इसके बाद प्रदर्शनकारी नानकसर गुरुद्वारा साहिब पहुंचे और दोनों तरफ से रोड ब्लॉक कर दी। इससे ट्रैफिक पूरी तरह जाम हो गया और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी बीच रास्ता खोलने को लेकर वर्करों और राहगीरों के बीच बहस भी हुई, लेकिन यूनियन डट
.
दोपहर तक भी कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर मीटिंग के लिए 26 जून की तारीख दी गई, जिसे यूनियन ने खारिज करते हुए चुनाव से पहले मीटिंग की मांग की और किसी विधायक को मांगपत्र सौंपने पर अड़ गई। दोपहर करीब 4 बजे विधायक मनविंदर सिंह पहुंचे और 18 जून को मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग तय होने की जानकारी दी। इसके बाद यूनियन ने 5 घंटे बाद धरना हटाया।
यूनियन ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर राज्य की महिलाओं और बच्चों की देखभाल में अहम भूमिका निभा रही हैं, उनके हितों की अनदेखी न हो। भास्कर न्यूज|लुधियाना सर्व आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन पंजाब ने पुरानी मांगों को लेकर सोमवार को एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 4
3 डिग्री तापमान में यूनियन ने सुबह 11 बजे दीपक अस्पताल से रोष मार्च निकाला, जो राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के घर के बाहर पहुंचा। वहां एक घंटे तक एक तरफ का रोड ब्लॉक कर प्रदर्शन किया गया, जिससे लंबा जाम लग गया।
यूनियन ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से चुनावों में किए वादे लागू करने की मांग की। वर्करों ने कहा कि वे बीते तीन साल से संघर्ष कर रही हैं, लेकिन सरकार सिर्फ टालमटोल कर रही है। एक घंटे तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।
{चुनावों के दौरान मान भत्ता दोगुना करने का वादा तुरंत पूरा किया जाए। { नई शिक्षा नीति 2020 के तहत आंगनवाड़ी वर्करों को प्री-नर्सरी अध्यापक का दर्जा दिया जाए। {3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को स्कूलों से हटाकर दोबारा आंगनवाड़ी केंद्रों में लाया जाए। {लाभार्थियों को मिलने वाले एसएनपी (पूरक पोषण आहार) की गुणवत्ता में सुधार और समय-समय पर बदलाव किया जाए।
{जिला अमृतसर के ब्लॉक चौगावां में स्टाफ की कमी को शीघ्र पूरा किया जाए। {बठिंडा, सिधवां बेट और तरसिक्का जैसे ब्लॉकों को बाल कल्याण परिषद से हटाकर मुख्य विभाग में मर्ज किया जाए। {सेवा निवृत्त होने पर वर्करों को 5 लाख और हेल्परों को 2.5 लाख रुपए की ग्रेच्युटी दी जाए। {आंगनवाड़ी केंद्रों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं और पक्की बिल्डिंग्स बनाई जाएं।
{पोषण ट्रैकर पर काम करने के लिए वर्करों को स्मार्टफोन दिए जाएं। {मोबाइल भत्ते को दोगुना किया जाए। { खाली पदों को शीघ्र भरा जाए और आश्रित कोटा, ट्रांसफर व प्रमोशन पर लगी रोक हटाई जाए। {बाल विकास कार्यालयों में भारी स्टाफ की कमी को दूर किया जाए।
{सुपरवाइजर की भर्ती में शैक्षणिक योग्यता को प्राथमिकता दी जाए। {बिना वेतन छुट्टी की सुविधा को बहाल किया जाए। {वर्करों और हेल्परों को इमरजेंसी विदेश छुट्टी की सुविधा मिले। {आंगनवाड़ी केंद्रों में बिजली मीटर लगाए जाएं। {अतिरिक्त चार्ज का भत्ता 50 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए किया जाए।