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STR में पर्यटकों को हुआ बाघों का दीदार: देनवा बैकवॉटर के पास टहलता दिखे; जंगल सफारी के दौरान बनाया VIDEO – narmadapuram (hoshangabad) News


सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में सफारी के दौरान शुक्रवार को पर्यटकों को दो अलग-अलग स्थानों पर बाघों के दीदार हुए। देनवा के बैक वॉटर में बोट सफारी के दौरान उन्हें एक बाघ नदी किनारे टहलता दिखाई दिया, जबकि जंगल सफारी मार्ग पर दूसरा बाघ नजर आया।

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पर्यटकों ने इन रोमांचक दृश्यों को कैमरे में कैद किया, जिनके वीडियो आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पर्यटक जिप्सी सफारी और बोट सफारी के माध्यम से वन्यजीवों का आनंद ले रहे हैं। बता दें कि, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 62 से अधिक बाघ हैं। इन्हें देखने के लिए देसी-विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में मढ़ई और चूरना क्षेत्र का भ्रमण करते हैं।

देनवा के बैक वॉटर में बोट सफारी के दौरान बाघ टहलता दिखा।

वन्यजीव प्रेमियों के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थल है मढ़ई

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का मढ़ई क्षेत्र वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है। देनवा नदी के बैक वाटर से घिरा यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम है, जहां पर्यटकों को बाघ सहित विभिन्न वन्यजीवों के दर्शन होते हैं। यहां पर्यटकों के लिए जिप्सी और बोट सफारी की विशेष सुविधा उपलब्ध है।

सफारी के दौरान बाघ, तेंदुए, हिरण और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को देखा जा सकता है। क्षेत्र में पर्यटकों की सुविधा के लिए रेस्ट हाउस, कैंटीन, पार्किंग और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था है। अनुभवी गाइड भी उपलब्ध हैं जो पर्यटकों को वन्यजीवों की जानकारी देते हैं।

मढ़ई तक पहुंचने के लिए पिपरिया रेलवे स्टेशन नजदीकी रेल मार्ग है। जबकि भोपाल नजदीकी हवाई अड्डा है। नर्मदापुरम से सड़क मार्ग से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। वन विभाग के अनुसार, यहां पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और वन्यजीव प्रेमियों के लिए मढ़ई एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर)

स्थान और क्षेत्रफल: मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित, कुल क्षेत्रफल लगभग 2,133 वर्ग किलोमीटर, कोर एरिया: 1,339 वर्ग किलोमीटर, बफर जोन: 794 वर्ग किलोमीटर

प्रमुख विशेषताएं: 1981 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित, 1999 में टाइगर रिजर्व का दर्जा, सतपुड़ा और मैकाल पर्वत श्रृंखलाओं का संगम स्थल, तापी और नर्मदा नदी का उद्गम स्थल

वन्यजीव: 62 से अधिक बाघ, तेंदुआ, भालू, गौर, चीतल, सांभर, 300 से अधिक पक्षी प्रजातियां, विविध वनस्पतियां

पर्यटन सुविधाएं: जिप्सी सफारी, बोट सफारी, बर्ड वॉचिंग, नेचर ट्रेल्स,

प्रमुख पर्यटन स्थल: मढ़ई और चूरना

महत्व: मध्य भारत का प्रमुख टाइगर रिजर्व, जैव विविधता का महत्वपूर्ण केंद्र, पारिस्थितिकी पर्यटन का प्रमुख स्थल, वन्यजीव संरक्षण का महत्वपूर्ण केंद्र



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