सीसीएसयू में सत्यापन के लिए आईं 13 डिग्रियां फर्जी निकली। इनमें आठ डिग्री एलएलबी और पांच बीए-एलएलबी की हैं। ये डिग्री दिल्ली बार एसोसिएशन की ओर से सीसीएसयू को जांच के भेजी गई थीं। ये डिग्री मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर और मुजफ्फरनगर जिलों के एडेड कॉलेजो
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सीसीएसयू से लॉ करने वाले तमाम स्टूडेंट देश के सभी राज्यों में रजिस्ट्रेशन करते हैं। ऐसे में उनकी डिग्री को जहां पर रजिस्ट्रेशन करना होता है वहां का बार काउंसिल सीसीएसयू में जांच के लिए भेजता है। अगर उसका रिकॉर्ड नहीं मिलता है तो उस डिग्री को फर्जी माना जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें जांच के लिए लगातार एलएलबी की डिग्री आती रहती हैं।
कंपनियां भी कराती हैं डिग्री-मार्कशीट की जांच
सीसीएसयू में हर महीने डेढ़ से दो हजार के बीच डिग्री-मार्कशीट तमाम राज्यों से जांच के लिए आती हैं। एक मार्कशीट या डिग्री की जांच कराने के लिए 350 रुपये शुल्क है। इसके बाद विवि प्रशासन अपने रिकॉर्ड में यह जांच करता है कि जो डिग्री आई है, उसका वहां रिकॉर्ड है या नहीं। अगर रिकॉर्ड नहीं मिलता है तो साफ हो जाता है कि उसे किसी ने बाहर कहीं से कंप्यूटर से फर्जी बनवा लिया है।
ऐसे होता है खुलासा
जब कोई युवा सरकारी या प्राइवेट नौकरी पाता है तो उसके प्रमाण पत्रों का संबंधित विश्वविद्यालय से सत्यापन कराया जाता है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) में रोजाना 30 से 40 डिग्री-मार्कशीट सत्यापन के लिए आती हैं।