मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में थाना परिसर में ईसाई धर्मगुरु के साथ हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के तीन दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण शहर में विरोध-प्रदर्शन तेज़ हो गया है। एक ओर जहां स्थानीय ईसाई समाज क
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जबलपुर के ईसाई समाज ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
चार दिन पूर्व धर्मांतरण के संदेह में हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा ईसाई धर्मगुरुओं के साथ मारपीट की गई थी। इस घटना के विरोध में सैकड़ों ईसाई समुदाय के लोगों ने एसपी कार्यालय का घेराव किया था। पुलिस द्वारा 24 घंटे में आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक धर्मगुरु के साथ मारपीट करने वाले आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
संसद और केरल विधानसभा में गूंजा मुद्दा
क्रिश्चन समुदाय के धर्मगुरु फादर डेविस जॉर्ज और फादर जार्ज थॉमस के साथ पुलिस की मौजूदगी में रांझी थाना परिसर में जमकर मारपीट की गई। जबलपुर में हुई इस घटना के विरोध में लोकसभा में विपक्ष के साथ अन्य दलों ने यह मुद्दा उठाया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोकसभा के साथ-साथ यह मुद्दा केरल विधानसभा तक भी पहुंच गया है।
संसद के बाहर खड़े होकर सांसदों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि, ईसाई समुदाय पर अत्याचार करना बंद करो। इधर जबलपुर में बीते चार दिनों से लगातार ईसाई समुदाय के लोग फादर डेविस के साथ मारपीट करने वालों की गिरफ्तार की मांग कर रहे हैं।
यह था घटनाक्रम
चार दिन पहले सोमवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक यात्री बस को रोककर रांझी थाने पहुंच गए। संगठन के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि, बस में मंडला के महाराजपुर से लाए आदिवासी लोग मिले हैं, जिन्हें धर्म परिवर्तन करवाने के लिए चोरी-छिपे यहां लाया गया था। बस में सवार युवती ने बताया कि, हम लोग तो बस से तीर्थ यात्रा पर आए थे और चर्च जा रहे थे। तभी कुछ अंकलों ने हमें रोका और बाद में पुलिस स्टेशन ले आए। वे कह रहे हैं कि हम लोगों को बहकाया जा रहा है। लेकिन हम अपनी मर्जी से यहां आए हैं। बस का किराया भी हमने ही दिया है। हमने 500-500 रुपए दिए हैं। हमें बस चर्च लेकर जा रही थी। हमने खुद तय किया था कि हम यहां आएंगे।
धर्मगुरुओं से हुई थी मारपीट
मंडला से आए ईसाई धर्म के तीर्थ यात्रियों की बस को रांझी में रोककर उन्हें थाने में बैठाया गया, इसकी जानकारी जब क्रिश्चन समुदाय के धर्मगुरु फादर डेविस जॉर्ज और फादर जार्ज थॉमस को लगी तो वो रांझी थाने बात करने के लिए पहुंचे थे, तभी वहां पर मौजूद लोगों ने उनके साथ मारपीट कर दी। आरोप है कि हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बस यात्रियों से मिलने के कारण मारपीट की थी। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह लोग आदिवासी लोगों का मन डायवर्ट करते हुए उन्हें धर्मांतरण के लिए दबाव बना रहे थे।
जबलपुर के पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने बताया
रांझी थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है। जहां तक आरोपियों को गिरफ्तार करने का सवाल है, तो मारपीट की धाराएं लगाई गई है। तलाश जारी है। कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं।