रीवा में एक निजी स्कूल में 5 साल के बच्चे से मैला साफ करवाया गया, उसे ठंड में सुबह से शाम तक खड़ा रखा गया। जिसके बाद अब बच्चा डिप्रेशन में है। उसने स्कूल जाना बंद कर दिया है और डर की वजह से अपने कमरे से बाहर तक नहीं निकल पा रहा है। पूरे मामले को लेकर
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पूरा मामला शहर के बोदाबाग स्थित ज्योति किंडर गार्डेन स्कूल का है। पीड़ित 5 साल का बच्चा शिक्षा विभाग के ही एक रिटायर्ड बड़े अधिकारी का पोता है। जो साल भर से उस स्कूल में पढ़ रहा है। पेरेंट्स के मुताबिक ऐसी अभद्रता उसके साथ पहले भी की जा चुकी है। लेकिन तब उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। उल्टा, उन्होंने मासूम बच्चे को ही समझाकर स्कूल जाने के लिए राजी किया। लेकिन इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने सारी हदें पार कर दीं।
घटना के बाद से डिप्रेशन में मासूम
बच्चे की मां ने बताया कि इस घटना के बाद बच्चा बहुत डर गया है। उसने बातचीत करना बंद कर दिया है, वह तनाव में रहता है। बच्चे की इस स्थिति को देखकर हम बहुत परेशान हैं। इस हालत में हम उसे दोबारा स्कूल कैसे भेज दें। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने मुझे देते हुए कहा- आपको अपने बच्चे को पढ़ाना है या नहीं।
यह है पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला नगर के किंडर गार्डन ज्योति स्कूल का है। 18 जनवरी (शनिवार) को बच्चा अपने क्लास रूम में था। अचानक बच्चे ने खराब स्वास्थ्य होने की वजह से क्लासरूम में टॉयलेट कर दी। आरोप है कि इसके बाद क्लास ले रही टीचर ने बच्चे को डांटना शुरू कर दिया। वह बच्चे को डांटकर खींचते हुए अपने साथ वाशरूम ले गई।
जहां आया और टीचर ने बच्चे से दुर्व्यवहार करते हुए बच्चे से ही उसके कपड़े उतरवाए और उसी से मैला साफ करवाया। इस दौरान बच्चा ठंड और गलन के बीच मैला साफ करता रहा। इसके बाद से वह डिप्रेशन में चला गया है।
परिजनों ने बताया कि उन्होंने सोमवार को स्कूल प्रबंधन से मामले की मौखिक शिकायत की थी, इसके बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। जब परिजन इसकी लिखित शिकायत करने लगे तो स्कूल प्रबंधन ने कार्रवाई करने के बजाय उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।
मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर एबीवीपी स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहा है।
रात में चिल्लाता है- “मेम मुझे मत मारो”
बच्चे की मां ने बताया कि मंगलवार देर रात को बच्चा सो रहा था। इस दौरान अचानक उठकर जोर-जोर से चिल्लाने लगा। वह कह रहा था- मैम मुझे मत मारो, मेरे उपर ठंडा पानी मत डालो। प्लीज मैम प्लीज मैम मुझे छोड़ दो। बच्चे की इस हालत को देखकर मैं बहुत घबरा गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे मामले में हमें स्कूल प्रबंधन की तरफ से धमकाया गया। उन्होंने हमें चुप करवाने की पूरी कोशिश की। एक मासूम के साथ स्कूल में इस तरह का व्यवहार कहां तक ठीक है। हर महीने हम स्कूल प्रबंधन को मोटी फीस चुकाते हैं, इसके बाद भी हालात इस तरह हैं।
छात्र संगठन ने किया प्रदर्शन
घटना की जानकारी लगने के बाद मंगलवार को एबीवीपी के जिला संयाेजक पीएन पांडेय के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने स्कूल परिसर में प्रदर्शन किया। पीएन पांडेय ने बताया कि पांच साल के बच्चे के लिए कितना मानसिक प्रताड़ित करने वाला पल रहा होगा। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
घटना के बाद मासूम को गीले जूते-मोजे पहनाकर एक पतले कपड़े से लपेट दिया गया। जिससे बच्चा ठंड में भी परेशान होता रहा। उसके कपड़े और बैग गलियारे में फेंक दिए गए। परिजनों ने जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। इसलिए, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्कूल पहुंचकर प्रदर्शन किया है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई होना चाहिए।
स्कूल प्रबंधन ने मानी गलती
पूरे मामले में स्कूल के प्राचार्य सदरानील ने कहा कि मामले में बड़ी गलती और लापरवाही आया की तरफ से की गई है। उसे छुट्टी पर भेज दिया गया है। इस गलती के बाद उसे स्कूल ना आने के निर्देश दिए गए हैं। हम अपनी स्कूल में हमेशा बच्चों का बेहतर ख्याल रखना चाहते हैं। पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन भी गंभीरता से जांच करेगा।
डीईओ ने दो प्राचार्यों की टीम गठित की
डीईओ सुदामा लाल गुप्ता ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जांच के निर्देश दिए हैं। आगे वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। दो प्राचार्यों की टीम जांच के लिए गठित की है। बच्चों ने गलती से पैंट में ही नित्य क्रिया कर दी थी। इसके बाद उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया।