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हरियाणा के गेहूं किसानों को झटका: बिजली शॉर्ट सर्किट से जली फसल का मुआवजा नहीं; PM फसल बीमा योजना के दायरे में नहीं आती – Haryana News



हरियाणा में अब तक 15 जिलों में 814 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल आग की घटनाओं में नष्ट हो चुकी है, जिससे 312 किसान प्रभावित हुए हैं। 

हरियाणा में गेहूं किसानों को बड़ा झटका लगा है। बिजली शॉर्ट सर्किट से जली गेहूं की फसल का किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाएगा। इसकी वजह यह है कि इस तरह से जलने वाली फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में नहीं आती। इसकी पुष्टि खुद कृषि विभाग के एक अध

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करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। प्रदेश में सिरसा, कैथल और फतेहाबाद आगजनी की इन घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। गेहूं के खेतों में आग से प्रति एकड़ 50,000 रुपए के नुकसान की आशंका जताई जा रही है।

इस बार शॉर्ट सर्किट से ज्यादा हुई गेहूं में आग की घटनाएं

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खेतों से होकर गुजरने वाली बिजली की लाइनों के कारण होने वाले शॉर्ट सर्किट इन आग का मुख्य कारण बनकर उभरे हैं। सरकार ने अभी तक प्रभावित किसानों के लिए औपचारिक मुआवजा पैकेज की घोषणा नहीं की है। फिर भी, अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि प्रति एकड़ औसत नुकसान लगभग 50,000 रुपए है, जिससे अनुमानित कुल नुकसान काफी ज्यादा है।

क्या कह चुके सीएम नायब सैनी

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संकट को स्वीकार करते हुए कहा, “राज्य में हाल ही में हुई आग की घटनाओं से फसलों, पशुधन और संपत्ति को नुकसान हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने सभी उपायुक्तों को नुकसान पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

गेहूं खेतों में चार जिलों में हुईं आग की सबसे ज्यादा घटनाएं…

सिरसा में 1.55 करोड़ रुपए का नुकसान

हरियाणा में गेहूं के खेतों में आग की घटनाओं ने सबसे ज्यादा सिरसा जिले को प्रभावित किया है, जहां 266.28 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है, जिससे 57 किसान प्रभावित हुए हैं। 18 अप्रैल को, रूपाना उर्फ दरबा खुर्द गांव के रूली चंद ने 40 एकड़ से ज्यादा गेहूं की खड़ी फसल खो दी, जिसका अनुमान 23.28 लाख रुपए है, जो कि प्रति एकड़ 24 क्विंटल की औसत उपज पर आधारित है। सिरसा में कुल नुकसान 1.55 करोड़ रुपए आंका गया है।

कैथल में 146.3 एकड़ फसल जल गई

कैथल, जो दूसरे सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं, में 146.3 एकड़ फसल बर्बाद हुई, जिसका असर 61 किसानों पर पड़ा। कौल गांव (पुंडरी) में जोगिंदर को 5.5 एकड़ में 100% नुकसान हुआ, साथ ही नौ अन्य किसानों को भी नुकसान हुआ। पबनावा गांव में सुमित और 11 अन्य लोगों ने कई एकड़ में अपनी फसलें खो दीं।

नुकसान में फतेहाबाद तीसरे नंबर पर रहा

फतेहाबाद तीसरे स्थान पर है, जहां 83.3 एकड़ जमीन जल गई, जिससे 31 किसान प्रभावित हुए। सैमन गांव में 25 एकड़ और 14 कनाल से अधिक फसलें नष्ट हो गईं, जिसमें छह किसानों ने पूरी तरह से नुकसान होने की बात कही है।

कुरुक्षेत्र में 34 किसानों की जल गई गेहूं की फसल

​​​​​​​कुरुक्षेत्र, जो चौथा सबसे अधिक प्रभावित जिला है, में 34 किसानों की 57 एकड़ फसल बर्बाद हो गई, जिससे कुल मिलाकर 30.41 लाख रुपए का नुकसान हुआ। दीवाना गांव में साहब सिंह की छह एकड़ (3.20 लाख रुपए) और चहतरपाल की चार एकड़ (2.13 लाख रुपए) फसल बर्बाद हो गई।



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