पटना के IGIMS में पीजी के डॉक्टर आर्यन कुमार ने अपने ही घर में फंदे से लटकर सुसाइड कर लिया। डॉ. आर्यन का शव दीघा के शिवजी नगर स्थित उनके घर में किचन में लटका मिला। आर्यन ने अपनी मां के दुपट्टे से लटककर जान दे दी। सुसाइड से ठीक पहले उसने अपनी बहन को
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बहन ने भास्कर से बातचीत में बताया- सालों से हमारे बीच बातचीत नहीं थी, लेकिन उस दिन भाई ने मुझे फोन किया। आर्यन ने मरने से पहले मैगी बनाकर भी खाई थी। वो खुदकुशी कर लेगा परिवार ये मानने को तैयार नहीं है। आर्यन की बड़ी मां ने हत्या का शक भी जताया है।
आर्यन ने सोमवार रात 8 बजे मां से बहन का नंबर मांगा। रात 10 बजे खाना खाकर वह अपने पुस्तैनी घर पर आ गया। जहां पर कोई भी नहीं रहता था। रात करीब 10:45 बजे फिर मां से बात की। आधी रात में खुद अपने हाथों से मैगी बनाकर खाई। रात 2.30 बजे अपनी महिला सीनियर डॉक्टर को बधाई दी। घर के सारे पंखे ऑन किए और इसके बाद खुदकुशी कर ली।
पढ़िए पटना के डॉक्टर के मौत की पूरी कहानी…
आर्यन कुमार IGIMS में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में सेकेंड ईयर में था। शव के पास ही स्लैब पर उनका मोबाइल बरामद हुआ। डॉ. आर्यन की बहन मेधा ने बताया, ‘जिस दिन मेरा जन्मदिन था उसी दिन भाई ने खुदकुशी कर ली। 23 दिसंबर की रात 8.30 बजे उसने मुझसे बात की थी। मुझे बर्थडे विश किया था। करीब 10 मिनट हमारे बीच बात हुई। 30 दिसंबर को उसका जन्मदिन था।’
‘मैंने उससे उस दिन का प्लान भी पूछा। 31 दिसंबर को मां रिटायर होने वाली है। उसने मुझे यह भी नहीं बताया कि वह इस घर आने वाला है। जब उसने मुझसे बात की तो वो अपने फ्लैट पर था। बिल्कुल नॉर्मल और बहुत खुश होकर बात कर रहा था। मुझे भनक भी नहीं लगी कि वह ऐसा स्टेप उठा सकता है।’
आर्यन की मां माधुरी ने बताया, ‘रात करीब 8:30 बजे उसने मुझे फोन किया और कहा कि दीदी का नंबर मुझे दो। आज उसका जन्मदिन है मुझे उसे विश करना है। फिर करीब 10:45 बजे मेरी बात हुई। मुझे ऐसा कुछ नहीं लगा। हम लोग सोच भी नहीं सकते थे कि वो ऐसा कुछ कर लेगा।’
आज सुबह हम यहां पटना आने वाले थे पहले से प्लान बना हुआ था। फिर सब 29 को सहरसा साथ जाने वाले थे। उसको भी साथ जाना था। मेरी मां सहरसा रहती है तो उसका मन था कि नानी मां के साथ के केक काटेंगे। 31 को मेरा रिटायरमेंट है। उसने कहा था कि मां तुम्हारे रिटायरमेंट में साथ रहूंगा। 2 जनवरी को हम सब का पटना एक साथ लौटने का प्लान था। हम लोग सोच भी नहीं सकते थे कि बीच में ऐसी घटना हो जाएगी। -माधुरी देवी, आर्यन की मां
‘उससे मेरी हर रोज सुबह करीब 9 या साढ़े 9 बीच बात होती थी। वह लेट से उठता था। उठकर ड्यूटी निकलता था। उस दिन जब मैंने फोन किया तो उसने नहीं उठाया। पहले मुझे लगा कि शायद ड्यूटी में होगा या रास्ते में होगा इसलिए फोन नहीं उठाया। कई बार फोन करने के बाद जब बात नहीं हुई तब मैंने उसके IGIMS के ही एक दोस्त ऋषभ को फोन किया। उसने पहले बताया कि ड्यूटी गया होगा। पटना के राजा बाजार में तीन दोस्त एक साथ फ्लैट लेकर रहते थे।’
फोन नहीं उठाया तो उसके दोस्त को रूम पर भेजी
मां ने बताया- फ्लैट के और लड़के का नंबर मेरे पास नहीं था। ऋषभ ने जब उसकी रूममेट को फोन किया तो उसने बताया कि करीब 10 बजे वह यहां से निकला है। कभी ऐसा नहीं होता था कि वह फोन नहीं उठाता था। फोन नहीं उठाता था तो तुरंत कॉल बैक करता था। या मैसेज करने पर भी तुरंत रिप्लाई करता था।
‘मेरी घबराहट बढ़ गई थी। उसके दो दोस्त चारों तरफ सब कुछ पता करके घर पहुंचे। उनको पता चला कि वह 10 बजे रात में फ्लैट से अपने घर निकला है। हमने दोस्तों से कहा की घर पर जाकर देखो कि वह कहां है और क्या कर रहा है। दोस्त यहां पहुंचे फिर ताला तोड़ा तो पता चला कि उसने खुदकुशी कर ली।’
31 दिसंबर को मां होने वाली थी रिटायर
आर्यन की बड़ी मां ने बताया, ‘वह बहुत ही अच्छा और बचपन से ब्रिलियंट बच्चा था। बचपन से ही मैथमेटिक्स में उसको फुल मार्क्स आते थे हमें लगता था कि वह आईआईटी करेगा। लेकिन अचानक उसका मन हुआ कि हम मेडिकल लाइन में जाएंगे। फर्स्ट अटेम्प्ट में ही उसने एमबीबीएस निकाल लिया। हमारी पूरी फैमिली में कोई डॉक्टर नहीं था यह पहले डॉक्टर था और पूरा परिवार उस वक्त बहुत खुश था।’
