अस्पताल में बेड कम पड़े तो जमीन पर ही बिस्तर लगाने पड़े।
खंडवा में गणतंत्र दिवस पर स्कूल में खीर-पुड़ी और हलवा खाने के बाद 40 से ज्यादा बच्चे बीमार पड़ गए। उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायतें होने लगी। बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां बेड कम पड़ गए तो जमीन पर लिटाकर इलाज करना पड़ा। डॉक्टरों
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मामला हरसूद क्षेत्र के कसरावद गांव में रविवार सुबह का है। स्कूल में 10 बजे झंडा फहराने के बाद प्राइमरी, मिडिल और आंगनवाड़ी के बच्चों को खाना परोसा गया था। शाम 6 बजे के करीब एक-एक कर के बच्चे बीमार पड़ने लगे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों को भर्ती कराया गया। उनकी हालत स्थिर है।
25 बच्चे अभी भी अस्पताल में भर्ती गांववालों ने बीमार बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। शुरुआत में 15 बच्चों को प्राथमिक इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया था। शाम को इनकी संख्या बढ़ने पर अस्पताल में बेड कम पड़ गए। इसके बाद जमीन पर बेड लगाने पड़े। 25 बच्चों का इलाज अभी भी जारी है।
स्व-सहायता समूह ने बनाया था भोजन पंचायत सचिव अमरदास राजपूत ने बताया कि सुबह झंडावंदन के बाद सहभोज आयोजित किया था। मध्यान्ह भोजन का संचालन करने वाले स्व-सहायता समूह के माध्यम से बच्चों को भोजन वितरित किया गया था। मेन्यू में सब्जी-पुड़ी, खीर और मिठाई में हलवा था।
एक साथ इतने बच्चे बीमार पड़ गए कि अस्पताल में बेड कम पड़ गए। जमीन पर बेड लगाने पड़े।
डॉक्टर ने कहा- किसी की हालत गंभीर नहीं हरसूद अस्पताल के सीनियर डॉक्टर आशीष राज मिश्रा का कहना है कि 40 बच्चे एडमिट हुए हैं, सभी को उल्टी की शिकायत हैं। ऐसा फूड पाइजनिंग से हो सकता है, हालांकि यह जांच का विषय है। बाकी किसी भी बच्चे की हालत क्रिटिकल नहीं हैं। इलाज के बाद उन्हें डिस्चार्ज भी किया जा रहा हैं।
सरपंच ने दूध में गड़बड़ी की संभावना जताई सरपंच संजय पटेल का कहना है कि गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के बाद स्कूल में बच्चों के साथ स्टाफ और जनप्रतिनिधियों ने भी भोजन किया था। हालांकि, फूड पॉइजनिंग सिर्फ प्राइमरी और आंगनबाड़ी के बच्चों को हुई। इनमें भी जिन बच्चों ने खीर खाई है, उन्हें ही उल्टियां हुई। आशंका है कि खीर के दूध में गड़बड़ी थी।