शिवपुरी शहर में चल रहे प्राचीन सिद्धेश्वर मेले में हर दिन हजारों लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन सुरक्षा और सुविधाओं के इंतजाम नदारद हैं। नगर पालिका की लापरवाही के चलते न तो मेले में फायर ब्रिगेड है और न ही दुकानों पर अग्निशमन यंत्र उपलब्ध हैं।
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मेले में करीब 125 दुकानें और 12 झूले लगाए गए हैं। मनोरंजन के लिए मछली प्रदर्शनी और भूत बंगला जैसे टेंट भी लगे हैं। इन सभी में लोगों की भारी भीड़ जुट रही है, लेकिन आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
ठेकेदार का आरोप- 61 लाख लिए, सुविधाएं नदारद नगर पालिका ने इस बार मेले का ठेका 61 लाख रुपए में पंडित दीनदयाल उपाध्याय फर्म को दिया है। ठेकेदार योगेश शर्मा ने आरोप लगाया कि नगर पालिका ने पूरी राशि वसूल ली लेकिन फायर ब्रिगेड, पानी, ई-शौचालय और एम्बुलेंस जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं दीं।
योगेश शर्मा का कहना है कि 2022 में मेला गांधी पार्क में लगा था और तब फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की गई थी। इस बार जब मेला सिद्धेश्वर मंदिर परिसर में लगाने का फैसला किया गया, तब नगर पालिका ने सहयोग नहीं किया।
पानी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं मेले में न तो मुफ्त पेयजल उपलब्ध है, न ही कोई एम्बुलेंस या प्राथमिक चिकित्सा सुविधा है। एकमात्र ई-शौचालय लगाया गया है। यदि कोई हादसा हो जाए, तो घायल व्यक्ति को भीड़ से बाहर निकालना तक मुश्किल हो सकता है।
दुकानों पर नहीं हैं अग्निशमन यंत्र मेले में लगी अधिकांश दुकानों पर अग्निशमन यंत्र नहीं हैं। ठेकेदार का कहना है कि कुछ दुकानों पर नहीं हैं, लेकिन आसपास की दुकानों पर उपलब्ध हैं। यह बयान सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी को उजागर करता है।
बिना सुरक्षा इंतजाम के मेला बड़ा खतरा बन सकता है 61 लाख रुपए का ठेका देने के बावजूद नगर पालिका की व्यवस्था सवालों के घेरे में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो यह मेला किसी बड़े हादसे की वजह बन सकता है।