टीआई संदीप भारती को चेस्ट, कमर में गंभीर घाव और सिर पर 10 से ज्यादा टांके आए हैं।
बड़ा ही खौफनाक मंजर था। ऐसा मैंने अपने 20 साल के करियर में कभी नहीं देखा। मेरे साथी पुलिसकर्मी दर्द से कराह रहे थे और वे बेरहमी से पीट रहे थे। हम तो यह सोचकर गए थे कि भोले-भाले ग्रामीण हैं, समझाने से मान जाएंगे। लेकिन हमें क्या पता था कि हमारी और हमा
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शनिवार को हमारी (पुलिस की) होली थी। हम सब बहुत उत्साहित थे। सुबह थाने में सभी ने एक साथ रंग-गुलाल उड़ाया था। साल में एक ही दिन ऐसा आता है, जब हम ड्यूटी के साथ थोड़ा खुलकर त्योहार मना पाते हैं। हमें क्या पता था कि जिस दिन हम त्योहार मना रहे थे, उसी दिन हमारे साथ ये सब होने वाला था।
भास्कर से बातचीत के दौरान मऊगंज में हुई हिंसा में घायल टीआई संदीप भारती इतना कहने के बाद रुके। फिर कुछ देर ठहरने के बाद पूरा घटनाक्रम बताया। उन्हें चेस्ट, कमर में गंभीर घाव हुआ है। सिर पर गहरी चोट के कारण 10 से अधिक टांके आए हैं। उनका इलाज रीवा के संजय गांधी अस्पताल में, जबकि बाकी के पुलिसकर्मियों का इलाज मऊगंज के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। इसी बीच भास्कर को वह ऑडियो भी मिला है, जिसमें मुख्य आरोपी बदला लेने की बात कह रहा है। पढ़िए रिपोर्ट…
हमले में थाना प्रभारी संदीप भारती के सिर में गंभीर चोट आई हैं।
‘एक ग्रामीण का सुबह से फोन आ रहा था’ टीआई संदीप भारती ने बताया कि दिनभर से मेरे पास एक विनोद नाम के एक ग्रामीण का फोन आता रहा। उसने मुझे थोड़े-थोड़े अंतराल में 5 बार फोन किया। आखिरी बार उसने दोपहर ढाई बजे कॉल किया और कहा, “मैंने सनी उर्फ रज्जन दुबे को बंधक बना लिया है, जल्दी आइए। उसने मेरी मां के साथ बदतमीजी की है।”
मैंने उसे समझाया कि अगर ऐसा हुआ है तो उसे सख्त सजा दिलवाएंगे। लेकिन फिर उसने कहा, “नहीं, ये मेरे पिता का हत्यारा है। इसने मेरे पिता की हत्या की और इसे एक्सीडेंट बताया गया। आप इस पर भी हत्या का मामला दर्ज करें।” मुझे तब ही लगने लगा था कि उसकी मां के साथ बदतमीजी वाली बात सिर्फ एक बहाना थी। असल में, उसकी पुरानी रंजिश उस युवक के साथ थी।
उसने युवक को किसी बहाने से दुकान में बुलाया और फिर मां के अपमान का बहाना बनाकर बंधक बना लिया। मैंने उसे हर तरह का भरोसा दिया था। मैंने कहा था, “मुझ पर भरोसा रखो, अगर युवक ने कुछ गलत किया है तो हम उसे गिरफ्तार करेंगे, उस पर हरिजन एक्ट भी लगेगा।” लेकिन मेरी कोई भी बात उस पर असर नहीं कर रही थी। मैं उसे समझाने में नाकाम रहा।
हिंसा के बाद टीआई संदीप भारती पूरी तरह से खून से लथपथ नजर आए थे।
‘हमारे जवानों महिलाओं को घेर लिया था’ थाना प्रभारी ने बताया कि हमारे जवान पहले मौके पर पहुंचे। उन्होंने मुझे फोन करके बताया कि “सर, यहां महिलाएं हमें घेरकर खड़ी हो गई हैं, उनके हाथों में बड़े-बड़े पत्थर भी हैं।” जब हम मौके पर पहुंचे, तो भीड़ ने हमें चारों तरफ से घेर लिया। मैंने उन्हें समझाने की पूरी कोशिश की। “कम से कम पुलिस पर ऑन-ड्यूटी हमला मत करो। जो भी तुम चाहते हो, हम उसकी जांच करेंगे और कानून के मुताबिक कार्रवाई करेंगे।”
लेकिन वे कुछ भी सुनने और समझने को तैयार नहीं थे। वे हमसे लगातार बहस करने लगे। जब स्थिति बिगड़ती दिखी, तो मैंने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। मौके पर एसडीओपी अंकिता सुल्या अपनी टीम के साथ पहुंचीं। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। लेकिन भीड़ ने लगातार हमला करना शुरू कर दिया। एक के बाद एक ताबड़तोड़ पत्थर बरसाए।
हमारे पुलिस जवानों को मार-मारकर अधमरा कर दिया। कुछ को तो बंधक बना लिया, जो मिला उसी से हमला किया। घटना में अंकित शुक्ला नाम के प्रधान आरक्षक भी घायल हुए हैं। अंकित को सिर पर काफी गंभीर चोटें आई हैं। जिसकी वजह से वो किसी से बात तक नहीं कर पा रहे रहे हैं। घटना के बाद से वो अभी भी सदमे हैं।
खून से लथपथ नजर आए थे टीआई हिंसा के बाद टीआई संदीप भारती पूरी तरह से खून से लथपथ नजर आए थे। यहां तक कि उनकी पूरी वर्दी खून से सनी हुई थी। हमले के बाद पहले 24 घंटे बाद भी टीआई कुछ भी बोलने की हालत में नहीं हैं। भास्कर टीम जब अस्पताल पहुंची तो देखा कि हिंसा में घायल सभी पुलिसकर्मी और उनके परिवार बुरी तरह से डरे हुए थे। पुलिसकर्मियों की आंख तो खुल रही थी लेकिन होंठ कंपकपा रहे थे, वे कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं थे।
