Homeउत्तर प्रदेशलखनऊ के 'ड्रोन मैन ऑफ इंडिया': मिलिंद राज को अब्दुल कलाम...

लखनऊ के ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’: मिलिंद राज को अब्दुल कलाम ने कहा था ड्रोन मैन; कई रेस्क्यू ऑपरेशंस में की मदद – Lucknow News


‘यह बात 30 मार्च 2024 की है। पुराने लखनऊ के चौक में पाटा नाला में मातम का जुलूस निकल रहा था। सुबह के 8:30 बजे का समय था। अचानक किसी की शरारत की वजह से बी-अटैक हो गया। बी-अटैक यानी मधुमक्खी का हमला।’

.

‘हजारों की संख्या में लोग मातम के जुलूस में शामिल थे। तभी मधुमक्खियों के आने से भगदड़ मच गई। बी-अटैक को देखते हुए हमने एक ड्रोन के जरिए मधुमक्खियों को और ऊपर भगाया। फिर दूसरे ड्रोन से बी-अटैक को वहां से डाईवट किया। लोगों की जान बचाई।’

ये बातें ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ मिलिंद राज ने बताई। मिलिंद राज लखनऊ के रहने वाले हैं, वे इंजीनियर हैं। आज इंजीनियर्स डे है। दैनिक भास्कर ने मिलिंद राज से बातचीत की और उनकी तकनीक को समझा।

मिसाइल मैन ने दिया ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ नाम भारत के मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने 2014 में मिलिंद को ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ कहा था। उन्होंने अपनी तकनीक और रोबोटिक्स के प्रयोग से कई बड़े ऑपरेशन में लोगों की जान बचाई है। उत्तर प्रदेश पुलिस और देश की सेना ने भी मिलिंद राज की तकनीक का लाभ उठाया है। वे इंजीनियर्स डे पर सम्मानित भी किए गए।

मिलिंद राज इन रेस्क्यू ऑपरेशन में रहे शामिल

  • अलाया अपार्टमेंट में आग लगने की घटना में 14 लोगों की जान बचाने में ड्रोन का प्रयोग किया। इससे होटल में फंसे लोगों को निकाला जा सका।
  • उत्तरकाशी में 41 लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद की। टनल में फंसे मजदूरों की लोकेशन और टनल के पल-पल की जानकारी सेना को मिलिंद राज के जरिए मिली।
  • 7 सितंबर को लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ड्रोन के माध्यम से उन्होंने रात के अंधेरे में रेस्क्यू करने में मदद की।

मिलिंद राज रोबोज वर्ल्ड नाम की कंपनी संचालित करते हैं।

मिलिंद राज की डिग्री वकालत की, कर रहे आविष्कार मिलिंद एक दशक से लगातार अलग-अलग तरह के ड्रोन और रोबोट्स बना रहे हैं। उनके ड्रोन और रोबोट्स की मांग इंडस्ट्री में है। साथ ही वे समय-समय पर वे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में भी मदद करते रहते हैं।

मिलिंद का मानना है कि विज्ञान और तकनीक का इस्तेमाल, अगर सही जगह और सही तरीकों से किया जाए, तो ये हम सबके लिए वरदान साबित हो सकते हैं। एक बार उन्होंने अपने ड्रोन की मदद से गंदे नाले में फंसे कुत्ते को निकाला था।

वहीं कोरोना महामारी के समय उन्होंने कई ‘सैनिटाइजेशन ड्रोन’ बनाए थे। कुछ समय पहले ही उन्होंने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो उनकी दिव्यांग कुतिया का पूरा ख्याल रखता है।

मिलिंद राज ने कई रेस्क्यू ऑपरेशंस में अपनी ड्रोन तकनीक से मदद की है।

रोबोटिक्स क्लब ‘रोबोज़ वर्ल्ड‘ की शुरुआत मिलिंद की अलग सोच ने सबको हैरान कर दिया है। अपने स्कूल-कॉलेज के दिनों में मिलिंद पढ़ाई के साथ-साथ, विज्ञान और तकनीक से जुड़ी किताबें, जर्नल और मैगजीन आदि पढ़ा करते थे। मिलिंद ने नौकरी नहीं की बल्कि अपनी खुद की कंपनी और रोबोटिक्स क्लब ‘रोबोज़ वर्ल्ड‘ शुरू किया।

