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सांप्रदायिक एकता की मिसाल है पीलीभीत का शेरपुर कलां: होली पर मुस्लिम बहुल गांव में हिंदू देते हैं गालियां, मुस्लिम देते हैं नजराना – Pilibhit News


सौरभ दीक्षित | पीलीभीत2 मिनट पहले

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सांप्रदायिक एकता की मिसाल है पीलीभीत का शेरपुर कलां।

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले का शेरपुर कलां गांव सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। यह मुस्लिम बहुल गांव होली के त्योहार को एक अलग ही अंदाज में मनाता है। नवाबों के जमाने से चली आ रही परंपरा के अनुसार, होली के दिन हिंदू समुदाय के लोग मुस्लिम परिवारों के दरवाजे पर जाकर गालियां देते हैं। इस अनोखी परंपरा में मुस्लिम परिवार न केवल इन गालियों को हंसकर स्वीकार करते हैं, बल्कि होली की बधाई के साथ हुरियारों को नजराना भी देते हैं।

होली के दिन रंग-गुलाल से सजी टोलियां गांव की गलियों में घूमती हैं। ये टोलियां नवाब साहब की कोठी के सामने रुककर होली के गीत गाती हैं। गीतों के बीच दी जाने वाली गालियों पर मुस्लिम समुदाय के लोग मुस्कुराते हुए कुछ रुपए भेंट करते हैं।

इस वर्ष होली और रमजान का पवित्र महीना एक साथ आए हैं। जहां अन्य जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोग होली के दिन रंग लगाने से बचते हैं, वहीं शेरपुर कलां में मुसलमान भी होली की धमाल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

वर्तमान में जब वोट बैंक की राजनीति के कारण सांप्रदायिक विभाजन बढ़ रहा है, शेरपुर कलां की यह होली हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बनी हुई है। यहां हर धर्म के लोग मिलकर इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं।

नवाबों के दौर से चली आ रही है परंपरा

95 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले इस गांव में पहले हिन्दुओं की संख्या अधिक थी लेकिन अब आधुनिकता की चकाचौंध में ज्यादातर सराफ शेरपुर छोड़कर पूरनपुर जाकर रहने लगे हैं ऐसे में अब यहां हिन्दुओं की आबादी दो हजार ही है। खास बात यह है कि सभी एक दूसरे का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग होलिका दहन की तैयारियों में हिंदुओं का साथ भी देते हैं। यहां होली के दिन गाली देने का रिवाज नवाबों के दौर से ही चला आ रहा है। पीढ़ियां बदल गईं लेकिन ये रिवाज आज भी चला आ रहा है। 45 हजार आबादी वाले इस गांव में केवल 2 हजार ही हिंदू हैं। लेकिन यहां कभी सांप्रदायिक तनाव नहीं देखने को मिला। होली के मौके पर हिंदू समुदाय के लोग हुड़दंग, डीजे पर डांस और गाली देते हैं लेकिन मुस्लिम इसका बुरा नहीं मानते।



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