बालाघाट में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जन्म समारोह का शनिवार को समापन हुआ। एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना लोकरे, संघ संघचालक वैभव कश्यप और समारोह समिति जिला संयोजिका स्वाती बंसोड़ मुख्य अतिथि के रूप
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कार्यक्रम में आयोजित व्याख्यानमाला में वक्ताओं ने अहिल्याबाई के योगदान को याद किया। उन्होंने 12 ज्योतिर्लिंगों में से सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करवाया। अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में महिलाओं की शिक्षा, समानता और विधवा विवाह का समर्थन किया।
समारोह में बच्चों ने अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति दी। जिला संयोजिका स्वाती बंसोड़ ने बताया कि पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। तीन बड़ी व्याख्यानमालाएं आयोजित की गईं। विद्यालयों, महाविद्यालयों और छात्रावासों में बालिकाओं को अहिल्याबाई के जीवन से प्रेरित किया गया।
समिति ने अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित कविता, भाषण, निबंध और रंगोली प्रतियोगिताएं भी आयोजित कीं। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। वक्ताओं ने कहा कि अहिल्याबाई का महिला सशक्तिकरण के लिए किया गया कार्य आज भी समाज को प्रेरित करता है।