सुपेला थाने का घेराव करते परिजन, समझाईश देती पुलिस
भिलाई में सुपेला थाना अंतर्गत स्मृति नगर चौकी क्षेत्र में एक विकलांग युवक की लाश मिली है। युवक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए बीती रात सुपेला थाने का घेराव कर मुआवजे की मांग की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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सुपेला थाना प्रभारी राजेश मिश्रा ने बताया कि जेवरा सिरसा क्षेत्र में IIT भिलाई से लगे तालाब के पास एक 36 वर्षीय विकलांग युवक का शव मिला था। मृतक की पहचान इतवारी चतुर्वेदी पिता गेंदराम चतुर्वेदी के रूप में हुई। वो कोसानगर का रहने वाला था। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
टीआई ने बताया कि इतवारी शराब पीने का आदी था। उसके परिजनों ने शिकायत की थी कि 16 जनवरी से वो घर नहीं आया। 18 जनवरी को आईआईटी तालाब की तरफ सौच के लिए गए एक व्यक्ति ने स्मृति नगर पुलिस को बताया कि वहां तालाब के पास एक लाश पड़ी है। पुलिस ने जाकर उसकी पहचान कराई तो उसकी पहचान इतवारी चतुर्वेदी के रूप में हुई।
पुलिस की समझाईश के बाद परिजन वापस लौटे
पुलिस ने जांच में पाया कि शव का आधा पैंट उतरा हुआ है और हाथ में खरोच के निशान है। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि वो शराब के नशे में तलाब के पास शौच के लिए गया होगा। वहां फिसलकर गिरा है, जिससे उसके हाथ में खरोच के निशान आए हैं, साथ ही पानी में सांस ना ले पाने से उसकी मौत हो गई। मामले की जांच के लिए वहां एफएसएल की टीम और पुलिस के अच्चाधिकारी भी पहुंचे थे।
2 जनवरी को खरीदा था ई रिक्शा, गायब
शव मिलने के बाद गुस्साए परिजनों ने शनिवार रात सुपेला थाने का घेराव कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिसे पुलिस दुर्घटना बता रही है वो हत्या है। उनका आरोप है कि इतवारी ने बीते दो जनवरी को नया ई रिक्शा खरीदा था। वो ई रिक्शा गायब है। इसलिए संदेह जताया जा रहा है कि कोई उसकी हत्या कर ई रिक्शा ले गया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
विकलांग पत्नी और बच्चे के लिए मुआवजे की मांग
शनिवार रात कोसानगर के पार्षद सहित 100 से अधिक की संख्या में महिला, पुरुष और किन्नर सुपेला थाने पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। मामला बढ़ते देख सुपेला टीआई ने स्मृति नगर चौकी, वैशाली नगर और लाइन से बल बुला लिया।
परिजन मुआवजे की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि इतवारी की एक विकलांग पत्नी और छोटे छोटे बच्चे हैं। उनपर जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। इसलिए उसे मुआवजा दिया जाए। पुलिस ने कहा मुआवजा देने का का शासन प्रशासन का है। समझाने के बाद परिजन शांत हुए और वापस घर चले गए।