जगतगुरु स्वामी राघव देवाचार्य को जान से मारने की धमकी दी।
जबलपुर में दिगंबर अखाड़े के जगतगुरु स्वामी राघव देवाचार्य को सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। स्वामी जी ने इसकी शिकायत मदनमहल थाना पुलिस से की है, लेकिन कई घंटों बाद भी पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच पाई है।
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इस पर स्वामी राघव देवाचार्य ने नाराजगी जताई और पुलिस प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की अपील की।
स्वामी राघव देवाचार्य ने बताया-
पुलिस को नामजद शिकायत दी थी, लेकिन मामले को अज्ञात में दर्ज कर लिया। पुलिस लापरवाही बरत रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
बूढ़ी माता पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए राघव देवाचार्य।
बूढ़ी माता पर आपत्तिजनक टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद
विवाद की शुरुआत 8 अप्रैल को तब हुई जब हनुमान ताल निवासी अब्दुल मजीद ने सोशल मीडिया पर बूढ़ी माता के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की और इसे वायरल किया। इसके बाद 9 अप्रैल को साधु-संतों के नेतृत्व में हनुमान ताल थाने में विरोध प्रदर्शन किया गया।
स्वामी राघव देवाचार्य ने इस पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि अगर किसी ने हमारे धर्म और भगवान के खिलाफ अपशब्द कहे, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके बाद पुलिस ने 11 अप्रैल को अब्दुल मजीद को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई शुरू की।
धमकी मिलने के लेकर राघव देवाचार्य जी के अनुयायी ने पुलिस से शिकायत की ।
सिर तन से जुदा करने और जान से मारने की धमकी
13 अप्रैल को स्वामी राघव देवाचार्य को सोशल मीडिया पर सिर तन से जुदा करने और जान से मारने की धमकी दी गई। स्वामी जी का कहना है कि यह धमकियां उन्हें तब मिलीं जब उन्होंने हिंदू धर्म और भगवान के खिलाफ की गई टिप्पणियों का विरोध किया।
उन्होंने कहा, “यह सब तब शुरू हुआ जब मैंने अब्दुल मजीद और उसके साथियों के खिलाफ आवाज उठाई। अब हमें धमकी दी जा रही है कि हमे जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा।”
धमकी की जानकारी मिली तो बड़ी संख्या में उनके अनुयायी मिलने पहुंचे।
हिंदू संगठनों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
स्वामी राघव देवाचार्य को मिली धमकियों पर हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। हिंदू सेवा परिषद के अध्यक्ष अतुल जैसवानी ने कहा कि यदि पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो पूरे शहर में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ स्वामी राघव देवाचार्य के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे सनातन धर्म और हिंदू समाज के खिलाफ साजिश है। पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
राघव देवाचार्य जी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ कई कार्यक्रम में साथ रह चुके है।
सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
स्वामी राघव देवाचार्य ने 10 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र भेजकर अपनी सुरक्षा की मांग की थी। पत्र में उन्होंने बताया कि उन्हें और उनके अनुयायियों को कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं और उनके खिलाफ कई आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद, सुरक्षा के लिए उनकी अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
स्वामी राघव देवाचार्य जी का कहना है कि 2024 में सुरक्षा को लेकर सीएम को पत्र लिखा था।
आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
स्वामी राघव देवाचार्य को मिली धमकियों के मामले में सीएसपी रितेश शिव ने बताया कि मदनमहल थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और साइबर टीम उनकी पहचान करने में जुटी हुई है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
पहले भी हो चुके स्वामी राघव देवाचार्य पर हमले
स्वामी राघव देवाचार्य को पहले भी धमकियां मिल चुकी हैं। मार्च 2018 में उनके घर के बाहर बम फेंके गए थे। 2020 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के दौरे के दौरान भी उनके काफिले पर पत्थर फेंके गए थे। इन घटनाओं के बाद स्वामी जी ने राज्य प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी।
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