गौ-तस्करी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से राजस्थान सरकार की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोर्ट ने एक हार्डकोर गौ-तस्कर को जमानत देते हुए कहा कि राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के बाद भी मामले में कोई वकील पेश नहीं हुआ। इससे सुप्रीम कोर्ट के सामन
.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जव भुयान की बेंच ने यह भी माना कि आरोपी नाजुब खान उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। काेर्ट ने कहा कि ऐसे में राजस्थान में मुकदमे के दौरान उसके अनुपस्थित रहने की संभावना है, लेकिन उसे अनिश्चितकाल तक हिरासत में रखने का कोई कारण भी दिखाई नहीं देता है। कोर्ट आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश देती है। कोर्ट ने 21 अक्टूबर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई शर्तें सुप्रीम कोर्ट ने नाजुब खान को जमानत देते हुए उस पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। कोर्ट ने कहा है कि आरोपी ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए समान राशि की दो जमानत के साथ पर्याप्त जमानत बांड प्रस्तुत करेगा। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह भविष्य में ट्रायल कोर्ट के समक्ष नियमित रूप से उपस्थित हो।
इसके अलावा भविष्य में इसी तरह के अपराध में शामिल पाया जाता है तो इसे जमानत की रियायत का दुरुपयोग माना जाएगा। उसकी गिरफ्तारी की स्थिति में, वह जमानत की रियायत का हकदार नहीं होगा।
वहीं, याचिकाकर्ता को नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना होगा। जब तक कि उसे व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट न दी जाए। ऐसा नहीं करने पर उसकी अनुपस्थिति को जमानत की रियायत के दुरुपयोग के रूप में माना जाएगा।
2021 में 26 गाय की तस्करी कर रहा था, पुलिस ने गाड़ी रोकी तो भागा नाजुब खान पर आरोप है कि वह और उसके सह आरोपी गौ-तस्करी में शामिल हैं। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार 13 फरवरी 2021 को करौली जिले के नादौती थाना क्षेत्र में पुलिस गश्त के दौरान गंगापुर सिटी की ओर से आ रहे एक कंटेनर को गौ-तस्करी की आशंका में रोका गया था।
कंटेनर की जांच करने पर 26 गाय मिली थीं। इनमें 3 से 6 साल की उम्र के तीन बछड़े और लगभग पांच साल की एक गाय मृत पाई गई थीं। कंटेनर को जब्त कर लिया गया था। चालक और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन तीसरा व्यक्ति भाग गया था। उसकी पहचान बाद में याचिकाकर्ता नाजुब खान के रूप में हुई थी। उसे इसी साल 30 अप्रैल को ही गिरफ्तार किया गया था।