ठंड से राहत के लिए अलाव तापते लोग
सिवनी में मौसम के बदलते मिजाज ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कोहरे और शीतलहर के कारण दलहनी फसलों और सब्जियों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। विशेष रूप से चना, मटर, सरसों और अन्य फसलें इस मौसमी उतार-चढ़ाव की चपेट में आ गई हैं।
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कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में अधिकतम तापमान 18.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। खापा बरघराज के किसान रामभरोस पंचेश्वर ने बताया कि कोहरे और पाले के कारण मटर और फर्रास की फसलें सफेद पड़ने लगी हैं। रात में गिरने वाली ओस की बूंदें फसलों पर बर्फ की पतली परत बना रही हैं, जिससे फसलों को गंभीर नुकसान हो रहा है।
फूल अवस्था में फसलों पर पाला का प्रभाव
कलारबांकी गांव के किसान भरत इनवाती ने एक और समस्या पर ध्यान दिलाया। उनके अनुसार, कोहरे के कारण चना और अन्य फसलों में इल्लियों का प्रकोप बढ़ गया है। किसान अमित रजक और रूपकुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में सरसों, तुवर, चना, मसूर, तेवड़ा और मटर फूल की अवस्था में हैं, लेकिन कोहरे और पाले के कारण फूल फल्ली में परिवर्तित नहीं हो पा रहे हैं। कई स्थानों पर गेहूं की फसल के पीले पड़ने की भी सूचना है।
फसल बचाने के लिए किसान कर रहे प्रयास
कोहरे और पाले से फसलों को बचाने के लिए किसान भरी ठंड में कई उपाय कर रहे हैं। किसान फसलों में पानी की सिंचाई करने के साथ मेढ़ों पर धुआं कर रहे हैं और कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं ताकि फसलों को गर्माहट मिल सके। किसान प्रदीप बघेल ने बताया कि वर्तमान में कोहरे के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है। जो फसलें फूल में हैं, उनके फूल झड़ रहे हैं, और फसलें सफेद पड़ने के साथ बिना फले ही सूखती दिख रही हैं।
सुबह के समय खेतों में फसलों के ऊपर बर्फ की पतली परत बन जाती है। इससे बचाव के लिए सिंचाई और कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। सोमवार को अधिकतम तापमान 18.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।