काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल को एम्स का दर्जा मिल गया है। अब इलाज, जांच, ओपीडी, आईसीयू, दवा सहित अन्य व्यवस्थाएं विश्वस्तरीय बनाने का खाका तैयार किया जा रहा है। विभाग और संकायवार सुविधाओं की कमी का मूल्यांकन कराया जा रहा है।
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इसी क्रम में 27 जनवरी को बीएचयू डाक्टरों का एक दल एम्स दिल्ली में प्रशिक्षण लेने जाएगा। इसमें गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, नेफ्रोलॉजी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के चार-चार रेजिडेंट और एक फैकल्टी होंगे।
15 दिनों का होगा प्रशिक्षण
फैकल्टी एक महीने और रेजीडेंट 15 दिन प्रशिक्षण लेंगे। इनके नाम भी एम्स और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिए गए हैं। पहले बैच का प्रशिक्षण 27 फरवरी को खत्म होगा। इसके बाद इन्हे सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके बाद दूसरा बैच वहां पर प्रशिक्षण के लिए जाएगा।
यह तस्वीर,जब दिल्ली एम्स के निदेशक बीएचयू अस्पताल भ्रमण कर रहे थे।
मंत्रालय बजट भेजा बजट
आईमएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने बताया एम्स में प्रशिक्षण के लिए बीएचयू में आठ सूची बनी है। सभी को अलग-अलग बैच में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। वहां पर स्किल लैब, पेशेंट केयर, रोबोटिक सर्जरी सहित अन्य का प्रशक्षिण लेंगे। इसके अलावा आईएमएस का करीब 1500 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट का प्रस्ताव भी तैयार हुआ है।आईमएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने कहा कि प्रशिक्षण के लिए सूची तैयार हो गई है। इसके साथ ही बजट मंत्रालय को भेजा गया है।
दिल्ली में हुई बैठक
आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने बताया कि दिल्ली में एक बैठक हुई। इसमें बीएचयू के कुलसचिव प्रो अरुण भी शामिल हुए । बैठक में एम्स जैसी सुविधाओं पर चर्चा की गई। एम्स की तरह ही पहली बार आईएमएस बीएचयू को बड़ा बजट देने का खाका तैयार किया गया। इस बार के आम बजट में बजट की घोषणा हो सकती है।
नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ था।
एक नजर बीएचयू को जारी बजट पर
आईएमएस बीएचयू का बजट लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2018-19 में 175 करोड़ रुपये था। 2022-23 में बजट बढ़कर 341 करोड़ रुपय तक पहुंच गया। वहीं 2023-24 में 350 करोड़ रुपये बजट मिला था। 2024-25 में 225 करोड़ रुपये बजट मिला है।