मध्य प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय कपीश्वर ने संविदा स्वास्थ्य संघ के अध्यक्ष शेर सिंह रावत को पत्र जारी किया है।
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पत्र में स्पष्ट किया गया है कि 24 घंटे के भीतर सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटना होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोपाल के पत्र के अनुसार जारी किया गया है।
कर्मचारियों ने 22 अप्रैल 2025 से हड़ताल शुरू करने की सूचना पहले ही दे दी थी। प्रशासन ने सामान्य प्रशासन विभाग और एनएचएम मानव संसाधन मैनुअल का हवाला देते हुए हड़ताल को अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन बताया है।
सीएमएचओ ने इस चेतावनी पत्र की प्रति जिले के 11 वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजी है। इनमें सचिव, आयुक्त, मिशन संचालक, कलेक्टर, उप संचालक, सिविल सर्जन और अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ हड़ताली कर्मचारियों को इस पत्र की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
वर्तमान में प्रदेशभर में संविदा स्वास्थ्य कर्मी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल से सरकारी अस्पतालों की ओपीडी, लैब, टीकाकरण, एनएचएम योजनाएं और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।