‘हमें यहां रहते हुए 21 साल हो गए। बच्चे यहीं पैदा हुए। बेटी पहली से 12वीं तक यहीं पढ़ी। आधार कार्ड-पैन कार्ड यहीं का है। अब लाेग हमें फोन करके कह रहे हैं कि गाड़ी में सामान भरो और निकल जाओ। ज्यादा मच-मच मत करो। हमारी तो किसी से दुश्मनी भी नहीं है।’
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महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग के मालवण कस्बे में रहने वाले सनाउल्ला के लिए 23 फरवरी तक सब ठीक चल रहा था। इस दिन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत-पाकिस्तान के बीच मैच था। आरोप है कि सनाउल्ला के 15 साल के भतीजे सलमान ने रोहित शर्मा के आउट होने पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। यहीं से उनके परिवार की मुश्किलें शुरू हो गईं।
भीड़ ने सलमान को पीटा, फिर घर जाकर उसके पिता से मारपीट की। भीड़ पूरे परिवार को पुलिस स्टेशन ले गई और केस दर्ज करा दिया। अगले दिन नगर पालिका ने सलमान के पिता और चाचा की कबाड़ की दुकान पर बुलडोजर चलवा दिया।
सलमान पर देश विरोधी नारे लगाने का आरोप लगने के बाद प्रशासन ने उसके पिता की दुकान तोड़ दी। इसकी वजह अवैध कब्जा बताया गया।
पूरा मामला क्या है, इसे समझने दैनिक भास्कर मालवण पहुंचा। सलमान, उसके चाचा सनाउल्ला और सलमान पर आरोप लगाने वाले अवि सामंत से बात की। केस दर्ज करने वाले पुलिस अफसर से भी मिले।
मालवण में करीब 3% मुस्लिम महाराष्ट्र के पूर्वी छोर पर समुद्र के किनारे बसा ये कस्बा कोंकण में आता है। आबादी करीब 25 हजार है। इनमें 87% हिंदू हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां सिर्फ 3% मुस्लिम रहते हैं। ये भी अलग-अलग प्रदेशों से काम की तलाश में आए और यहीं बस गए।
सलमान के पिता भी करीब 20 साल पहले यूपी के गोरखपुर से मालवण आए थे। कबाड़ का काम शुरू किया। धीरे-धीरे धंधा बढ़ा तो वे यहीं बस गए। उनके भाई सनाउल्ला भी मालवण में रहते हैं और कबाड़ का ही धंधा करते हैं।
छिपकर रह रही सलमान की फैमिली 23 फरवरी की घटना के बाद सलमान के माता-पिता को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। दो दिन जेल में रहे, फिर जमानत मिल गई। इसके बाद उन्हें धमकियां मिलने लगीं। मालवण में जैसे हालात हो गए थे, वे घर नहीं लौटे। अभी छिपकर कहीं रह रहे हैं। हमने उनसे कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मिले।
सलमान उनसे अलग मालवण में ही छिपकर रह रहा है। वो मुंबई में एक मदरसे में पढ़ता है। छुट्टियों में अपने घर मालवण आया था। वो नाबालिग है, इसलिए हम उसकी पहचान और पता उजागर नहीं कर रहे हैं। सलमान बदला हुआ नाम है।
सलमान अभी मालवण में कहीं छिपकर रह रहा है। उस पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई चल रही है।
23 तारीख की घटना के बारे में सलमान ने बताया, ‘शाम 8:30 बजे मैं मस्जिद से निकला था। नमाज पढ़ने गया था, इसलिए कुर्ता-पायजामा और सिर पर टोपी पहनी थी। रास्ते में एक दुकान से कुछ सामान लिया। तभी बाइक से दो लड़के आए। एक ने मेरा नाम पूछा। मैं डर गया, मैंने अपना असली नाम नहीं बताया, उससे कहा कि मेरा नाम इलियास है।’
‘लड़के की आंखें लाल दिख रहीं थीं। शायद वो नशे में था। तेज चिल्लाकर बोला- सच बोल, तेरा नाम क्या है। मैंने कहा- सलमान खान’
