भोजपुर में एक फर्जी दारोगा गिरफ्तार हुआ है। डेढ़ साल से इसकी नौटंकी जारी थी, फर्जी अधिकारी बनकर ये भोजपुर, रोहतास सहित अन्य जिलों में लोगों को मूर्ख बनाता था। इसके परिवार वालों को भी नहीं पता था कि ये फर्जी दारोगा है। महिला दारोगा से दोस्ती करने के च
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पुलिस के अनुसार इसकी पत्नी को भी इस बात की जानकारी नहीं थी। पत्नी को कहता था मैं टेक्नीशियन हूं। जबकि जांच में पता चला कि ये टेक्नीशियन भी नहीं है। वर्दी पहनकर और नकली पिस्टल लगाकर फोटो खिंचवाना इसका शौक था। दूसरे के अप्वॉइंटमेंट लेटर को फर्जी बनाकर ये खुद को दारोगा साबित करता था।
जालसाल की पहचान गड़हनी थाना क्षेत्र के मदुरा गांव निवासी अनिल सिंह के बेटे राकेश कुमार सिंह के रूप में हुई है। इसके पास से वर्दी, बेल्ट, बैच और टोपी बरामद हुए हैं। बिहिया थाना पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। जानकारी जगदीशपुर SDPO राजीव सिंह ने दी है।
पुलिस गिरफ्त में फर्जी दारोगा।
10 अक्टूबर को थाने में आया था
राकेश का रोहतास के काराकाट थाना क्षेत्र के जमुआ गांव में घर है। रोहतास में कहता था कि भोजपुर में पोस्टेड हूं और भोजपुर में कहता था कि रोहतास में पोस्टेड हूं।
बिहिया थानाध्यक्ष आदित्य कुमार ने कहा कि 10 अक्टूबर राकेश बिहिया थाना में फर्जी दरोगा बनकर पहुंचा था। कहा था कि मैं केस के अनुसंधान में आया हूं, मुझे कुछ जानकारी चाहिए। कुछ देर बाद निकल गया था।
तभी बिहिया थाना पुलिस को शंका हुई। इसकी जांच शुरू की गई। जांच के बाद पता चला कि फर्जी दरोगा है। मंगलवार की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि वह बिहिया बाजार में आया हुआ है। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी दारोगा, जो नकली पिस्टल लेकर घूमता था।
महिला दोरोगा से दोस्ती हो गई थी
फर्जी दरोगा राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जब मैं बिहिया थाना में फर्जी दरोगा बनकर आया था, तभी एक महिला दारोगा से संपर्क हुआ था। एक दूसरे का नंबर आदान-प्रदान किया था। इसके बाद दोनों बातचीत भी करने लगे थे। दोस्ती हो गई थी। बिहिया बाजार में बहुभोज में शामिल होने के लिए आया था। तभी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
महिला दारोगा ने शक पर जांच शुरू की
जगदीशपुर SDPO राजीव सिंह ने बताया कि फर्जी दारोगा ने बिहिया थाना में पदस्थापित महिला दारोगा से कहा था कि मैं आपका 2019 बैच का बैचमेट हूं। 2019 बैच के दूसरे दारोगा के साथ खिंचवाई हुई फोटो को दिखाकर महिला दारोगा को झांसा में ले लिया। महिला दारोगा से कहा कि अनुसंधान के क्रम में हम थाना में आते-जाते रहेंगे। महिला दरोगा को अपना नंबर भी दिया था।
महिला दरोगा को किसी बात पर संदेह हुआ। जब महिला दरोगा ने इसके बारे में पता लगाया तब इस मामले का खुलासा हुआ।