पंजाब के लुधियाना में गांव खानपुर इलाके में एक किराए के मकान में दो दिन पहले आग लगने की घटना में आठ कुत्ते जलकर मर गए। पुलिस ने अवैध रूप से जानवरों को पकड़ने के आरोप में मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जबकि आरोपियों ने कहा कि उन्होंने छोड़े गए कुत्
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भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत लापरवाही और पशु कल्याण कानूनों के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी गुरजंट सिंह पर थाना डेहलों की पुलिस ने अवैध आश्रय का निर्माण और संचालन करने के लिए मामला दर्ज किया गया, जिसके कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।
आरोपी गुरजंट सिंह।
एनिमल लवर मनी के बयानों पर हुआ मामला दर्ज जानकारी देते हुए एनिमल लवर मनी सिंह ने कहा कि वह “हेल्प फॉर एनिमल्स, लुधियाना” के प्रमुख और “पीपल फॉर एनिमल्स” के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि जब भी उन्हें किसी जानवर के घायल होने की जानकारी मिलती है, तो उनका संगठन उसके इलाज की व्यवस्था करता है।
13 मार्च को शाम करीब 6 बजे उन्हें पता चला कि गुरजंट सिंह, पुत्र पुष्पिंदर सिंह, निवासी मकान नंबर 1687, गली नंबर 38, मोहल्ला प्रीत नगर, न्यू शिमलापुरी, थाना शिमलापुरी, जिला लुधियाना ने खानपुर गांव के बाहर एक प्लॉट लीज पर लिया था।
आरोपी ने प्लॉट पर सीमेंट की बनाई थी स्लैब से चारदीवारी
इस प्लॉट पर उन्होंने सीमेंट की स्लैब से चारदीवारी के चारों ओर कुत्तों के लिए शेल्टर बनाया हुआ था। इस शेल्टर में बर्नीज़ माउंटेन पॉमेरियन, गोल्डन रिट्रीवर, मिक्स ब्रीड समेत अन्य नस्लों के करीब 10 से 15 नस्लों के कुत्तों को अवैध रूप से पिंजरों में रखा जा रहा था। बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई और परिणामस्वरूप आठ कुत्ते जलकर मर गए।
मनी सिंह जानकारी देते हुए।
कुत्ते रखने का गुरजंट के पास नहीं है कोई पंजीकृत प्रमाण पत्र
मनी सिंह तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और गुरजंट सिंह से पूछा कि वह इन कुत्तों को एक ही आश्रय में कैसे रख सकता है। उन्होंने पूछा कि क्या गुरजंट सिंह के पास कुत्तों के आश्रय के लिए कोई पंजीकृत प्रमाण पत्र या कोई अन्य सरकारी दस्तावेज है जो कुत्तों को चारदीवारी के भीतर रखने की वैधता को प्रमाणित करता हो।
गुरजंट सिंह ने जवाब दिया कि उनके पास आश्रय के लिए कोई पंजीकृत प्रमाण पत्र या कोई सरकारी दस्तावेज नहीं है। मनी सिंह ने उनसे आगे पूछा कि घटना कैसे हुई और उस समय वह कहां थे। गुरजंत सिंह ने कहा कि 12 मार्च को रात करीब 11:00 बजे उन्होंने कुत्तों को पिंजरे में बंद कर दिया था और घर चले गए थे। हालांकि, अगले दिन 13 मार्च को शाम करीब 5:00 बजे उन्हें मोबाइल फोन पर सूचना मिली कि उनके कुत्तों के आश्रय में आग लग गई है और कुत्ते जलकर मर गए हैं।
गुरजंट पर लगाए मनी ने कुत्तों का खून बेचने के आरोप
मनी सिंह ने कहा कि वह अपने संगठन के साथ इस मामले की जांच कर रहे थे और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह घटना गुरजंट सिंह की लापरवाही और पंजीकृत आश्रय प्रमाण पत्र के बिना कुत्तों को रखने के उनके अवैध व्यवहार के कारण हुई। मनी ने कहा कि उसे पता चला है कि गुरजंट कुत्तों का खून भी बेचता है। इस संबंधी भी वह पुलिस जांच करने के लिए निवेदन कर चुके है।
पुलिस ने गुरजंट सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और अवैध आश्रय और जानवरों की मौत की जांच शुरू कर दी है। गुरजंत सिंह के साथ समूह के सदस्यों में से निखिल ने कहा कि हमने कुत्तों की मदद करने के उद्देश्य से यह बचाव अभियान शुरू किया है और हमने सबसे पहले इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को शिकायत दी है और हमारे द्वारा बचाए गए कुत्तों में से पांच पिट बुल और दो आवारा कुत्ते थे और एक जर्मन शेफर्ड था।
पुलिस ने हमारी बात नहीं सुनी क्योंकि हमने एनजीओ को पंजीकृत नहीं किया है और हमने शिकायतकर्ता के खिलाफ शिकायत दी है जिसने गुरजंत सिंह के खिलाफ शिकायत दी है।