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हिमाचल सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी: तहव्वुर हुसैन राणा के नाम मुख्य सचिव को भेजा ईमेल; मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है – Shimla News


प्रदेश सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद दफ्तर में जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा

हिमाचल में मंडी के DC ऑफिस के बाद राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव कार्यालय को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली है। पुलिस ने इसके बाद सचिवालय में सुरक्षा बढ़ा दी है। बम निरोधक दस्ते ने खोजी कुत्तों के साथ मुख्य सचिवालय कार्यालय की जांच की गई। मगर जांच में कुछ

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धमकी भरने ईमेल के बदा सरकार सतर्क हो गई है। इसके बाद आज सचिवालय और डीसी ऑफिस मंडी में जांच के बाद ही सभी लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा, दो ईमेल प्राप्त हुई हैं। एक ईमेल मुख्य सचिव कार्यालय और दूसरी ईमेल डीसी मंडी को मिली है। दोनों की भाषा एक समान है। ईमेल में तमिलनाडु की किसी घटना का जिक्र करते हुए उड़ाने की बात कही गई है। इस तरह के ईमेल उत्तर प्रदेश में भी कई जिलों के डीसी को मिले हैं।

प्रदेश सचिवालय में आज जांच के बाद ही दिया जा रहा प्रवेश

मुख्य सचिव बोले- जांच में कुछ नहीं मिला, फिर भी सतर्कता बरत रहे

मुख्य सचिव ने बताया कि ईमेल मिलने के बाद मुख्य सचिवालय कार्यालय की जांच करवाई गई। इसमें कोई संदिग्ध चीज तो नहीं मिली, फिर भी जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि ईमेल कहां से मिली। उन्होंने कहा, इसका पता लगाने के लिए अगर जरूरत पड़ेगी तो केंद्रीय एजेंसियों का भी सहयोग लेंगे।

मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के नाम से धमकी

बता दें कि बीते कल DC मंडी की ऑफिशियल ईमेल आईडी पर बम से उड़ाने की ईमेल मिली थी। इसके बाद डीसी ऑफिस मंडी को आनन-फानन में खाली करवाया गया। मगर जांच के दौरान कुछ भी नहीं मिला।

मंडी डीसी ऑफिस को उड़ाने की ईमेल मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के नाम से भेजी गई है। शिमला की ईमेल की भी अभी जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ईमेल फर्जी आईडी से प्रॉक्सी सर्वर के माध्यम से भेजी गई है।

क्या होता है प्रॉक्सी सर्वर?

बता दें कि प्रॉक्सी सर्वर एक कंप्यूटर या राउटर होता है जो उपयोगकर्ता और इंटरनेट के बीच गेटवे की तरह काम करता है। यह यूजर की असली लोकेशन और पहचान को छुपाता है तथा कारपोरेट नेटवर्क की आंतरिक संरचना को सुरक्षित बनाए रखने में मदद करता है। इसका प्रयोग अपराधी अपनी पहचान छुपाने के लिए करते हैं।



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