आरोपी को सस्पेंड कर दिया है और पुलिस को जानकारी दे दी है। भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो, इसके लिए सुरक्षा उपाय और कड़े किए जा रहे हैं।
ESIC हॉस्पिटल के डीन असीम दास का कहना है हमने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है।
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अलवर के एमआईए इलाके में स्थित ESIC मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एक महिला मरीज से रेप का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि नर्सिंग स्टाफ कर्मचारी ने महिला मरीज के साथ रेप किया। पूरी खबर पढ़िए…