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Mathura Holi : ब्रज की होली का सौंदर्य विश्व प्रसिद्ध है. मथुरा जाकर होली का आनंद लेना हर किसी का सपना है. घर पर भी टोली बनाकर रंग और फूलों से ब्रज की होली का आनंद लें.ठाकुर जी को पसंद थी इस तरह की होली, आप भी …और पढ़ें
ब्रज की होली का आनंद घर पर भी ले सकते हैं
हाइलाइट्स
- ब्रज की होली का आनंद घर पर भी ले सकते हैं.
- टोली बनाकर रंग और फूलों से होली खेलें.
- होली पर डांडिया महोत्सव का आयोजन करें.
Braj ki Holi : पूरी दुनिया में सबसे प्रसिद्ध है ब्रज की होली. इसका सौंदर्य और आकर्षक इतना अधिक है कि दुनिया की कौन इसे मनाने के लिए मथुरा चल जाते हैं. हर इंसान चाहता है कि एक बार वह अपने जीवन में मथुरा जाकर ब्रज की होली का आनंद ले सके. यदि आप होली महोत्सव मनाने ब्रज में नहीं जा पा रहे हैं तो घर बैठकर भी आप ब्रज की होली का आनंद ले सकते हैं.
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कैसे लें ब्रज की होली का आनंद : इस होली महोत्सव को मनाने के लिए आपको कुछ खास इंतजाम पहले से करने होंगे. सबसे पहले आपको कुछ लोगों की एक टोली तैयार करनी होगी. उसे टोली को होली खेलने के लिए कुछ बड़े पत्र जिम रंग भरने की व्यवस्था हो सके. जिससे आप हुरंगा का आनंद ले सकते हैं. इसके साथी आप फूलों की कुछ पंखुड़ियों की व्यवस्था भी कर लें. इससे आपको ठाकुर जी की फूलों की होली का आनंद भी प्राप्त हो सकेगा.
होली पर खेलें डांडियां : पौराणिक मान्यता है कि ठाकुर जी को होली महोत्सव पर डांडिया खेलने का बहुत अधिक शौक था. वह गोपियों के साथ होली पर डांडिया अक्सर खेला करते थे. आप भी मथुरा थीम के आधार पर अपने घर या मोहल्ले में डांडिया महोत्सव का आयोजन होली के दिन कर सकते हैं. डांडिया महोत्सव के दौरान मथुरा का प्रसिद्ध होली रसिया गीत साथ में गाएं. रसिया गाते समय आप ढोलक मजीरे ड्रम और हारमोनियम आदि म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग कर सकते हैं. इससे आपकी होली में चार चांद लग जाएंगे. साथ ही होली महोत्सव पूर्ण रूप से धार्मिक आयोजन होगा.
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होली पर प्रसिद्ध रसिया :
आज बृज में होली रे रसिया,
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया.
अपने अपने घर से निकसी,
कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया.
कौन गावं के कुंवर कन्हिया,
कौन गावं राधा गोरी रे रसिया.
नन्द गावं के कुंवर कन्हिया,
बरसाने की राधा गोरी रे रसिया.
कौन वरण के कुंवर कन्हिया,
कौन वरण राधा गोरी रे रसिया.
श्याम वरण के कुंवर कन्हिया प्यारे,
गौर वरण राधा गोरी रे रसिया.
इत ते आए कुंवर कन्हिया,
उत ते राधा गोरी रे रसिया.
कौन के हाथ कनक पिचकारी,
कौन के हाथ कमोरी रे रसिया.
कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी,
राधा के हाथ कमोरी रे रसिया.
उडत गुलाल लाल भए बादल,
मारत भर भर झोरी रे रसिया.
अबीर गुलाल के बादल छाए,
धूम मचाई रे सब मिल सखिया.
चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,
चिर जीवो यह जोड़ी रे रसिया.
March 04, 2025, 12:13 IST
घर बैठे कैसे लें ब्रज की होली का आनंद? जानिए