वह कहते हैं, “मुझे मेरे आविष्कार के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से पांच लाख रुपए का पुरस्कार मिला। उसी पुरस्कार राशि से मैंने अपनी कंपनी की शुरू की। कंपनी के जरिए मैं तरह-तरह के ड्रोन और रोबोट्स बना रहा हूं।

वे ड्रोन और रोबोट भारत के साथ-साथ विदेशी कंपनियों तक भी पहुंच रहे हैं। मिलिंद की टीम में फिलहाल 8 लोग हैं और सबसे दिलचस्प बात यह है कि इनमें कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने कोई तकनीकी पढ़ाई नहीं की है।

मिलिंद राज को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। देश-विदेश में उनके ड्रोन और रोबोट्स की डिमांड है।

कुछ लोग इंजीनियर के रूप में ही जन्म लेते हैं उन्होंने हंसते हुए कहा कि कुछ लोग पढ़ाई करके इंजीनियर बनते हैं, लेकिन कुछ लोग इंजीनियर के रूप में ही जन्म लेते हैं। वह बताते हैं कि मैंने मैनेजमेंट साइंस और लीगल स्टडीज में पढ़ाई की और साथ में अपने ड्रोन और रोबोट्स पर काम करता रहा।

मेरी डिग्री 2015 में पूरी हुई, लेकिन इससे एक साल पहले ही मेरी मुलाकात कलाम सर से हो गई। उन्होंने मेरे बनाए ड्रोन को देखा और लॉन्च किया। उसी दौरान उन्होंने मुझे ‘ड्रोन मैन ऑफ़ इंडिया’ का नाम दिया।

सिर्फ यह नाम ही नहीं बल्कि मेरे जीवन का उद्देश्य भी मुझे कलाम सर से मिला। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर आपकी सोच आने वाले 10-20 वर्षों को लेकर है, तो शिक्षा पर काम कीजिए। जो आपको आता है, उसके बच्चों को बताइए। इससे भविष्य में वे एक सकारात्मक बदलाव करेंगे।

बच्चों को पढ़ाते ‘रोबोटिक्स’ मिलिंद अपनी कंपनी के साथ-साथ वह बच्चों के लिए ‘रोबोटिक्स क्लब’ भी चला रहे हैं। यहां पर वह स्कूल के बच्चों को ‘रोबोटिक्स’ पढ़ाते हैं। मिलिंद कहते हैं कि उनके पास बच्चों के दो बैच हैं। एक बैच में समृद्ध परिवारों के बच्चे आते हैं, जो फीस दे सकते हैं।

दूसरे बैच में हम ऐसे बच्चों को पढ़ाते हैं, जो जरूरतमंद परिवारों से हैं और फीस नहीं दे सकते। उन्होंने बताया कि हमारे यहां गरीब और अमीर के बीच के भेद को सिर्फ शिक्षा से कम किया जा सकता है। इसलिए, हमें एक बैच की फीस से जो भी कमाई होती है, उसे दूसरे बैच के बच्चों की पढ़ाई में लगाते हैं।

यह भी पढ़ें

गोरखपुर में ढाबे के रेट में फाइव स्टार खाना:19 सितंबर को CM योगी करेंगे उद्घाटन, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट में मिलेगी 250 में स्पेशल थाली

गोरखपुर के लोगों के साथ ही यहां आने वाले टूरिस्टों को जल्द ही एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। मरीन ड्राईव कहे जाने वाले रामगढ़ताल झील में क्रूज के बाद अब यहां फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का भी मजा मिलेगा। यानी कि आप अपने परिवार के साथ झील के बीच बने इस रेस्टोरेंट में स्वादिष्ट भोजन का मजा ले सकेंगे। पढ़ें पूरी खबर…



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version