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अक्षय तृतीया पर मृत्यु का क्या अर्थ है? मोक्ष या संयोग? जानें इस दिन निधन होने के पीछे छिपा गूढ़ संदेश


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Akshay Tritiya Par Mrityu : अक्षय तृतीया का दिन सिर्फ सोना खरीदने या शुभ काम शुरू करने का नहीं है, बल्कि यह आत्मा की यात्रा का एक महत्वपूर्ण मोड़ भी हो सकता है. इस दिन अगर किसी की मृत्यु होती है, तो शास्त्रों क…और पढ़ें

अक्षय तृतीया पर मृत्यु शुभ या अशुभ?

हाइलाइट्स

  • अक्षय तृतीया पर मृत्यु को पुण्य मृत्यु माना जाता है.
  • इस दिन मृत्यु से आत्मा को मोक्ष मिलने की संभावना बढ़ती है.
  • मृतक के परिवार को सकारात्मक ऊर्जा और शांति का अनुभव हो सकता है.

Akshay Tritiya Par Mrityu : अक्षय तृतीया का नाम आते ही लोगों के मन में शुभता की भावना जाग उठती है. इस दिन को बहुत ही खास और पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन किसी भी काम की शुरुआत बिना मुहूर्त के की जा सकती है, क्योंकि यह दिन स्वयंसिद्ध होता है यानी खुद में ही शुभ होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर किसी की मृत्यु इस पावन दिन पर हो जाए तो उसका क्या मतलब होता है? क्या यह सिर्फ एक संयोग होता है या इसके पीछे कोई गहरी आध्यात्मिक बात छिपी होती है? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि शास्त्रों और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन मृत्यु होना क्यों खास माना जाता है.

अक्षय तृतीया: शुभता और मोक्ष का प्रतीक
‘अक्षय’ का अर्थ होता है – जो कभी खत्म न हो. यानी इस दिन किए गए पुण्य कर्मों और शुभ कामों का फल कभी खत्म नहीं होता. यही कारण है कि लोग इस दिन खरीदारी करते हैं, पूजा करते हैं और जरूरतमंदों को दान देते हैं.

ज्योतिष के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्मा और विष्णु का विशेष आशीर्वाद धरती पर रहता है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति का देहांत इस दिन होता है तो यह माना जाता है कि वह आत्मा सीधे अच्छे लोक में जाती है और उसे जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल सकती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मृत्यु होने से आत्मा को शांति मिलती है. इसे ‘पुण्य मृत्यु’ भी कहा जाता है. ऐसी आत्मा पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है और उसे मोक्ष मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

परिवार के लिए क्या संकेत है?
भले ही किसी प्रियजन की मृत्यु किसी भी दिन हो, वह दुखद अनुभव ही होता है. लेकिन अगर यह मृत्यु अक्षय तृतीया जैसे शुभ दिन पर हो, तो इसे केवल दुख का समय न मानकर एक आध्यात्मिक संकेत के रूप में भी देखा जा सकता है.

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अक्षय तृतीया पर मृत्यु का क्या अर्थ है? मोक्ष या संयोग? जानें इसका महत्व



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