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शिवराज बोले-संविधान पढ़ने के लिए ट्यूशन लगाएं राहुल गांधी: भोपाल में कहा-बिना तनाव जातिगत जनगणना होगी, इंडी गठबंधन में मची है श्रेय लेने की होड़ – Bhopal News


भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए। मीडिया से चर्चा की शुरुआत करते हुए पूर्व सीएम ने सबसे पहले प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा के निधन पर कहा, नरेंद्र को याद करते हुए मन भरा हुआ है।

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शिवराज ने कहा- आज मोदी जी के नेतृत्व में कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने ये फैसला किया है कि अब जनगणना के साथ जातियों की गणना होगी। जातिगत जनगणना पूरी पारदर्शिता के साथ होगी। समाज के सभी वर्गों के आर्थिक और सामाजिक हितों को ध्यान में रखते हुए देश के हित में होगी।

संविधान पढ़ने ट्यूशन लगाएं राहुल गांधी

विपक्ष के कहने पर तारीख थोड़े ही बताएंगे शिवराज ने कहा- आज बातें की जा रही हैं, तारीख बताइए? क्या तुमसे पूछ कर तारीख बताएंगे? विपक्ष के कहने पर तारीख बताएंगे? तारीख भी तय होगी, जातिगत जनगणना भी होगी। राष्ट्र और समाज के व्यापक हित में उसका उपयोग किया जाएगा।

EWS को 10% आरक्षण दिया तब देश में कहीं तनाव पैदा नहीं हुआ शिवराज ने कहा- इससे पहले मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10% आरक्षण का फैसला किया था। तब भी देश में कहीं भी तनाव पैदा नहीं हुआ था। अब जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय के लिए सबका साथ और सबका विकास और सबके कल्याण के लिए की जाएगी।

नेहरू ने कहा था वे जातिगत आरक्षण के विरोधी शिवराज ने कहा- कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी ने मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा था वो जाति के आधार पर आरक्षण के विरोधी हैं, समर्थक नहीं हैं। वो पत्र रिकॉर्ड में मौजूद है। उन्होंने हमेशा जाति और जातिगत जनगणना का विरोध किया था। काका कालेलकर की रिपोर्ट किसने दबाई थी? कभी पंडित नेहरू का रवैया ऐसा नहीं था। इंदिरा जी ने क्या किया था? मंडल कमीशन की रिपोर्ट आई तब कांग्रेस का रुख क्या था? कांग्रेस ने हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध किया। 1980 के दशक में जब मंडल कमीशन आया, तब इंदिरा जी ही ने विरोध किया था। बीपी मंडल की जातिगत जनगणना की मांग को तत्कालीन गृहमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने खारिज किया था। सोनिया जी सुपर पीएम थीं तब जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने कहा- राहुल जी मैं आपको याद याद दिलाना चाहता हूं स्वर्गीय राजीव गांधी का रुख क्या था? तब जातिगत जनगणना क्यों नहीं की थी? फिर सोनिया जी पावर में आई वे सुपर पीएम थी। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार आई तब उन्होंने पार्लियामेंट में आश्वस्त किया था कि वह जाति के जनगणना पर कैबिनेट में विचार करेंगे। एक समूह बना ग्रुप आफ मिनिस्टर्स तब भी जातिगत जनगणना नहीं हुई।

एक सर्वे बस हुआ था जिसे एसईसीसी के नाम से जाना जाता है। सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई? और एसईसीसी के जो उस समय सर्वे के आंकड़े थे उसमें भी हजारों त्रुटियां थीं। उनको लगभग अग्राह्य कर दिया गया? तब कांग्रेस कहां थी? झूठ बोलना और भ्रम फैलाना यह कांग्रेस के डीएनए में है। 1971 में गरीबी हटाओ का नारा दिया गया था। गरीबी नहीं हटी गरीब ही हट गए। कर्जा माफ, बिजली बिल माफ, बेरोजगारी भत्ता देंगे ना जाने कितने झूठ बोले।

श्रेय के लिए उछल कूद कर रहे आज श्रेय के लिए उछल कूद कर रहे हो पहले जवाब देना होगा कांग्रेस ने क्यों जातिगत जनगणना नहीं कराई? आज बड़ी-बड़ी बातें की जा रही थीं। कांग्रेस का तो नकली चेहरा सामने आता है असली सूरज छुपी रहती है। जातिगत जनगणना पूरे पारदर्शी तरीके से होगी। समाज के हर वर्ग के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए और समाज में बिना तनाव पैदा किए हुए होगी। सटीक डेटा के आधार पर समाज के हर वर्ग के कल्याण की योजनाएं बनाई जाएगी।