टीम उस कमरे में पहुंची, जहां घायल टीआई भारती का इलाज चल है, उनके आसपास उनकी पत्नी, बहन और मां बैठी थीं। सभी के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई दीं। टीआई संदीप भारती दलिया खा रहे थे। सिर में गहरी चोंट और खराब स्वास्थ्य की वजह से 10 दिनों तक डॉक्टरों ने उन्हें हल्का दलिया और खिचड़ी खाने की सलाह दी है।
प्रधान आरक्षक के सिर में आठ टांके आए अस्पातल में ही हमें राम सुशील मिश्रा मिले। उन्होंने बताया कि घायल अंकित शुक्ला मेरे दामाद हैं। हमले में उनके सिर में आठ टांके लगे हैं। हमले में काफी खून बह गया है। कमर और कंधे में अंदरूनी चोटें आई हैं। जबकि हाथ और पैर में लाठी डंडे से बंधक बनाकर पीट गया है। इस वजह से हाथ और पैर में भी सूजन है। शरीर का कोई ऐसा हिस्सा नहीं बचा है, जहां बुरी तरह से ना पीटा गया हो।
इधर, पूरी घटना में गंभीर घायल कुंवारे लाल को रह रहकर होश नहीं आ रहा है। वो कभी कभी आंख खोलकर जरा देखते हैं तो कभी फिर बेहोश हो जाते हैं।
वहीं, तहसीलदार के परिजनों ने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया। लेकिन बताया कि घटना के बाद से परिवार डरा और सहमा है। तहसीलदार भी घटना के बाद से सदमे हैं और केवल बिस्तर पर लेटे हुए हैं। बातचीत के नाम पर केवल और केवल पलक झपका रहे हैं।
हिंसा भड़काने के आरोप में पत्रकार भी गिरफ्तार सूत्रों के अनुसार, मऊगंज में हिंसा भड़काने की साजिश में एक कथित पत्रकार मो. रफीक की भूमिका भी सामने आई है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया है, उससे सख्ती के साथ पूछताछ भी की जा रही है। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में उसका नाम बताया था। आरोपियों के मुताबिक पहाड़ी गांव का रहने वाला पत्रकार मो. रफीक घटना के पूर्व वहां मौजूद था। वह इस बात की जानकारी दे रहा था कि आज पुलिस की होली है। अच्छा मौका है।
घर में बंधक बने युवक को कुछ लोग मार रहे थे और वह लाइव वीडियो बना रहा था। बंधक युवक सनी उर्फ रज्जन बोल रहा था कि वह छूट कर जाएगा तो तुमको बताएगा। तभी आरोपियों ने बोला कि जब यहां से छूट कर जाओगे तब बताओगे न। आरोपियों ने पुलिस को कबूलनामें में बताया कि पहले से ही उसकी हत्या की साजिश रच चुके थे।
हमले के लिए उकसाने के आरोप पर आरोपियों से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस ने कथित पत्रकार सहित 2 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है। उसके मोबाइल में मिले वीडियो के आधार पर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। बताया गया कि आरोपी विनोद ने जानबूझ कर ऐसा दिन चुना था, जिस दिन त्योहार था और अधिकांश पुलिसकर्मी होली खेलने में व्यस्त थे।
पुलिस ने कथित पत्रकार मो. रफीक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
डीजीपी कैलाश मकवाना भी रीवा पहुंचे थे। उन्होंने यहां घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की।
आईजी बोले- कड़ी कार्रवाई के निर्देश मिले हैं आईजी साकेत पांडेय ने बताया कि पूरे मामले में DGP कैलाश मकवाना ने रविवार को रीवा और मऊगंज का दौरा किया। वे घटना स्थल पहुंचे थे, उन्होंने पुलिस को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। कहा कि कोई भी आरोपी बचने ना पाए।
तत्काल सभी आरोपियों को गिरफ्तार हिरासत में लेकर कठोर कार्रवाई करना है। इस संबंध में मुख्यमंत्री मोहन यादव और गृह मंत्रालय और सचिवालय से भी निर्देश मिले हैं, इसलिए लगातार गिरफ्तारी जारी है। जैसे-जैसे नाम निकलकर सामने आ रहे हैं, वैसे-वैसे आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
प्रभारी आईजी साकेत प्रकाश पांडेय ने निजी हॉस्पिटल में पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना।
CM ने एक करोड़ रुपए और नौकरी का ऐलान किया वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव पूरे मामले में मृतक एसएसआई रामचरण गौतम के परिजनों के लिए एक करोड़ की राशि का ऐलान कर चुके हैं। इसके साथ ही परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की घोषणा भी कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है।
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