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शहर के ट्रैफिक सिग्नल रोज हो रहे घंटों बंद: निगम वाले मेंटनेंस नहीं कर रहे, चौक पर फंस रहीं गाड़ियां, जाम से लोग हलाकान – Raipur News



शहर के लोग पिछले 10 दिनों से ट्रैफिक सिग्नल के बंद होने से खासे परेशान हो रहे हैं। राजधानी के लगभग सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल कभी भी घंटों तक के लिए बंद हो जा रहे हैं। इस वजह से हर चौक पर गा​िड़यां फंस रही हैं।

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लोगों के कहीं से भी आने-जाने की वजह से जाम लग रहा है। अभी लोग रोजाना किसी ने किसी चौक पर जाम में फंस रहे हैं। सिग्नल बंद होने के बावजूद अधिकतर चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस वाले भी दिखाई नहीं देते हैं। इस वजह से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।

ट्रैफिक सिग्नल का मेंटनेंस नहीं होने की वजह से इनमें बड़ी तकनीकी खराबी आ गई है। पुलिसवालों का कहना है कि सिग्नल सुधारने का काम नगर निगम का है। बंद सिग्नल की सूचना कई बार निगम वालों को दे दी गई है। लेकिन अभी तक इसे सुधारा नहीं जा रहा है।

निगम अफसरों का कहना है कि मेंटेनेंस के लिए नए सिरे से टेंडर जारी किया जा रहा है। इस वजह से अभी दिक्कत हो रही है। दो विभागों की लड़ाई में आम लोग फंस गए हैं। लोगों का आरोप है कि जब मेंटेनेंस का ठेका खत्म हो रहा था तो निगम वालों ने पहले से तैयारी क्यों नहीं की। अब लोगों को हर दिन जाम में फंसना पड़ रहा है। इससे उनके कई जरूरी काम अटक रहे हैं।

रेड होने के बाद ग्रीन नहीं होता, ग्रीन होता है तो रेड नहीं होता शहर में कई जगह के ट्रैफिक सिग्नल ज्यादा ही खराब हो गए हैं। सिग्नल एक बार रेड होता है तो 3 से 4 मिनट तक ग्रीन नहीं होता। जब ग्रीन हो जाता है तो पांच​ मिनट से ज्यादा समय तक रेड नहीं होता। कहीं से भी गाड़ी आने-जाने की वजह से लोग जाम में फंस जाते हैं।

शहर में पंडरी केनाल रोड चौक, अंबेडकर अस्पताल चौक, शंकरनगर, लोधीपारा अवंति बाई चौक, फायर ब्रिगेड चौक,कालीबाड़ी, बूढ़ापारा चौक, आमापारा, नहरपारा, वीआईपी तिराहा शंकर नगर और देवेंद्र नगर चौक का सिग्नल कभी भी बंद हो जाता है। सिग्नल की टाइमिंग इतनी खराब हो गई है कि लोगों ने सिग्नल की अनदेखी करनी शुरू कर दी है।

सिग्नल लगे छह साल से ज्यादा शहर में सिग्नल लगे 6 साल से ज्यादा हो गया है। इसमें तकनीकी दिक्कतें ज्यादा आ रही हैं। लगातार मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से सिग्नल बंद हो रहे हैं। 2018 में शहर के 55 से ज्यादा चौक-चौराहों पर हाईटेक ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। ये सिग्नल ऐसे थे जिन्हें मैन्यूअल ऑपरेट करने की जरूरत नहीं थी। सभी सिग्नल ऑटो मोड पर काम कर रहे थे। शुरुआत में तो सब ठीक रहा, लेकिन बाद में इसके मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया गया।

निजी कंपनी वालों को सौंपा काम नगर निगम कई साल से खुद से ट्रैफिक सिग्नल लगाना बंद कर चुका है। सिग्नल लगाने का काम निजी कंपनियों को दिया जा रहा है। एक बार सिग्नल लगाने के बाद उसके मेंटेनेंस का जिम्मा कंपनी का ही होता है। कंपनी वाले इसका खर्च विज्ञापन से निकालती है। सिग्नलों के ऊपर विज्ञापन लगाकर आय अर्जित की जाती है। लेकिन कंपनी वाले अब लापरवाही करते हैं। पुरानी सभी कंपनियों ने निगम से अपना काम समेट लिया है।

निगम से कहा है जल्द सुधारें शहर में ट्रैफिक सिग्नल लगाने और उसके मेंटेनेंस का जिम्मा नगर निगम के पास है। जहां-जहां सिग्नल खराब हैं उसकी सूची बनाकर निगम वालों को दे दी गई है। उन्होंने कहा है कि जल्द इसे सुधार दिया जाएगा। डॉ. लाल उम्मेद सिंह, एसएसपी रायपुर कंपनी पर कर रहे सख्ती ट्रैफिक सिग्नल लगा ने और मेंटेनेंस करने वाली कंपनी पर सख्ती की जा रही है। जल्द ही सभी सिग्नल सुधार लिए जाएंगे। इस काम के लिए नए सिरे से टेंडर भी जारी​ किया जा रहा है। इसके बाद परेशानी नहीं होगी। विश्वदीप, कमिश्नर नगर निगम



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