मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से रॉयल्टी, माइनिंग प्लान आदि पर मिले आश्वासन के बाद मप्र के स्टोन क्रशर संचालकों ने शनिवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली। संचालकों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने उनकी सभी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। लगभग दो हफ्ते चली हड़
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दो हफ्ते पहले स्टोन क्रशर संचालक हड़ताल पर चले गए थे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री से क्रशर संचालक दो बार मिले और समस्याएं रखीं। खनिज अधिकारियों के अलावा सीएम सचिवालय के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा भी इसमें शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चर्चा के लिए कहा और आश्वासन दिया कि सभी जायज मांगों को पूरा किया जाएगा। संचालक शुक्रवार को मुख्यमंत्री से दोबारा भी मिले। शनिवार को एसोसिएशन सदस्यों ने बैठक की और सहमति से हड़ताल वापस ले ली। चार खनन अधिकारियों की समिति बनी है।
क्या हैं समस्याएं ?
संचालकों का आरोप था कि ठेकेदार रॉयल्टी पर्ची उनसे लेने की बजाय सरकारी निर्माण एजेंसियों के पास रॉयल्टी जमा कर देते हैं। अपने खनन को वैध सिद्ध करने में दिक्कत होती है। सैटेलाइट सीमांकन के लिए लिए जा रहे कोऑर्डिनेट राजस्व के कोऑर्डिनेट से अलग आ रहे हैं, खनन अवैध साबित हो जाएगा।
क्या मिले आश्वासन ?
स्टोन क्रशर ओनर्स एसो. के प्रदेश अध्यक्ष देवेंदर पल सिंह चावला ने कहा कि सीएम ने आश्वासन दिया है कि सरकारी विभाग बिना रॉयल्टी पर्ची वाले ठेकेदारों से तिगुना पेनल्टी लेंगे। माइनिंग प्लान संशोधन को सरल बनाने चर्चा होगी। सैटेलाइट मैपिंग में वर्तमान खनन क्षेत्र को वास्तविक क्षेत्र मानने पर सहमति बनी है।