गिरफ्तार आरोपी जिन्होंने नौकरी दिलाने का झांसा दे की ठगी
कानपुर क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने विदेश में नौकरी दिलाने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें दो युवतियां भी शामिल हैं। आरोपियों ने 1.20 लाख लोगों से ठगी की है। साथ ही आरोपियों के पास से साइबर सेल को चार खातों की जानकारी मिली है जिसमें पां
.
बरामद माल को देखती एडीसीपी क्राइम अंजली विश्वकर्मा
डीसीपी एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि गिरोह सन 2015 से साइबर ठगी की घटना में शामिल है और अब तक देशभर में 1.20 लाख लोगों से ठगी को अंजाम दे चुका है। डीसीपी ने बताया कि पंजाब के एक युवक विकास से 26800 रुपए की ठगी को अंजाम देने के बाद साइबर थाना कानपुर में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद इस मामले में एसआई साइबर सेल पुनीत तोमर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। जिसकी मॉनिटरिंग खुद एडीसीपी क्राइम अंजली विश्वकर्मा कर रही थी। पुलिस ने मामले में जांच कर खुलासा कर दिया।
गिरफ्तार आरोपी अनुराग दीक्षित व हरिओम पाण्डेय
टेलीकॉलर बनकर फोन करने वाली आरोपी कीर्ति और आरिबा
कैसे करते थे ठगी
डीसीपी क्राइम के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि वो ELITE GLOBAL CAREERS व OVERSEAS CONSULTANCY नाम की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगी करते हैं। फर्जी केवाईसी के जरिए आरोपी सिम कार्ड प्राप्त करते थे और उसी का इस्तेमाल लोगों को फोन करने के लिए किया जाता था।
नौकरी. कॉम में करा लेते थे रजिस्टर्ड
डीसीपी ने बताया कि जो फर्जी आईडी पर मोबाइल नम्बर लिया जाता था उसी नम्बर को आरोपी नौकरी.कॉम वेबसाइट पर पंजीकृत करा लेते थे। जो लोग अधिक वेतन की चाह में विदेश जाकर नौकरी करना चाहते है ऐसे लोगो का विवरण नौकरी.कॉम से प्राप्त कर इन लोगो को कानपुर में नियुक्त अपने टेलीकॉलर से कॉल कराकर ऑनलाइन इंटरव्यू दिलाकर इन लोगों से म्यूल बैंक खातों में पैसा ले लेते है। कुछ समय बाद इन मोबाइल नम्बर का प्रयोग बंद कर देते है। आरोपियों ने एक साल पहले 2.47 लाख रुपए में एक साल के लिए नौकरी.कॉम वेबसाइट का पैकेज ले रखा था।
नौकरी.कॉम से ही निकालते थे डाटा
डीसीपी ने बताया कि आरोपी नौकरी.कॉम से ही उन लोगों का डाटा निकाल लेते थे जो विदेशों में नौकरी के लिए अपना रिज्यूम अपलोड करते थे। इन्हीं लोगों के नम्बर निकालकर आरोपी उन्हें फोन करते थे और उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देते थे।
zoiper सॉफ्टवेयर कर इस्तेमाल कर करते थे कॉल
डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपी वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) का इस्तेमाल zoiper5 call software की मदद से करते थे। इसके जरिए विभिन्न विदेशी कम्पनियों के आधिकारिक मोबाइल नम्बर का प्रयोग VOIP call से करके सम्पर्क करते थे। जिससे लोगों को विश्वास हो जाए कि उन लोगों का इंटरव्यू विभिन्न विदेशी कम्पनियों के माध्यम से हो रहे है। इसी तरह आरोपी लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार विदेशों में जॉब दिलाने का झांसा देते थे।
क्या बरामद किया
आरोपियों के पास से क्राइम ब्रांच ने 3 लैपटॉप, 9 स्मार्ट फोन, 14 कीपैड मोबाइल, 8 मोबाइल सिम कार्ड, 1 वाईफाई राउटर, 2 बैंक पासबुक, 7 डेबिट कार्ड और 1 कार बरामद की है।
कौन हुए गिरफ्तार
डीसीपी ने बताया कि घटना के मास्टरमाइंड गाजियाबाद निवासी हरिओम पाण्डेय के अलावा विशुनपुर गांव बिठूर अनुराग दीक्षित, चमनगंज निवासी अरीबा अंसारी और किदवई नगर निवासी कीर्ति गुप्ता उर्फ स्नेहा को गिरफ्तार किया गया है।