कांग्रेस का विजन विभाजनकारी आज वो विजन की बात करते हैं कांग्रेस का विजन समाज का विभाजन रहा है। विभाजनकारी नीतियां रही हैं। समाज को तोड़ने का विजन रहा है लेकिन हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इसको मूल मंत्र मानकर आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरात्मा से धन्यवाद देता हूं। यह जाति की राजनीति नहीं है सुशासन की आधार भूत नींव है। समाज के हर वर्ग को न्याय देने का प्रयास है जो पूरे पारदर्शी तरीके से धरती पर उतारा जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी और प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल

शिवराज ने इन सवालों के भी जवाब दिए सवाल- राहुल गांधी ने कहा है हम तो कर्नाटक और तेलंगाना में कानून बनाने जा रहे हैं। आप कह रहे हैं कि तेलंगाना में सिर्फ सर्वे हुआ है? शिवराज- राहुल गांधी क्या सोचते और कहते हैं, इसका कोई ठिकाना ही नहीं है। जनगणना होगी तो बिना बजट के थोड़े होगी। ये तो कॉमनसेंस की बात है।

सवाल- कांग्रेसी कह रहे हैं कि पहले बीजेपी के लोग जातिगत जनगणना पर कहते थे ये देश को तोड़ने वाली बात है? शिवराज- हमने कभी नहीं कहा कि देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं। भाजपा ने सदा सबके साथ, सबके विकास और सबके विश्वास की बात कही है। अब जातिगत जनगणना का फैसला किया है।

सवाल-जातिगत जनगणना करवाने का जो बड़ा मुद्दा था, क्या इस फैसले के बाद इस मुद्दे को भाजपा ने खत्म कर दिया है? शिवराज- भाजपा मुद्दों की राजनीति नहीं करती। विकास और जनकल्याण हमारी जड़ों में हैं और इसी के लिए हम काम करेंगे।

सवाल- अगर भाजपा के संकल्प पत्र में ये एजेंडा नहीं था तो फिर ये तो कांग्रेस के कहने के बाद लाए? शिवराज- समय-समय पर कई चीजें ऐसी होती हैं, जो घोषणा पत्र में नहीं होती और कर दी जाती हैं। हमने लाड़ली बहना का कब घोषणा पत्र में कहा था, लेकिन कर दिया।

सवाल- 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का मामला उलझा हुआ है। 13फीसदी के मामले में कई विभागों के चयनित अभ्यर्थी परेशान हैं, अब इस मामले में आपका क्या रुख है? शिवराज- आपको याद होगा उस समय जब पंचायत चुनाव के बारे में फैसला आया था, तब भी हमने पूरी ताकत से कोर्ट में पक्ष रखकर ओबीसी के हितों-अधिकारों का संरक्षण किया था। सरकार में रहते हुए हमारी सरकार ओबीसी के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हर संभव कदम उठा रही है।

सवाल- इस निर्णय की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। एक तरफ पहलगाम का मामला चल रहा है, दूसरी तरफ ये फैसला हुआ ? शिवराज- कई फैसले लिए जा रहे हैं। आज ही फैसले लिए गए हैं। किसानों को गन्ने का एमएसपी बढ़ाने का फैसला हुआ है। नॉर्थ ईस्ट में सड़कें बनाने का निर्णय हुआ है। तो समय के साथ फैसले होते चले जाते हैं। पेट में दर्द केवल इसलिए है, क्योंकि ये हो कैसे गया? अब हम क्या करेंगे। जब उचित समय होता है।स तब सरकार फैसला करती है।

सवाल- कांग्रेस का एजेंडा था कि जातिगत सर्वे के नाम पर कर्नाटक में विशेष अल्पसंख्यक समुदाय को आरक्षण देंगे। बीजेपी इस बारे में क्या सोच रही है? शिवराज- धर्म के आधार पर आरक्षण देने की बीजेपी विरोधी है। ये जगजाहिर है।

सवाल- भाजपा सरकार भी ये मानती है कि जातिगत जनगणना इस देश के लिए जरूरी है? शिवराज- सामाजिक न्याय और सटीक आंकड़ों, कल्याणकारी योजनाएं बनाने के लिए जरूरी है इसलिए किया है।

सवाल- बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां जातिगत मुद्दे बहुत हावी रहते हैं बिहार चुनाव को केन्द्र में रखकर ये फैसला किया है? शिवराज- भाजपा या एनडीए की सरकार चुनाव को ध्यान में रखते हुए फैसले नहीं करती। देश के हित और जनता के कल्याण को ध्यान में रखते हुए फैसला करती है।



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