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हरियाणा में मेडिकल कॉलेज के नाम पर घमासान: एक गुट च्यवन ऋषि पर अड़ा, दूसरा राव तुलाराम के पक्ष में, राव इंद्रजीत इन्हीं के वंशज – Narnaul News


गांव कोरियावास में बने मेडिकल कॉलेज की इमारत। इनसेट में राव तुलाराम और महर्षि च्यवन की फोटो।

हरियाणा के नारनौल के मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से पहले नाम को लेकर घमासान मच गया है। इसको लेकर गांव में ही 2 ग्रुप बन गए हैं। एक ग्रुप का कहना है कि मेडिकल कॉलेज का नाम अमर शहीद राव तुलाराम के नाम पर रखा जाए। जिनके वंशज केंद्रीय राज्य मंत्री व गुरुग्

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वहीं दूसरे ग्रुप का कहना है कि इसका नाम महर्षि च्यवन के नाम पर रखा जाए, क्योंकि मेडिकल कॉलेज उनकी तपोस्थली ढोसी पर्वत के पास बना है। च्यवन ऋषि ने ही च्यवनप्राश की खोज की थी।

यह मेडिकल कॉलेज नारनौल में शहर से महज 5 किलोमीटर दूर गांव कोरियावास में बन रहा है। इसी साल यहां इमरजेंसी सेवाएं और ओपीडी शुरू होने की उम्मीद है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के नॉर्म्स पूरे होने पर यहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई भी शुरू कर दी जाएगी।

मेडिकल कॉलेज के नाम को लेकर गांव के लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

अब सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें, क्यों शुरू हुआ विवाद…

23 दिसंबर 2018 को शिलान्यास, 95% काम पूरा हुआ पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 23 दिसंबर 2018 को गांव कोरियावास में बन रहे मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था। 76 एकड़ में बनने वाले मेडिकल कॉलेज पर 725 करोड़ रुपए खर्च होने थे। इसका निर्माण सितंबर 2019 में शुरू हुआ था, लेकिन कोरोना काल में कुछ दिनों तक अटका रहा। अब करीब 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसी साल सरकार बिल्डिंग को टेकओवर कर लेगी। जिसके बाद यहां इमरजेंसी सेवाएं तथा ओपीडी शुरू कर दी जाएगी।

उद्घाटन के समय ऋषि च्यवन नाम रखने की बात चली ​​​​जिस समय तत्कालीन सीएम मनोहरलाल खट्टर ने इसका उद्घाटन किया, उस समय इसका नाम महर्षि च्यवन ऋषि के नाम पर रखने की बात हुई थी। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि जिस जगह इसका निर्माण हो रहा है, उसके पास ही ढोसी धाम लगता है। यह महर्षि च्यवन ऋषि की तपोस्थली है और उनका आयुर्वेद से जुड़ाव होने के चलते मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि च्यवन के नाम रखने की बात हुई थी।

दो बार केंद्रीय मंत्री ने शहीद राव तुलाराम के नाम की सिफारिश की इस कॉलेज का निर्माण काफी तेज गति से हुआ। इसी बीच वर्ष 2023 में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक लेटर तत्कालीन सीएम मनोहरलाल को भेजा, जिसमें मेडिकल कॉलेज का नाम शहीद राव तुलाराम के नाम से रखने की सिफारिश की।

इसमें कहा कि गया राजा राव तुलाराम को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम नायक होने का दर्जा मिला हुआ है। हरियाणा में इनको आजादी का महानायक कहा जाता है। इसलिए मेडिकल कॉलेज का नाम शहीद तुलाराम के नाम पर होना चाहिए। इसके बाद फिर से 2024 में राव इंद्रजीत सिंह द्वारा रिमाइंडर भेजा गया, मगर दोनों ही लेटर का कोई जवाब नहीं आया।

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की ओर से सरकार को लिखा गया पत्र।

अब इस विवाद को लेकर ग्रामीण हुए 2 फाड़, पंचायत की इस मामले को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। 3 दिन पहले गांव कोरियावास के लोगों ने पंचायत कर मेडिकल कॉलेज का नाम अमर शहीद राव तुलाराम के नाम पर रखने की मांग उठाई। जिसका समर्थन वहां की सरपंच मोनिका ने भी किया। साथ ही सरकार को ग्राम पंचायत की ओर से इस संबंध में एक पत्र भी भेजा गया।

गांव कोरियावास में पंचायत करते ग्रामीण।

हीं दूसरे पक्ष के ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने जो पहले नाम रखा था, वह सही है। उन्हें उस नाम में कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि महर्षि च्यवन भी इस क्षेत्र की शान रहे। पूर्व पार्षद दयानंद सोनी ने कहा कि मेडिकल संस्थाएं भी रिसर्च और स्वास्थ्य की प्रतीक होती है, ऐसे में इस मेडिकल कॉलेज संस्थान का नाम भी ऐसे ही महापुरुष के नाम गया है, तो सर्वोत्तम है।

युगों-युगों से इस क्षेत्र को महर्षि च्यवन ऋषि ने जो पहचान अच्छी सेहत के लिए दी है, उसके लिए नई पीढ़ी को गर्व महसूस कराने एवं जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस मेडिकल कॉलेज का नाम ऋषि के नाम पर ही होना चाहिए।



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