लखनऊ में पारा 40 डिग्री के पार पहुंचने पर बिजली की खपत भी बढ़ गई है। इसका असर विद्युत निगम के संसाधनों पर भी दिखने लगा है। लोड बढ़ने की वजह से पावर हाउस (उपकेंद्र) के ट्रांसफॉर्मर गर्म हो रहे हैं। इससे उनके फुंकने की संभावना बढ़ गई है।
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इस संभावन को कम करने के लिए विद्युत निगम कूलर, पंखे और एग्जास्ट फैन से ट्रांसफार्मरों को ठंडा कर रहा है। पंखों से ठंडी हवा निकले इसके लिए भीगे बोरों का उपयोग किया जा रहा है। इससे ट्रांसफॉर्मर का टेंपरेचर मेनटेन हो रहा है। गर्म होकर फुंकने से बच रहे हैं।
ट्रांसफॉर्मर को ठंडक देने के बीच विद्युत निगम के पास कूलर कम पड़ गए हैं। विभाग में 400 से ज्यादा कूलर की डिमांड भेज दी है। भास्कर रिपोर्टर ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर कितने पावर हाउस में ट्रांसफॉर्मर के लिए कूलर की व्यवस्था की गई है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
पहले देखिए 3 तस्वीरें…
विद्युत उपकेंद्रों के ट्रांसफॉर्मर को ठंडा करने के लिए 400 कूलर की डिमांड की गई है।
विद्युत उपकेंद्रों के ट्रांसफॉर्मरों को ठंडा करने के लिए एग्जास्ट फैन लगाकर पीछे बोरा टांगा गया है।
तापमान बढ़ने पर बिजली की मांग बढ़ती है। इससे ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड हो जाते हैं।
अब पढ़िए उपकेंद्रों में की गईं व्यवस्थाएं
विभूति खंड उपकेंद्र : इस उपकेंद्र की क्षमता 40 MVA है। करीब 20 हजार उपभोक्ताओं को यहां से बिजली सप्लाई की जाती है। यहां ट्रांसमिशन से बिजली सप्लाई देने वाले ट्रांसफॉर्मरों का लोड बढ़ गया है। उन्हें ठंडा करने के लिए पंखे और एग्जास्ट लगाए गए हैं। उनके ऊपर बोरे टांगे गए हैं। उन्हें बार-बार गीला किया जाता है, ताकि ट्रांसफॉर्मरों को ठंडी हवा मिलती रहे।
विभूति खंड उपकेंद्र में एग्जास्ट फैन से ट्रांसफॉर्मर को ठंडा किया जा रहा है।
HAL उपकेंद्र : 30 MVA क्षमता वाले इस बिजली घर से करीब 15 हजार कनेक्शन दिए गए हैं। यहां के टांसफार्मरों को ठंडा करने के लिए 10 पंखे लगाए गए हैं। अधिशासी अभियंता ने कूलर की डिमांड उच्चाधिकारियों को भेजी है। इंजीनियर की मानें तो अभी ट्रांसफॉर्मर को ठंडा करने के लिए 10 और कूलर लगाए जाएंगे।
HAL उपकेंद्र के ट्रांसफॉर्मरों को ठंडा करने के लिए 10 कूलर और लगाए जाएंगे।
हुसैनगंज उपकेंद्र: इस उपकेंद्र की क्षमता 30 MVA है। सप्लाई ट्रांसफॉर्मर को ठंडा करने के लिए एग्जास्ट और कूलर लगाए गए हैं। कूलर में पानी भरा जा रहा है। इससे कूलर तक ठंडी हवा मिल रही है।
हुसैनगंज उपकेंद्र में लोड नहीं बढ़ा है, लेकिन एहतियातन तैयारी की जा रही है।
इंदिरानगर सेक्टर-25 उपकेंद्र : 40 MVA की क्षमता वाले इस उपकेंद्र से करीब 20 हजार उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई की जाती है। यहां एग्जास्ट लगाकर ट्रांसफॉर्मर को ठंडा किया जा रहा है। इंजीनियरों ने अधिकारियों से कूलर और पंखों की डिमांड की है। अधिशासी अभियंता का कहना है कि फिलहाल उपकेंद्र पर ज्यादा भार नहीं है, लेकिन एहतियातन तैयारी की जा रही है।
गर्मी में लोड बढ़ने पर ट्रांसफॉर्मरों के फुंकने की संभावना बढ़ जाती है।
विद्युत निगम में 400 कूलर की डिमांड
विभूतिखंड,अमीनाबाद, हुसैनगंज, क्लाइड रोड, जवाहर भवन, यूपीआईएल, ऐशबाग, राजाजीपुरम, अपट्रॉन, तालकटोरा, फतेहगंज, दुबग्गा, आलमबाग नहर पुल और आशियाना बिजली घरों के ट्रांसफॉर्मरों को पंखे से ठंडा किया जा रहा है।
बढ़ती गर्मी में पंखे ट्रांसफॉर्मर को उतना ठंडा नहीं कर पा रहे हैं, जितने की उन्हें जरूरत है। ऐसे में अलग-अलग उपकेंद्रों से कूलर की डिमांड अधिकारियों से की गई है। अब तक 400 से ज्यादा कूलर की मांग की गई है।
आंतरिक तापमान होता है खतरनाक बिजली अफसरों ने बताया कि गर्मी बढ़ने पर बिजली की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में ट्रांसफॉर्मर पर भार पहले के मुताबिक और ज्यादा बढ़ जाता है। बढ़ते तापमान के कारण ट्रांसफॉर्मर ठंडा नहीं हो पाता है। लोड बढ़ता है, तो आंतरिक तापमान खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। समय रहते इन्हें ठंडा न किया जाए, तो ये फुंक सकते हैं, जिससे बिजली सप्लाई ठप हो सकती है।
गर्मी में विद्युत केंद्रों के के फुंकने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
बढ़ते तापमान से काम हो जाती है फ्रीक्वेंसी विद्युत निगम के अनुसार, ट्रांसफॉर्मरों के ज्यादा गर्म होने पर उनकी कार्य क्षमता घट जाती है। उनकी फ्रीक्वेंसी कम होने लगती है। इससे पूरे सिस्टम पर असर पड़ता है। ऐसे में फीडरों और ट्रांसफॉर्मरों पर पंखे और कूलर लगाने से उनका तापमान कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
बारिश से मिलेगी राहत इस समय ट्रांसफॉर्मरों को बार-बार बंद करके भी ठंडा किया जा रहा है, ताकि वह फुंके न। जब तक बारिश नहीं होती, तब तक यह संकट बना रहेगा। बारिश के बाद तापमान कम होने से ही सिस्टम को स्थायी राहत मिल सकेगी।