‘मैं उस लड़के को नहीं जानता था। उसे पहले कभी देखा भी नहीं था। उसने मुझसे पूछा- क्रिकेट देखता है क्या? मैंने कहा- नहीं, मैं क्रिकेट नहीं देखता, मुझे इंटरेस्ट नहीं है।’
‘उसने कहा- तू मैच में किसकी तरफ रहेगा? मैंने कहा कि मैं इंडिया में रहता हूं, तो इंडिया की तरफ ही रहूंगा।
‘बाइक पर पीछे बैठे दूसरे लड़के ने बाइक चला रहे लड़के के कान में बोला कि ये इंडिया मुर्दाबाद बोल रहा है। इसके बाद उन्होंने मुझे दो-तीन थप्पड़ मारे। मैंने उनसे कहा- अल्लाह की कसम मैंने ऐसा कुछ नहीं बोला।’
‘इसके बाद वे मुझे लेकर मेरे घर आ आए। मेरे अब्बू से भी वही बात बोलने लगे। अब्बू ने कहा कि अगर मैंने कुछ बोला भी है, तो समझाना चाहिए। बच्चे को मारा क्यों। इस पर दोनों लड़के गाली देने लगे। अब्बू ने उन्हें रोका, तो दोनों चले गए। हम भी अपने घर में खाना खाने लगे।’
पुलिस के मुताबिक, बाइक पर बैठा शख्स सचिन संदीप वराडकर है। उसने ही पुलिस को सबसे पहले सूचना दी। उसी की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। हमने संदीप वराडकर से मिलने की कोशिश की, लेकिन वे मिलने को तैयार नहीं हुए। हमने संदीप को फोन किया। उसने कहा- ‘मैं फोन पर इस बारे में बात नहीं कर सकता।’
फिर लौटते हैं सलमान की कहानी पर करीब 9:30 बजे संदीप और उसका साथी सलमान के घर से लौट गए। सलमान के मुताबिक, रात 11:30 बजे संदीप करीब 50 लोगों को लेकर लौटा। उसके साथ अवि सामंत भी थे। अवि सावंत ने सलमान के पिता पर देश विरोधी बातें कहने का आरोप लगाया है।
सलमान ने आगे बताया, ‘भीड़ ने अब्बू के साथ मारपीट शुरू कर दी। मुझे भी पीटा। अवि सामंत ने मुझे गाड़ी में बिठाया और थाने ले गए। मेरा वीडियो बनाया। मुझसे नाम पूछा। फिर बोले- सच बोल क्या हुआ था। मैंने कहा कि अल्लाह की कसम मैंने कुछ नहीं बोला।’
अवि सामंत बोले- लड़के को अच्छे से प्रसाद दिया, फिर पुलिस के हवाले कर दिया अवि सामंत का पूरा नाम अविनय सामंत है। उनका मालवण में होटल का बिजनेस है। अवि कहते हैं, ‘भारत-पाकिस्तान का मैच चल रहा था। इंडिया जीतने वाला था। रोहित शर्मा का विकेट गिरा, तो बाहर से यहां काम करने आए मुस्लिमों के बच्चों ने चिल्लाना शुरू किया पाकिस्तान जिंदाबाद, अफगानिस्तान जिंदाबाद, इंडिया हार जाएगा, रोहित आउट हो जाएगा। वे जश्न मना रहे थे। मेरा दोस्त सचिन वहां से गुजर रहा था। नारे लगाकर वे लड़के वहां से भाग गए।’
‘सचिन ने ये बात मुझे बताई। हम एक लड़के के घर गए। बेटे से सवाई उसका बाप निकला। बोला- भाड़ में गया इंडिया, यहां क्यों आए हो। इंडिया मुर्दाबाद बोलें, पाकिस्तान जिंदाबाद बोलें, आपको क्या। हमारे लोगों का खून खौल गया। उन्हें अच्छे से प्रसाद दिया और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। हमारे विधायक नीलेश राणे को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने नगर पालिका और पुलिस को उन लोगों की दुकानों पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया।’
हमने अवि सामंत से पूछा कि देशविरोधी नारे लगाने का कोई वीडियो या ऑडियो एविडेंस है? अब तो हर किसी के पास फोन होता है। अगर आपके सामने वे देशविरोधी बातें कर रहे थे, क्या आपने रिकॉर्ड किया?
