अपने परिवार के साथ 16वीं रैंक हासिल करने वाले माधव अग्रवाल। (स्कई ब्लू शर्ट में बीच में खड़े हुए)
मंगलवार को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) का फाइनल रिजल्ट आया। ग्वालियर के तीन युवाओं, आयुषी बंसल, दिव्या और माधव अग्रवाल ने शहर का नाम रोशन किया है। माधव अग्रवाल, जो अब UPSC में चयनित हुए हैं, पहले ही CA और CS कर चुके हैं। अभी वे हैदराबाद में प्र
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उस समय सीमा एयरपोर्ट पर थीं। सीमा ने दैनिक भास्कर को बताया कि जब मैंने वीडियो कॉल पर माधव का हंसता हुआ चेहरा देखा तो मैं समझ गई कि उसको सफलता मिल गई है। एयरपोर्ट पर ही मेरी आंखों में आंसू आ गए थे। मेरा बेटा बचपन से ही पढाई में अव्वल था। वह 5वीं तक ग्वालियर में पढ़ा था। स्कूल में यदि उसका एक नंबर कट जाता था तो वह मैडम से लड़ जाता था।
बेटे की कामयाबी पर पिता राकेश अग्रवाल, माधव की मां सीमा को मिठाई खिलाते हुए।
माधव अग्रवाल बोले- बचपन से सपना था कि आईएएस बनूं
ग्वालियर के व्यापारिक घराने से ताल्लुक रखने वाले दाल बाजार निवासी 30 वर्षीय माधव अग्रवाल प्रोफेशनल सीए और सीएस हैं। साल 2019 में उन्होंने सीए में टॉप रैंक हासिल की थी। उनके पिता राकेश अग्रवाल ‘आरआर TEA’ फर्म के नाम से चाय का व्यवसाय करते हैं। माधव दो भाई और एक बहन में सबसे छोटे हैं। बड़े भाई केशव पिता के साथ मिलकर पूरा व्यवसाय संभालते हैं।
जब माधव ने सीए किया, तो परिवार खुश था, लेकिन उनके मन में एक कसक थी। देश के लिए कुछ बड़ा करने की। इसी भावना के चलते उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और साल 2023 की परीक्षा पास की, जिसमें उन्हें 211वीं रैंक मिली। हालांकि उन्हें आईएएस की बजाय आईपीएस मिला। लेकिन इस बार उन्होंने यूपीएससी में 16वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया।
दैनिक भास्कर से बातचीत में माधव ने कहा-मैं पब्लिक सेक्टर में आकर आमजन की सेवा करना चाहता था। बचपन से सपना था कि आईएएस बनूं। मां, पिता और दादा का सपना पूरा करना मेरा फर्ज था।
पूरा परिवार ग्वालियर में माधव की कामयाबी पर एक साथ बैठकर खुशी मनाते हुए।
पिता का सपना था बेटा आईएएस बने
माधव ने पिछले साल दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता का सपना था कि वे उन्हें आईएएस बनते देखें। उसके बाद मैंने संकल्प लिया कि कुछ भी हो पिता का सपना पूरा करना है। यह उनका 5वां प्रयास था, जिसमें उन्होंने पूरे देश में 16वीं रैंक हासिल की है।
पहली बार जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी, तो प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं हुआ था। दूसरी बार में उन्होंने मेंस दिया, तीसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे और चौथे प्रयास में उन्हें 211वीं रैंक मिली थी। लेकिन अब, 5वें प्रयास में उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल कर दिखाया।
इस मौके पर माधव के दादा रामस्वरूप अग्रवाल, पिता राकेश अग्रवाल और मां सीमा अग्रवाल ने कहा- हमें पूरा विश्वास था कि हमारा बेटा हमारा सपना जरूर पूरा करेगा।
कई बार नर्वस होता था तो मेडिटेशन करता था
माधव अग्रवाल ने बताया कि जब पहली बार यूपीएससी की प्रीलिम्स भी नहीं निकली और दूसरी बार मैन्स से आगे नहीं बढ़ सका तो लगा कि कहां जा रहा हूं। पहली बार में परीक्षा में जो प्रश्न पूछे गए थे। वह पल्ले ही नहीं पड़ रहे थे। डिप्रेशन में न आऊं इसके लिए माधव मेडिटेशन किया करते थे।
जिससे मन शांत रहे और काबू में रहे। इसके बाद रिसर्च किया और समझा कि यूपीएससी आखिरकार पूछता क्या है। ऑनलाइन उसका स्टडी मटेरियल निकालकर दिन रात अध्ययन किया। माधव ने प्रारंभिक पढ़ाई ग्वालियर-इंदौर में की है। इसके बाद मुम्बई के एक कॉलेज से सीए का कोर्स पूरा किया। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में लग गए थे।