‘हम हमेशा कहते थे कि तुम हमारे पूरे खानदान का सिर ऊंचा कर दिए। सब लोग उसको आशीर्वाद देते थे। जब मैं उसकी तारीफ करती थी तो वह कहता था की बड़ी मम्मी आप कितना मुझे चढ़ाती है। लेकिन मेरे बेटे ना सब का नाम ऊंचा किया। अभी कुछ दिन पहले ही वह बेंगलुरु में अपनी एक छोटी सी सर्जरी करवाने आया था। करीब 20-25 दिन हम साथ थे।’
‘अभी पीजी का तैयारी कर रहा था और हमेशा कहते थे कि मुझे रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में ही जाना है। हम सब कहते थे कि हमारा देखभाल तुम ही करोगे और बुढ़ापे के सहारा भी तुम ही हो। वह कहता था कि हां बड़ी मम्मी सब कुछ ठीक रहेगा। सब कुछ था उसके पास इस घर को भी उसके पापा ने बनाया। पापा भी बैंक से रिटायर्ड है। बहुत हैप्पी मूड का था ऐसा हमने कभी फील नहीं किया कि उसको कोई तनाव है।’
आर्यन के चचेरे भाई संजय ने बताया कि पीजी एंट्रेस में आर्यन टॉपर था। वो बहुत अच्छा लड़का था। कोई गलत आदत नहीं थी। हमेशा सुख-दुख में शामिल रहता था। जल्दी किसी से घुलता-मिलता नहीं था। घर में भी किसी तरह का दबाव नहीं थी।
परिवार के सभी सदस्य कमाने वाले थे। पैसों की कोई दिक्कत नहीं थी। आर्यन घर में सबसे छोटा था। बड़ी बहन डिंपी डिफेंस में क्लर्क है। बहनोई रेलवे में इंजीनियर हैं। दोनों लखनऊ में रहते हैं। उनके पिता रघुनंदन लाल दास रिटायर बैंक अधिकारी हैं और उनकी मां सहरसा में शिक्षिका हैं। डॉ. आर्यन इकलौते बेटे थे। घर में पैसों की कोई दिक्कत नहीं है। मां भी 31 दिसंबर को रिटायर होने वाली हैं।
चचेरे बहनोई के लंग्स के प्रॉब्लम को डिटेक्ट किया था
संजय ने आगे कहा कि ‘सोमवार शाम 8 बजे आर्यन से फोन पर करीब 3 मिनट तक बातचीत हुई थी। अपने चचेरे बहनोई के लंग्स की समस्या को लेकर चिंता जताई। उसने कहा था कि भैया IGIMS में लंग्स का ऑपरेशन नहीं होता है। हम पता कर लेते हैं। बढ़िया डॉक्टर से ऑपरेशन कराएंगे। उसने ही चचेरे बहनोई के लंग्स के प्रॉब्लम को डिटेक्ट किया था।’
आर्यन नए साल में अपने माता-पिता के साथ रहना चाहता था।-फाइल फोटो
माता-पिता के साथ रहने का था प्लान
दीघा थाना क्षेत्र के शिवाजी नगर में आर्यन का अपना घर है। हालांकि यहां वो कम ही रहता था। कॉलेज के नजदीक राजा बाजार में किराए का कमरा लेकर आर्यन रहा करता था। मां के रिटायर होने के बाद आर्यन माता पिता के साथ शिवाजी नगर वाले घर में रहने का प्लान बना रहा था।
ड्यूटी पर नहीं पहुंचे, तब साथी ढूंढ़ते हुए पहुंचे थे घर
डॉ. आर्यन मंगलवार की ड्यूटी में जब वे अस्पताल नहीं पहुंचे तब उनके साथियों ने फोन करना शुरू किया। जब डॉ. आर्यन ने फोन नहीं उठाया तब आर्यन का एक साथी डॉक्टर उन्हें ढूंढते हुए दीघा स्थित उनके घर पहुंचा। साथी डॉक्टर और किराएदारों ने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद घटना की जानकारी दीघा थाने की पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची इसके बाद धक्का देकर दरवाजा खोला गया। अंदर डॉ. आर्यन का शव फंदे से लटक रहा था।
जिस कमरे में लाश मिली थी उसकी जांच करती पुलिस की टीम।
पटना, सहरसा और सुपौल कनेक्शन
इस घटना के बाद देर शाम तक लोग आर्यन के पैतृक घर को लेकर असमंजस की स्थिती बनी रही। कोई सहरसा तो कोई सुपौल बताता रहा। पटना के जिस घर में आत्महत्या की, वो उसका ही है। आर्यन की मां माधवी दास सहरसा के बनगांव में पोस्टेड हैं। इसलिए घर के सदस्यों का सहरसा भी आना जाना रहता था। मां ज्यादातर वहीं रहती थी। सुपौल के जगतपुर में पुस्तैनी घर है।
वॉट्सऐप चैट और कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस
लॉ एंड आर्डर डीएसपी-2 दिनेश पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी गई है। आर्यन का मोबाइल जब्त कर लिया गया है। कॉल डिटेल और वॉट्सऐप चैट को खंगाला जा रहा है। जांच के बाद सुसाइड की वजह सामने आ पाएगी।
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