11 मिनट पहले
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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गुरुवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत पाकिस्तान को जवाब देते हुए किसी बड़े क्षेत्रीय संघर्ष से बचेगा। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह भारत के साथ मिलकर इस हमले में शामिल आतंकियों की तलाश और कार्रवाई में सहयोग करे।
वेंस ने फॉक्स न्यूज के एक पॉड कास्ट इंटरव्यू में कहा, ‘हमारी उम्मीद है कि भारत इस आतंकी हमले का ऐसा जवाब दे जो किसी बड़े क्षेत्रीय टकराव की वजह न बने। और हमें उम्मीद है कि अगर पाकिस्तान किसी भी तरह से जिम्मेदार है, तो वह भारत के साथ मिलकर उन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा जो कभी-कभी उनकी जमीन से ऑपरेट करते हैं।’
जब ये हमला हुआ, उस वक्त वेंस अपने परिवार के साथ भारत दौरे पर थे। पिछले महीने उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके इस हमले की कड़ी निंदा की थी और मारे गए लोगों के लिए गहरी संवेदना जताई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने X पर जानकारी दी कि वेंस ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ इस साझा लड़ाई में हर तरह की मदद देने को तैयार है।
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चीन बोला- अमेरिका ने ट्रेड बातचीत शुरू करने के संदेश भेजे, हम प्रस्तावों का आकलन कर रहे
चीन ने कहा है कि वह अमेरिका की तरफ से ट्रेड बातचीत शुरू करने के प्रस्तावों का फिलहाल आकलन कर रहा है। ये बयान अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच टोन में बदलाव दिखाता है, जो भविष्य में बातचीत के रास्ते खोल सकता है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, अमेरिका ने हाल ही में कई माध्यमों से चीन को संदेश भेजे हैं कि वह ट्रेड बातचीत शुरू करना चाहता है। चीन फिलहाल इन प्रस्तावों पर विचार कर रहा है।
यह बयान ऐसे वक्त आया है जब बीजिंग अब तक अमेरिका के ट्रम्प सरकार की टैरिफ नीति पर सख्त और विरोधी रुख अपनाता रहा है। अब इस बयान से चीन के रुख में थोड़ी नरमी नजर आ रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पिछले हफ्ते से बार-बार कह रहे हैं कि उनकी सरकार चीन के अधिकारियों से ट्रेड डील को लेकर बातचीत कर रही है, लेकिन हर बार चीन की तरफ से इसे सिरे से खारिज किया गया है।
शुक्रवार को चीन ने दोबारा कहा कि किसी भी बातचीत की शुरुआत से पहले कुछ शर्तें पूरी होनी जरूरी हैं।
वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “टैरिफ और ट्रेड वॉर की शुरुआत अमेरिका ने एकतरफा की थी। अगर उसे बातचीत करनी है तो उसे ईमानदारी दिखानी होगी। इसके तहत उसे अपनी गलतियों को स्वीकार करना होगा और टैरिफ बढ़ोतरी जैसे एकतरफा फैसले वापस लेने होंगे।
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारी व्यापार दांव पर लगा हुआ है। ट्रम्प ने इस महीने की शुरुआत में चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिया, जिससे कई चीनी कंपनियों के लिए अमेरिका से व्यापार करना मुश्किल हो गया है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिया है।