छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में ट्रेड एक्सपो मामले में पुलिस ने मध्यप्रदेश के भोपाल से चौथी गिरफ्तारी की है। मास्टर माइंड अरुण द्विवेदी भोपाल में बैठकर जाल फैलाया था। 200 लोगों से 5 करोड़ की ठगी की गई थी। निवेश की रकम 10 करोड़ तक पहुंच सकती है।
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मास्टर माइंड अरुण द्विवेदी ने गिरफ्तार हो चुके शरद चंद, यशवंत नाग, कमलेश साहू समेत अन्य के जरिए नेटवर्क फैलाया था। ये लोग भोले-भाले ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाते थे। लालच देकर निवेश कराते थे। गरियाबंद पुलिस की स्पेशल टीम ने अरेस्ट किया है।
मास्टर माइंड अरुण द्विवेदी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
भोपाल में होती थी पार्टी
बताया जा रहा है कि आरोपी अरुण भोपाल में हेड ऑफिस बनाया था। निवेशकों को एक प्रतिशत रोजाना ब्याज देने का झांसा देता था। अपने एजेंटों को 10 प्रतिशत की मोटी कमीशन देती थी। एजेंटों के सुख सुविधाओं पर भी भारी भरकम खर्च करती थी। हर महीने में भोपाल में गेट-टुगेदर होता था।
गरियाबंद में ट्रेड एक्सपो का पर्दाफाश होने के बाद प्रदेश के अन्य प्रभावित जिले में भी शिकायत दर्ज कराने की तैयारी निवेशक कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में 5 गुना मुनाफे के चक्कर में करीब 200 लोगों से 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी हो गई। लोगों ने ट्रेड एक्सपो ऐप के जरिए रुपए निवेश किए थे, लेकिन अब वे पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं। राजिम पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की।
पीड़ित संतोष देवांगन ने बताया कि राजाराम तारक, शरद चंद शर्मा और पीपरछेड़ी हॉस्टल अधीक्षक यशवंत नाग ने रकम पांच गुना करने की बात कही थी। झांसे में आकर सैकड़ों लोगों ने 5 करोड़ से ज्यादा की रकम निवेश कर दी। शुरुआती 3 महीने में डॉलर में रिटर्न भी मिला था।
भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर निवेश कराते थे।
3 महीने तक रिटर्न भी मिला
साल भर पहले ट्रेड एक्सपो नाम का एक ट्रेडिंग ऐप लॉन्च किया गया था। इन सक्रिय एजेंटों ने अलग-अलग तरीके से प्रचार किया। इसके चलते कई लोग ऐप में जॉइन हो गए। निवेश के रकम के आधार पर निवेशकों के खाते में रोजाना आधा से एक प्रतिशत ब्याज दर के आधार पर रकम भी डालते गए।
निवेशकों के मुताबिक, रकम सीधे दुबई जा रही थी और डॉलर में रिटर्न मिल रहे थे। इसी रिटर्न का प्रचार कर कारोबार को बढ़ाया गया। 3 महीने तक रिटर्न भी दिया जाता रहा। इसके बाद निवेश करने वालों की संख्या और निवेश रकम का आंकड़ा भी बढ़ने लगा।
घर-बाड़ी बेच कर निवेश किया गया
रिटर्न मिलने पर लोग मार्केट से ब्याज में पैसे उठाकर भी पैसे डालने लगे। शिक्षकों ने अपनी बचत पूंजी को निवेश किया। बताया जा रहा है कि, जिले के दर्जनभर पुलिस वाले भी झांसे में आ गए। परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर रुपए लगाए गए हैं।
चिट फंड में डुबो चुके 181 करोड़
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक जिले के 93 हजार 598 लोगों ने अलग-अलग चिट फंड कंपनियों में 7 साल पहले 181 करोड़ गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा राजिम अनुविभाग में 100 करोड़ का निवेश हुआ। ट्रेडिंग ऐप में फंसे ज्यादातर लोग भी इसी राजिम इलाके से आते हैं।
पुलिस ने ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पहले इनकी हुई थी गिरफ्तारी
1. शरद चंन्द्र शर्मा (50) वुड आईलैंड कालोनी अमलेश्वर थाना अमलेश्वर जिला दुर्ग
2. यशवत कुमार नाग (45) पिपरछेडी थाना राजिम जिला गरियाबंद
3. कमलेश साहू (34) नयापारा उजियारपुर थाना लालपुर जिला मुंगेली