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श्रीकृष्ण-जन्मभूमि पर विराजेंगी स्वर्ण-मण्डित श्रीमद्भागवत्: शुक्रवार को निकाली जाएगी शोभायात्रा,भागवत भवन में भगवान राधा कृष्ण के समीप किया जायेगा स्थापित – Mathura News


लक्ष्मी नारायणन ने बताया कि 450 ताम्रपत्रों पर श्रीम‌द्भागवत जी के 18000 श्लोकों को उकेरा गया है एवं 18000 श्लोकों को चौबीस कैरेट गोल्ड से मढ़ा गया है

आनन्द कन्द लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर ताम्रपत्र पर अंकित स्वर्ण-मण्डित श्रीम‌द्भागवत जी की स्थापना माघ कृष्ण एकादशी 25 जनवरी को प्रातःकालीन बेला में की जायेगी। इससे पहले शुक्रवार को यमुना पूजन कर विश्राम घाट से श्री कृष्ण जन्मस्था

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रिटायर्ड IAS अधिकारी ने बनवाईं श्री मद्भागवत

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि सेवानिवृत्त आईएएस डा. सुब्रह्मण्यम लक्ष्मी नारायणन् एवं उनकी धर्मपत्नी सरस्वती लक्ष्मी नारायणन ने अपनी जीवन भर की जमा पूँजी से स्वर्ण-मण्डित श्रीम‌द्भागवत जी की स्थापना का जो संकल्प लिया था वह 25 जनवरी को श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर पूरा होने जा रहा है। संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मस्थान के पवित्र परिसर में स्थापित श्रीभागवत-भवन में महर्षि वेदव्यास जी की प्रतिमा के सन्मुख ऐसी स्वर्ण-मण्डित श्रीम‌द्भागवत जी को शास्त्रीय मर्यादाओं एवं विधि के अनुसार स्थापित किया जायेगा।

श्रीभागवत-भवन में महर्षि वेदव्यास जी की प्रतिमा के सन्मुख ऐसी स्वर्ण-मण्डित श्रीम‌द्भागवत जी को शास्त्रीय मर्यादाओं एवं विधि के अनुसार स्थापित किया जायेगा

42 वर्ष बाद भागवत भवन में विराजमान होंगी श्री मद्भागवत

कपिल शर्मा ने बताया कि सन्त, शास्त्रीय मतानुसार भगवान श्रीकृष्ण के वांग्मय स्वरूप श्रीम‌द्भागवत जी का श्रवण, वाचन, दर्शन, चिन्तन, मनन एवं परायण आदि सभी मनोरथ अक्षुण्ण पुण्यप्रद है। इसी भाव से श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के पवित्र परिसर में श्रीभागवत-भवन की स्थापना की गयी। वर्ष 1982 में श्रीभागवत-भवन की प्राण-प्रतिष्ठा के समय ताम्रपत्र पर अंकित संपूर्ण श्रीमद्‌भागवत जी, श्रीभागवत-भवन के उत्तरी दीवार पर स्थापित की गयीं थीं। आज भागवत-भवन में लगभग 42 वर्ष के उपरान्त स्वर्ण-मण्डित श्रीम‌द्भागवत जी की स्थापना निश्चित ही श्रद्धालुओं को दिव्य आनन्द और पुण्य की प्राप्ति करायेंगी।

सेवानिवृत्त आईएएस डा. सुब्रह्मण्यम लक्ष्मी नारायणन् एवं उनकी धर्मपत्नी सरस्वती लक्ष्मी नारायणन द्वारा स्वर्ण-मण्डित श्रीम‌द्भागवत जी की स्थापना कराइ जा रही है

1008 महिलाएं निकालेंगी कलश यात्रा

संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि स्वर्ण श्रीमद्‌भागवत जी की स्थापना से पूर्व 24 जनवरी को पुनीत विश्राम घाट पर श्री यमुना जी श्रीभागवतजी का पूजन होगा। पूजन के उपरान्त मंगल ध्वनि एवं मंत्रोच्चारण के मध्य शोभायात्रा प्रारम्भ होगी। शोभायात्रा में भगवान श्री केशव देव जी, श्री गणेश जी एवं महर्षि वेदव्यासजी की झोंकियों के साथ-साथ 1008 सनातनी महिलाएं मंगल कलश लेकर श्रीम‌द्भागवत जी की अगुवाई करेंगी। 108 साधु-सन्त उद्दाम संकीर्तन के साथ इस शोभायात्रा की शोभा में वृद्धि करेंगे। दोपहर लगभग 1:00 बजे श्रीमद्‌भागवत जी के शोभायात्रा विश्राम-घाट से प्रारम्भ होगी और लगभग 3 बजे श्री कृष्ण जन्मस्थान के पवित्र परिसर में पधारेंगी।

श्रीमद्‌भागवत जी के शोभायात्रा विश्राम-घाट से प्रारम्भ होगी और लगभग 3 बजे श्री कृष्ण जन्मस्थान के पवित्र परिसर में पधारेंगी

450 तामपत्र पर उकेरे गए 18 हजार श्लोक

लक्ष्मी नारायणन ने बताया कि 450 ताम्रपत्रों पर श्रीम‌द्भागवत जी के 18000 श्लोकों को उकेरा गया है एवं 18000 श्लोकों को चौबीस कैरेट गोल्ड से मढ़ा गया है। श्रीमद्भागवत जी का कुल वजन लगभग 151 किग्रा0 है।लक्ष्मीनारायणन् ने बताया कि चैन्नई की प्रतिष्ठित गिरि ट्रेडिंग एजेन्सी ने ताम्रपत्र पर श्रीमद्भागवत जी को उकेरा है एवं वुम्मदी बंगारू ज्वैलर्स ने चौबीस कैरेट गोल्ड से 18000 श्लोकों वाले 450 ताम्रपत्रों पर मढ़ा है।



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