पूर्णिया के बनमनखी प्रखंड के BDO सरोज कुमार पर मजदूरों के बदले ठेकेदारों के खाते में 1.03 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने का गंभीर आरोप लगा है। इस पूरे मामले को समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची।
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वहां पता चला कि BDO पर पहले भी ऐसे कई चार्ज लगे हैं। उन्हें प्रखंड में ‘हनीमून वाले बीडीओ साहब’ के तौर पर जाना जाता है। यहां तक की अपनी दूसरी शादी की रिसेप्शन पार्टी के लिए उन्होंने कथित तौर पर 23 मुखिया से इंदिरा आवास के नाम पर पैसे भी लिए हैं।
हमेशा टूर पर ही रहते हैं BDO
सांसद निगरानी कमेटी के जिला उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ने बताया कि BDO सरोज कुमार आम आदमी से बहुत कम मिलते हैं। कोई भी जरूरतमंद आदमी जब उनसे मिलने ब्लॉक ऑफिस जाता है तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है, क्योंकि BDO वहां रहते ही नहीं। कई लोग तो उन्हें हनीमून वाले BDO साहब भी कहते हैं, क्योंकि वह ऑफिस में कम टूर पर ज्यादा रहते हैं।
पहले भी लगे हैं पैसे उगाही के आरोप
उन्होंने बताया, ‘BDO ने इंदिरा आवास और कई अन्य योजनाओं के नाम पर पैसा उगाही भी की है। फिलहाल जो अनियमितता का मामला सामने आया है, उसमें 3 पंचायत की योजना का ही पैसा गबन किया गया है। जिस काम के लिए यह पैसे आए थे उसमें से सिर्फ 20% काम ही पूरा हुआ है।’
‘उन्होंने अपने शागिर्दों के ही अकाउंट में पैसों को ट्रांसफर किया है। उनका पुराना रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं है। पहले वह जहां पोस्टेड थे वहां से लड़की से छेड़खानी का मामला भी सामने आया था।’
योजना के पैसों से की अपनी दूसरी शादी की रिसेप्शन पार्टी
मझुआ प्रेमराज पंचायत के मुखिया अजय कुमार चौहान ने बताया कि BDO सरोज कुमार ने बनमनखी के करीब 23 मुखिया से इंदिरा आवास योजना के नाम पर करीब 40 लाख रुपए लिए थे। इसमें से किसी ने 1 लाख, 1.5 लाख तो किसी ने 2 लाख रुपए तक दिए। यह पैसा उन्होंने अपनी दूसरी शादी के समय लिया था। उसी से उन्होंने अपनी रिसेप्शन पार्टी की थी। BDO ने अभी तक वह पैसे नहीं लौटाए हैं।
बीडीओ के रवैये से बनमनखी प्रखंड के लोग होते हैं परेशान।
मजदूरों की जगह जेसीबी से करवाया काम
मजदूर अरविंद ऋषि ने बताया, ‘मनरेगा के तहत पोखर उड़ाही का काम किए थे। यह काम मजदूर करते हैं, लेकिन इसमें BDO साहब ने जेसीबी से काम करवाया। जेसीबी लगाने का हम लोगों ने विरोध किया था। बस 7-8 मजदूरों को ही इस काम में लगाया गया, जिसमें 40 मजदूर लगते।’
‘काम भी 15 दिन ही हुआ, जिसमें 30 दिन का समय लगता था। ऐसा करके बीडीओ साहब ने हमारे पेट पर लात मारा है। अगर ज्यादा दिन काम होता तो ज्यादा मजदूरी मिलती।’
अगले महीने बहन की शादी, लिया था कर्ज
अरविंद ऋषि ने कहा, ‘हमारे घर में 8 सदस्य हैं। मैं इकलौता कमाने वाला हूं। अगले महीने मेरी सबसे छोटी बहन की शादी है। इसके लिए मैंने पहले से 40 हजार रुपए कर्ज ले रखा था। सोचा था कि मेरे काम के जो पैसे मेरे अकाउंट में आएंगे, उससे बहन की शादी में बहुत मदद मिल जाएगी, लेकिन हमलोगों का पैसा अब गबन हो गया है। मुझे अपनी बहन की शादी के लिए करीब 1 लाख रुपए कर्ज लेना होगा।’
कोचिंग में फीस देने के पैसे नहीं, बच्चे कर रहे यूट्यूब से पढ़ाई
मजदूर दिलीप के बेटे जितेंद्र कुमार ने बताया, ‘पिता ने मेहनत मजदूरी की थी, लेकिन अब तक उनके काम का पैसा उनके खाते में ट्रांसफर नहीं हुआ है। अभी घर में पांच लोग हैं और कमाने वाले बस पिता है। अगर यह पैसे आ जाते हैं तो पढ़ाई में काफी मदद मिलती।’
मेरे ऊपर लगे सारे अरोप गलतः बीडीओ
BDO सरोज कुमार ने बताया कि सारे आरोप गलत हैं। मेरी योजना पहले ही पूरी हो चुकी है। उनको भी एडवांस में दिखाकर मेरे ऊपर गलत आरोप लगाया गया है। यह मुझे बदनाम करने के लिए किया गया है। हमने कोई गबन नहीं किया है। मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है। आरोप का जवाब हमने डीपीआरओ को दे दी है।
उन्होंने इंदिरा आवास के नाम पर मुखिया से लिए गए पैसों की बात का खंडन करते हुए इसे गलत बताया है।
BDO ने भेजा आधा-अधूरा जवाब
पंचायती राज पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा, ‘20 दिसंबर को विभागीय ऑडिटर विकास कुमार की जांच के दौरान रिपोर्ट में हेराफेरी की बात सामने आई थी। इसके बाद बीडीओ के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया था। बीडीओ ने जवाब भेजा है, लेकिन वह आधा-अधूरा है। BDO से मास्टर रोल मांगा गया है, जिसमें मजदूरों से जुड़ी सभी जानकारी है। दोषी पाए जाने पर BDO पर क्या कार्रवाई हो सकती है, वह विभाग तय करेगा।’
क्या है पूरा मामला समझिए…
20 दिसंबर को विभागीय ऑडिटर विकास कुमार ने पंचायत समिति के दस्तावेजों की जांच की थी। इसमें पाया गया कि जनवरी से मार्च 2024 तक 15वीं वित्त योजना के तहत अग्रिम भुगतान (एडवांस) के रूप में 1 करोड़ 3 लाख 55 हजार रुपए निकाले गए हैं।
विभागीय निर्देशानुसार योजना के तहत एडवांस पेमेंट को खत्म कर दिया गया है, जबकि BDO ने एडवांस राशि को वेंडर या मजदूर के खाते में नहीं भेजकर सीधे ठेकेदारों के खाते में भेज दिया।
जांच में पाया गया कि 15वीं वित्त से संबंधित एडवांस पेमेंट की गई कई योजनाएं अब-तक लागू नहीं हो सकी है। पहले की कई योजनाएं एडवांस पेमेंट के बावजूद अब तक पूरा नहीं हुई है।
इसे लेकर 23 दिसंबर को जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने BDO को शोकॉज नोटिस जारी करते हुए 3 दिन के अंदर जवाब मांगा था।