आदमपुर हलके में लोगों के बीच जाकर संवाद करते भव्य बिश्नोई और कुलदीप बिश्नोई।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भजनलाल परिवार एक बार फिर लोगों के बीच पहुंचा है। कुलदीप बिश्नोई और उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर के विभिन्न गांव में जाकर धन्यवादी दौरे कर रहे हैं। 3 दिवसीय दौरे का आज अंतिम दिन है।
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3 दिन में बिश्नोई परिवार 54 गांव को कवर करेगा। 2 दिनों में आधे से ज्यादा गांव कवर किए गए हैं। दौरे के दौरान भव्य और कुलदीप बिश्नोई लोगों से संवाद कर रहे हैं, वहीं हार पर भी मंथन किया जा रहा है।
बिश्नोई परिवार गांव-गांव जाकर कह रहा है कि आदमपुर उनका परिवार है। अगर थोड़ा जोर और लगा देते थे तो भजनलाल परिवार का स्वर्णिम दौर वापस आ सकता था। मगर, फिर भी लोगों के काम न पहले रुके थे, न इस बार रुकेंगे। पहले भी केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार थी और अब भी है। आज भी किसी अधिकारी के पास काम लेकर जाते हैं तो वह मना नहीं करता।
बता दें कि 57 साल बाद आदमपुर से बिश्नोई परिवार को हार का मुंह देखना पड़ा। ऐसे में वह जनता के बीच जाकर दोबारा अपनी खिसक चुकी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं।
आदमपुर के खैरमपुर गांव में लोगों के बीच अपनी बात रखते भव्य बिश्नोई।
भव्य बिश्नोई बोले- सेवा के लिए पद जरूरी नहीं भव्य बिश्नोई ने आदमपुर के एक गांव में लोगों से कहा कि चौधरी भजनलाल परिवार को सेवा करने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं है। अगर परिणाम हमारे पक्ष में आते तो आदमपुर को बहुत बड़ी ताकत मिलने वाली थी। जो स्वर्णिम दौर चौधरी भजनलाल लाने की बात करते थे, वह दौर कुलदीप जी और सबके प्रयास से हमारे नजदीक आ गया था।
आप सभी और हमसे भूल चूक हुई। मगर, आप चिंता मत करें, ऊपर और नीचे सरकार हमारी है। आप सभी ने पिता जी का कद इतना बड़ा बनाया है। मंत्री और अधिकारी कोई कितना बड़ा क्यों न हो, यदि कोई काम उनके पास लेकर जाते हैं तो वह तुरंत प्रभाव से पूरा होता है। आपके काम में कभी रुकावट नहीं आएगी। पहले की तरह ही हम आपका काम करते रहेंगे।
नाराज बिश्नोई और ओबीसी वोटरों को मनाने का प्रयास आदमपुर विधानसभा सीट पर करीब 1.78 लाख वोटर हैं। इनमें पुरुष वोटर 94 हजार 940 और महिला वोटर 93 हजार 708 हैं। इस सीट पर जाट और ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। आदमपुर में सबसे ज्यादा जाट वोटर करीब 55 हजार हैं।
बिश्नोई समुदाय के 28 हजार वोट हैं। अगर ओबीसी में बिश्नोई समुदाय के वोटों को छोड़ दें तो करीब 29 हजार वोट हैं। इनमें सबसे ज्यादा 8200 वोटर जांगड़ा और कुम्हार जाति के हैं। इस चुनाव में कांग्रेस बिश्नोई और ओबीसी वोटरों में सेंध लगाने में सफल रही थी। ऐसे में बिश्नोई परिवार नाराज बिश्नोई वोटरों को मनाने का प्रयास कर रहा है।
आदमपुर से चुनाव हारने के बाद भावुक हो गए थे कुलदीप बिश्नोई।
हार के बाद भावुक होकर रो पड़े थे कुलदीप बिश्नोई 8 अक्टूबर को मिली हार के बाद भजनलाल परिवार आदमपुर मंडी में पैतृक आवास पर पहुंचा था, जहां लोगों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान कुलदीप बिश्नोई समर्थकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे। इसके बाद समर्थकों ने कहा कि आदमपुर के लोग आपके साथ हैं। कुलदीप बिश्नोई को रोते देखकर समर्थकों ने चौधरी भजनलाल अमर रहे के नारे लगाए। बेटे भव्य बिश्नोई ने कुलदीप बिश्नोई को सांत्वना दी।
आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश।
भजनलाल के करीबी रहे रामजी लाल के भतीजे ने हराया कांग्रेस ने इस बार भजनलाल परिवार की घेराबंदी की थी। भाजपा ने यहां कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को दूसरी बार मैदान में उतारा था। भव्य बिश्नोई 2 साल पहले यहां से उप-चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी।
वहीं, कांग्रेस ने यहां से पूर्व IAS चंद्र प्रकाश को अपना उम्मीदवार बनाया। चंद्र प्रकाश पंडित रामजीलाल के भतीजे हैं। रामजीलाल को चौधरी भजनलाल का परम सखा माना जाता था। एक तरह से बिश्नोई परिवार के नजदीकी रहे परिवार में से ही कांग्रेस ने टिकट दिया। इसका लाभ कांग्रेस को मिला और नजदीकी मुकाबले में भव्य बिश्नोई 1768 वोटों से हार गए।
आदमपुर सीट पर पहली बार 1967 में चौधरी भजनलाल जीते थे। इस चुनाव से पहले तक इस सीट पर भजनलाल परिवार के सदस्य ही चुनाव जीतते आ रहे थे।