19 डॉक्टरों को डॉ. एस. के. मुखर्जी स्मृति राष्ट्रीय चिकित्सा सेवा अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सत्कार कला केंद्र द्वारा 19 डॉक्टरों को डॉ. एस. के. मुखर्जी स्मृति राष्ट्रीय चिकित्सा सेवा अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 94 वर्षीय वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. लाभचंद यशलाहा को जीवन गौरव
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समारोह में दो समाजसेवियों ब्रजेश तलाटी और सर्वज्ञ भटनागर को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर खंडपीठ के न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला थे। विशेष अतिथि समाजसेवी संदीप जैन रहे, जबकि अध्यक्षता रामकृष्ण मिशन, इंदौर के प्रमुख स्वामी निर्विकारानंदजी ने की।
मुख्य संबोधन में न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला ने कहा, “डॉक्टर और मरीज का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। मरीज जब अस्पताल आता है, तो वह डॉक्टर को भगवान की तरह देखता है। डॉक्टरों की जिम्मेदारी है कि वे इस विश्वास को बनाए रखें और मरीजों के साथ सम्मान से पेश आएं।”
अध्यक्षीय भाषण में स्वामी निर्विकारानंदजी ने कहा, “सच्चा आनंद बाहरी वस्तुओं से नहीं, आत्मिक जागरण से प्राप्त होता है। अगर प्रभु को जानना है तो पहले स्वयं को जानना होगा। रोगी को रोगी नहीं, प्रभु मानकर सेवा करें- यही सच्ची साधना है।”
समाजसेवी संदीप जैन ने आयोजन की सराहना करते हुए इसे लगातार जारी रखने की बात कही।
इस अवसर पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने डॉ. एस. के. मुखर्जी के जीवन और चिकित्सा सेवा में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
समारोह में संस्था अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र दिल्लीवाल ने स्वागत भाषण दिया। महासचिव कैलाश मुंशी ने बताया कि यह संस्था का 27वां वार्षिक आयोजन है।
वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट और संस्था की उपाध्यक्ष डॉ. सरिता राव ने मेडिकल एथिक्स को लेकर डॉक्टरों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।संगठन मंत्री पुरुषोत्तम वाघमारे ने अतिथियों का परिचय और स्वागत किया।
समारोह के दौरान संयोजक डॉ. अरुण अग्रवाल, उपाध्यक्ष विजय पारेख और डॉ. सूर्यांश दिल्लीवाल ने स्मृति चिन्ह भेंट किए।सचिव डॉ. अशोक शर्मा ने आभार व्यक्त किया, जबकि संचालन प्रो. डॉ. दीप्ति उपाध्याय ने किया।