Vaikuntha Ekadashi 2025 Upay: सनातन धर्म में बैकुंठ एकादशी का महत्व बहुत अधिक माना जाता है. इस दिन श्रीहरि विष्णु की विधि-विधान पूजा कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. कई लोग विष्णु जी के निमित्त व्रत भी रखते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से व्रत-पूजा करता है भगवान उसके मन की हर इच्छा पूरी करते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति वैकुंठ एकादशी का व्रत रखने से जातक को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होती है और जातक के समस्त पापों का नाश होता है. इसके अलावा इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से विष्णु जी को प्रसन्न कर उनसे अपनी मनोकामना मांगी जा सकती है. आइए पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार कब है वैकुंठ एकादशी, क्या है इसका महत्व और उसके उपायों के बारे में जानते हैं.
कब है वैकुंठ एकादशी
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैकुंठ एकादशी तिथि 09 जनवरी 2025 को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी 2025 को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी. लेकिन हिंदू मान्यताओं के अनुसार किसी भी तिथि को उदयातिथि के अनुसार ही पूरे दिन माना जाता है. ऐसे में वैकुंठ एकादशी व्रत 10 जनवरी 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा.
वैकुंठ एकादशी के दिन करें ये विशेष उपाय
आर्थिक समस्याओं के लिए उपाय
वैकुंठ एकादशी के दिन किसी जरुरतमंद को भोजन कराएं और उसे अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ वस्त्र व दक्षिणा भी दें. माना जाता है कि इस दिन किया हुए उपाय से जातक को पुण्य प्राप्ति होती है. इसके साथ ही आपको आर्थिक समस्याओं से छुटकारा और धन वृद्धि के योग बनते हैं.
अगर बहुत प्रयास के बाद भी धन की वृद्धि नहीं हो पा रही है तो सफला एकादशी के दिन व्रत जरूर करें और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें।
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सुख-समृद्धि के लिए करें ये उपाय
वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें. इस दिन एक तुलसी का पौधा जरुर लगाएं. इससे आपके घर पर विष्णु जी व लक्ष्मी जी की कृपा बरसने लगती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. आपके धन आगमन के योग बनने लगते हैं.
करियर में तरक्की के लिए करें ये उपाय
कड़ी मेहनत के बार भी अगर आपको करियर में मनचाही सफलता नहीं मिल पा रही है तो ऐसे में आप बैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु के प्रतिमा या तस्वीर के सामने एक घी का दीपक जलाएं और फिर हाथ में जल व पीले फूल लेकर उनसे श्रीहरि से प्रार्थना करते हुए नारायण कवच का पाठ करें. इसके बाद विष्णु जी का दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर उससे अभिषेक करें. आपको जल्द लाभ मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 11:51 IST