बकरीद से पहले जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सरकार और पुलिस प्रशासन से बड़ा ऐलान किया है उन्होंने कहा कि इस बकरीद में कोई भी गाय ना काटने पाये क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो इससे सरकार और प्रशासन दोनों के लिए समस्या उत्पन्न होगी। शंकराचार्य न
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प्रिय से प्रिय चीज ही खुदा को अर्पित करें
शंकराचार्य ने कहा कि बकरीद का अवसर आ रहा है एक सप्ताह बाद देश में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पर्व को मुस्लिम समुदाय के लोग मानते हैं। उन्होंने कहा इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने एक सपनादेखा, जिसमें अल्लाह ने उनसे कहा कि ऐ इब्राहिम तू मेरी राह में अपनी सबसे खास चीज कुर्बान कर दे। पैगंबर इब्राहिम के लिए सबसे खास उनके बेटा इस्माइल थे। और वह उसको लेकर बली देने चले गये।
इसी घटना की याद में बकरीद का पर्व मनाया जा है। अब्राहम का अपने ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा की जो अपना प्रिया से प्रिय वस्तु उनके लिए छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मुसलमान को अपने प्रिय से प्रिय वस्तु अर्पित करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मुसलमान ने अपने प्रिय से प्रिय वस्तु अर्पित करने की परंपरा नहीं चलाई। उन्होंने कहा कि बकरा ले जाकर प्रभु के सामने काट देंगे। उन्होंने कहा यह कैसी परंपरा है यह हम नहीं समझ पाते हैं।
चिढ़ाने के लिए कुछ मुस्लिम देते हैं गाय की बली
शंकराचार्य ने कहा – कुछ मुसलमान द्वारा हमें चिढ़ाने के लिए गाय की भी हत्या की जाती है। उन्होंने कहा कि भारत में कानून है किसी भी पशु की हत्या नहीं की जा सकती है बकरी भी नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि गाय को लेकर हम कोमल और आदर्श की भावना रखते हैं। हम चाहेंगे कि कोई भी मुस्लिम आपने ईश्वर की प्रशंसा में अथवा धर्म की परंपरा का निर्वहन करने के लिए कम से कम गौ माता की बलि देने का विचार त्याग दें। उन्होंने पूरे भारत के सभी प्रदेशों के पुलिस के लिए भी ऐलान किया उन्होंने कहा इस अवसर पर इस बात का विशेष ध्यान रखें गौ माता की बाली किसी भी प्रकार से चढ़ने ना पाए। अगर ऐसी घटना कहीं होगी तो हिंदू समुदाय को बहुत बड़ी पीड़ा होगी।
गौ भक्त क्षेत्र में रहे मुस्तैद
शंकराचार्य ने चेतावनी दी कि अगर इस पीड़ा को उत्पन्न किया जाएगा तो प्रशासनिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी। अथवा उन्होंने कहा कि जो मुस्लिम भाईचारे के साथ इस देश में रह रहे हैं। समस्या का अनुभव हिंदू न करने लग जाए। उन्होंने कहा कि इस घटना का तत्कालीन परिणाम आ सकता है उसे पर रोक लगाने के लिए प्रत्येक प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में चुस्त और दुरुस्त रहे। कहीं भी गाय और बैल की बली बकरीद के नाम पर ना दिया जा सके। उन्होंने पूरे देश की सरकार से यह निवेदन किया है। उन्होंने कहा कि जितने भी गौ भक्त हैं वह कानून को बिना हाथ में लिए गौ माता की हत्या होने से बचने का काम करें।