मुजफ्फरपुर में 5 दिसंबर को 2022 को एक युवक लापता हुआ था। मीनापुर थाना में मामला दर्ज हुआ था, लेकिन बरामदगी के लिए कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित योगेंद्र भगत ने कहा कि मेरा इकलौता बेटा अजित कुमार सुबह 5 बजे घर से शहर जाने के लिए निकला था। जो आजतक नहीं लौटा
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सूचना पानापुर ओपी को दी थी। उसके बाद मीनापुर थाना में मामला दर्ज हुआ। तीन साल में अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। थाने में जाता हूं तो पुलिस पदाधिकारी डांटकर भगा देते हैं। एसपी-डीएसपी से गुहार लगाई। वरीय पदाधिकारी ने थानेदार को कार्रवाई के लिए कहा था।
पीड़ित ने अनुसार दो दिन पहले दारोगा अभिषेक कुमार ने कहा कि 2 किलो लहसुन और 500 रुपए लेकर आओ, तभी मामले में कार्रवाई की जाएगी। इसपर पीड़ित ने कहा कि मेरे घर में 50 ग्राम भी लहसुन नहीं है, तो मैं 2 किलो लहसुन कैसे दे सकता हूं।
मामले में दरोगा अभिषेक कुमार का कहना की परिजन के आरोप झूठे हैं। मामला मीनापुर थाना क्षेत्र के पिपराहां गांव का है।
बेटे के फोटो के साथ मां।
पीड़ित ने दो अलग-अलग याचिका दाखिल की
मामले को लेकर पीड़ित परिवार मानवाधिकार मामलों के जानकार अधिवक्ता एसके झा के माध्यम से बिहार मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में रविवार को दो अलग-अलग याचिका दाखिल की हैं।
मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि पूरा मामला काफी पेचीदा है। इसको सुलझाने के बजाय पुलिस और उलझाने का काम कर रही है। मामले में पुलिस को उच्चस्तरीय जांच करनी चाहिए, लेकिन पुलिस इसे लहसुन और रुपए के बीच उलझा रही है। मामले को रफा-दफा करने में लगी है। ऐसे मामले में सीआईडी जांच की आवश्यकता हैं।
पिता ने कार्रवाई की लगाई गुहार।
ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया,
मामले के बारे में पता चला है। आरोपों की सत्यता की जांच की जा रही है। सत्य पाए जाने विभागीय कार्रवाई की जाएगी।