अवि सामंत जवाब देते हैं, ‘नहीं, हमें पता होता कि वे लोग ये सब बोलेंगे, तो हम रिकॉर्ड करते। अभी कोई एविडेंस नहीं है। पहले हमें लगा कि गलती से हुआ होगा, लेकिन बच्चे के मम्मी-पापा इंडिया के बारे में बुरा बोलने लगे।’
‘अगर आपको इंडिया में रहना है, तो अच्छा ही बोलना है। अगर आप एक भी लफ्ज गलत बोलेंगे, तो हम भी गलत ही करेंगे। ये हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं है। ये इंडिया की बात है।’
सलमान के चाचा बोले- मेरी क्या गलती थी, मेरी दुकान क्यों तोड़ी 24 फरवरी को प्रशासन ने सलमान के पिता और चाचा की दुकान तोड़ दी थी। आरोप है कि दुकान कब्जे की जमीन पर बनी थी। सनाउल्ला और सलमान के पिता की दुकान आसपास ही थीं।
सनाउल्ला कहते हैं, ‘मेरी दुकान पर बुलडोजर चला दिया। न कोई नोटिस दिया, न किसी अधिकारी ने कुछ बताया। बस बुलडोजर आया और दुकान तोड़ना शुरू कर दिया। आसपास के लोग हमें मारने की कोशिश कर रहे थे। वे चिल्ला रहे थे- पाकिस्तान चला जा, बांग्लादेश चला जा। मेरे भतीजे ने क्या बोला, मुझे नहीं पता। मेरी दुकान क्यों तोड़ दी। मेरा क्या कसूर था।’
सनाउल्ला 20 साल पहले यूपी के सिद्धार्थनगर से मालवण आए थे। वे कहते हैं, ‘पहले हमें मालवण में कोई दिक्कत नहीं हुई। सब हंसी-खुशी मिलकर रहते थे। कभी किसी ने परेशान नहीं किया। ऐसा कोई ख्याल भी नहीं आया। मेरी 6 बेटियां और एक बेटा है।’
बेटी का एग्जाम चल रहा है। इसलिए अभी हम यहां से नहीं जा सकते। अभी जो हालात हैं, उसके बाद यहां रहने का मन नहीं रहा। अब हम मालवण में नहीं रहेंगे।
लोग धमकी दे रहे- मालवण छोड़कर निकल जाओ सनाउल्ला ने हमें कुछ फोन रिकॉर्डिंग सुनाईं। इसमें लोग उन्हें धमकी दे रहे हैं कि मालवण छोड़कर निकल जाओ। सनाउल्ला कहते हैं, ‘हमारी बस्ती में 20-25 घर मुसलमानों के हैं। हमारा साथ न हिंदुओं ने दिया और न मुसलमानों ने। कुछ लोगों ने मदद करने की कोशिश की, लेकिन बाद में वे भी पीछे हट गए। रमजान चल रहा है और हमारे लिए खाना जुटाना भी मुश्किल हो गया है।’
मस्जिद कमेटी के प्रमुख बोले- अब मालवण में एका नहीं रह गया करीम खान मालवण की मस्जिद कमेटी के प्रमुख हैं। वे कहते हैं, ‘हमें देश विरोधी नारे लगाने की बात मीडिया से पता चली। हम चाहते थे कि ये मामला हिंदू-मुस्लिम न हो, इसलिए हम भी इस मामले में शामिल हुए। शांति समिति की बैठक की। हमने कहा कि इस परिवार के अलावा दूसरे स्क्रैप वालों को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।’
पुलिस अफसर बोले- एविडेंस नहीं, गवाहों के आधार पर जांच कर रहे सलमान और उसकी फैमिली के खिलाफ मालवण पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, बच्चे के अलावा उसके माता-पिता को भी आरोपी बनाया गया है।
मालवण थाने के इंस्पेक्टर प्रवीण कोल्हे ने दैनिक भास्कर को बताया, ‘संदीप वराडकर ने शिकायत दी थी कि उन्होंने एक बच्चे को देश विरोधी नारे लगाते सुना। इसके बाद हमने केस दर्ज किया है।’
हमने पूछा कि क्या इस केस में कोई एविडेंस है? अधिकारी ने बताया- हमारे पास सिर्फ गवाह हैं। हम उन्हीं के आधार पर जांच आगे बढ़ा रहे हैं।’
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