लखनऊ2 मिनट पहले
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उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान और शिया पीजी कॉलेज के हिंदी विभाग ने संयुक्त रूप से एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी का विषय था ‘जनभाषा एवं संपर्क भाषा के रूप में हिंदी की प्रगति’।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. अर्चना सिंह ने अतिथियों का पुष्प माला से स्वागत किया। उन्होंने हिंदी को भारतीय पहचान का प्रतीक बताया। शिया महाविद्यालय के सम्पत्ति अधिकारी डॉ. एम.एम ऐजाज अतहर ने युवाओं को हिंदी बोलने में गर्व महसूस करने का संदेश दिया।
हिंदी अब जनमानस की संपर्क भाषा बन चुकी
मुख्य वक्ता और लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर श्री हरि शंकर मिश्र ने हिंदी के विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हिंदी अब साहित्य की सीमाओं से निकलकर जनमानस की संपर्क भाषा बन चुकी है।शिया महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एस.एस.आर बाकरी ने संपर्क भाषा को विविधता में एकता का सेतु बताया।
ये लोग शामिल हुए
कार्यक्रम में हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. एस.एस.एच आमिल ने कार्यक्रम का समापन किया।कार्यक्रम में डॉ. आलोक यादव, डॉ. रश्मिशील, प्रो. सिबतेन बेग, प्रो. एम.के शुक्ला, डॉ. नगीना बानो और मधुलिका चौधरी ने भी विचार व्यक्त किए। उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान की प्रतिनिधि अंजू सिंह की उपस्थिति भी विशेष रही।