मुंबई32 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड बोट अगले हफ्ते अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO के लिए SEBI के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल कर सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी इस IPO के जरिए 2,000 करोड़ रुपए जुटाने का प्लान बना रही है।
कंपनी के सूत्रों ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया है कि बोट को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही तक IPO के लिए सेबी की मंजूरी मिल जाएगी। IPO का एग्जैक्ट साइज सिर्फ DRHP में ही बताया जाएगा। सूत्रों का अनुमान है कि IPO का टोटल साइज 2,000 करोड़ रुपए हो सकता है।
इश्यू में लगभग 500 करोड़ रुपए के नए शेयर जारी किए जाएंगे और बाकी 1,500 करोड़ रुपए के शेयर्स मौजूदा शेयरहोल्डर्स ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचेंगे। पिछले साल नवंबर में कंपनी ने IPO के लिए ICICI सिक्योरिटीज, गोल्डमैन सैक्स और नोमुरा समेत कई बैंकरों को नियुक्त किया था।
2 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर IPO लाना चाहती है कंपनी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी करीब 2 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर IPO लाना चाहती है। हालांकि, फाइनल आंकड़े अभी तय नहीं किए गए हैं। बोट का IPO लाने का यह दूसरा प्रयास है।
अमन गुप्ता कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड बोट के फाउंडर हैं।
2022 में भी कंपनी ने IPO के लिए अप्लाई किया था
इससे पहले कंपनी ने 2022 में 2,000 करोड़ रुपए के IPO के लिए अप्लाई किया था। हालांकि, कंपनी ने अनफेवरेबल मार्केट कंडीशन की वजह से अपनी IPO एप्लीकेशन को वापस ले लिया था। उस समय लिस्टिंग के बजाय बोट ने प्राइवेट फंडिंग में 60 मिलियन डॉलर यानी करीब 520 करोड़ रुपए जुटाने का ऑप्शन चुना था।
2024 में कंपनी की वियरेबल मार्केट में 26.7% हिस्सेदारी थी
बोट 2013 में बनी थी। इसके बाद 2014 में कंपनी ने अपना फ्लैगशिप ब्रांड लॉन्च किया था। अब बोट भारत की लीडिंग वियरेबल और ऑडियो डिवाइस मैन्युफैक्चरर में से एक बन गई है। 2024 की दूसरी तिमाही तक कंपनी के पास देश के वियरेबल मार्केट में 26.7% हिस्सेदारी थी।
क्वालकॉम वेंचर्स, इनोवेन कैपिटल, वारबर्ग पिंकस और फायरसाइड वेंचर्स समेत कई प्रमुख निवेशक कंपनी के सपोर्ट्स हैं। मार्केट में अपनी मजबूत प्रेजेंस और निवेशक सपोर्ट की वजह से बोट के IPO को इंस्टीट्यूशनल और रिटेल इन्वेस्टर्स दोनों से अच्छा रिस्पांस मिल सकता है।
DRHP फाइलिंग से boAt को डिटेल्स पब्लिक करने से पहले अपनी फाइनेंशियल और वैल्यूएशन डिटेल्स को फाइनलाइज करने की अनुमति मिलेगी। यह एक ऐसा कदम है, जिसे मार्केट टाइमिंग और रेगुलेटरी अप्रूवल्स की मांग करने वाली कंपनियों द्वारा तेजी से अपनाया जा रहा है।