सागर शहर 1 अप्रैल 2023 से पशु विचरण मुक्त है। ऐसा सिर्फ कागजों में है। शहर में ऐसा कोई वार्ड या गली नहीं है जहां पशु विचरण न करते हों। शहर के लगभग सभी वार्ड में डेयरी संचालित हो रही हैं। ऐसी स्थिति इसलिए है क्योंकि जो नगर निगम और जिला प्रशासन मई 2023
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पहले जहां कुल 6500 पशु बाहर किए गए थे, वहीं बीते सात माह में 200 पशु भी बाहर नहीं किए। इसका असर यह रहा कि जो डेयरी संचालक अपने पशु विस्थापन स्थल या गांव ले गए थे, उनमें से करीब 100 वापस लौट आए हैं। उनकी डेयरी अब वापस वहीं चल रही हैं, जहां मई 2023 के पहले चला करती थीं। अंबेडकर वार्ड, सुभाषनगर, तुलसीनगर, शनीचरी, शुक्रवारी, तहसीली, गोपालगंज सहित शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खुलेआम डेयरियां चल रही हैं।
ये जिम्मेदार क्योंकि न जोर डाला, न सख्ती दिखाई
विस्थापन स्थल पर सुविधाओं की जगह मुसीबत बढ़ाई
डेयरी विस्थापन भाजपा की हर चुनावी घोषणा में शामिल रहा है। ऐसे में विस्थापन के पहले तक तत्कालीन मंत्री, विधायक, सांसद, महापौर सभी डेयरी को बाहर करने का वादा करते रहे। विस्थापन स्थल के लगातार निरीक्षण चले। सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के वादे किए गए। परंतु स्थिति यह है कि विस्थापन स्थल पर पशुपालक अब तक बिजली, पानी जैसी समस्याओं को ही जूझ रहे हैं। बीते सात दिन से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद है। पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। इन मुसीबतों के कारण वहां बचे हुए डेयरी संचालक भी अपनी डेयरी वापस लाने की बात अब कहने लगे हैं। उनका कहना है कि सुविधाएं दें, नहीं तो वापस जाने दो।
लोकसभा चुनाव के दो माह पहले से ढील, नोटिस दबे ही रह गए
सागर में महापौर, विधायक से लेकर सांसद तक के पदों पर भाजपा के निर्वाचित सदस्य हैं। ऐसे में यहां हर छोटे-बड़े निर्णय में उनका दखल भी होता है। मई 2024 में सागर लोकसभा क्षेत्र के लिए वोटिंग होना थी, ऐसे में 14 मार्च के बाद से डेयरी विस्थापन का काम बिना किसी सूचना के रोक दिया गया। वजह बताई गई कि नगर निगम का अमला लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते संपत्ति विरुपण की कार्रवाई में लगा है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद डेयरी विस्थापन का बचा काम पूरा करने समीक्षा हुई तो पता लगा कि मात्र 19 डेयरी ही रह गई हैं। इन्हें कानूनी नोटिस देने की तैयारी भी की गई लेकिन आज तक यह किसी को भी नहीं दिए गए।
राज्य सरकार के निर्देश पर भी बनी रही सुस्ती
राज्य सरकार ने सड़कों से पशुओं को हटाने के लिए विशेष मुहिम चलाने के निर्देश दिए थे। इस दौरान अन्य नगरीय निकायों में तो काम हुआ परंतु सागर नगर निगम में तेजी नहीं दिखी। औपचारिकता के लिए सप्ताह-दो सप्ताह में एक दिन कुछ पशु पकड़कर बाहर किए। जबकि यह मौका था कि राज्य सरकार के आदेश के पालन में ही सही पर बची हुई डेयरियों पर सख्ती की जा सकती थी। ऐसा किया होता तो शहर पूरी तरह से डेयरी संचालन और पशु विचरण मुक्त हो जाता।
डेयरियों पर सख्ती होगी, टीम बनाई है ^निगम ने बिजली बिल के 7 लाख रुपए भर दिए हैं, पशुपालकों को भी अपने निजी कनेक्शन लेना है, वह होते ही सप्लाई शुरू हो जाएगी। अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। शहर की डेयरियों को बाहर करने टीम बना दी है, पूरी सख्ती से डेयरियां बाहर करेंगे। कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। आवारा पशुओं को भी बाहर करेंगे। – राजकुमार खत्री, निगमायुक्त